
हाजीपुर (वैशाली) – वैशाली जिले के राजापाकड़ थाना क्षेत्र के चौसीमा कल्याणपुर (फकीर टोला) गाँव में एक मामूली विवाद ने अचानक हिंसक रूप ले लिया। स्थानीय युवकों और आइसक्रीम विक्रेता के बीच पैसे को लेकर तकरार के बाद जब Dial-112 की पुलिस टीम पहुंची, तो ग्रामीणों ने प्रतिक्रिया स्वरूप चार पुलिसकर्मियों—जिसमें महुआ थानाध्यक्ष राजेश रंजन भी शामिल हैं—पर हमला कर दिया। आरोपियों ने इस दौरान एक दरोगा का पिस्टल और राइफल छीन ली, जिसे बाद में जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप से पुलिस के हवाले कर दिया गया। तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया और वैशाली SP ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में किया।
घटना का क्रम
ग़ौरतलब है कि विवाद की शुरुआत सुबह देर से हुई जब आइसक्रीम बेचने वाले और कुछ स्थानीय युवक के बीच पैसे को लेकर कहासुनी हो गई। यह देख ग्रामीणों की भावनाएं भड़क उठीं। चिंता जनक परिस्थिति को देखते हुए आइसक्रीम विक्रेता या ग्रामीणों में से किसी ने Dial-112 को सूचना दी। जैसे ही Dial-112 की पुलिस टीम गाँव पहुँची, स्थिति और बिगड़ गई—ग्रामीणों ने अचानक पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया।
हमलावरों ने पुलिस वाहन पर भी तोड़-फोड़ की और एक दरोगा की पिस्टल व राइफल छीन ली; हालांकि, बाद में दोनों हथियार जनप्रतिनिधियों की मध्यस्थता से पुलिस को लौटाए गए।
घायलों और चिकित्सा
हमले में महुआ थाना अध्यक्ष राजेश रंजन समेत कुल चार पुलिसकर्मी घायल हुए। उन्हें तुरंत स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार और सावधानीपूर्ण देखभाल सुनिश्चित की।
पुलिस प्रतिक्रिया एवं कार्रवाई
घटना की खबर मिलते ही वैशाली SP ललित मोहन शर्मा, SDPO संजीव कुमार और अन्य कई थाना प्रभारी एवं पुलिस बल तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने माहौल को नियंत्रित किया और केवल तीन ही नहीं, बल्कि पूरे इलाके में अतिरिक्त पुलिस टार आ गए ताकि और हिंसा को रोका जा सके।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पूछताछ जारी है और आगे की कानूनी कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है।
आरोप–प्रतिक्रिया व माहौल
स्थानीय स्तर पर इस घटना ने प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर सवाल भी खड़े कर दिए हैं। घटना ग्रामीणता और उन्माद का चरम प्रकट करती है, जहाँ साधारण विवाद भी एक्शन का रूप ले सकता है। SP ललित मोहन शर्मा ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस दुखद घटना ने एक बार फिर दिखाया कि किस प्रकार छोटी-सी खींचतान भी बड़ी अफ़रा-तफ़री और हिंसा का रूप ले सकती है—जब सामाजिक ताने-बाने में नियंत्रण खो जाता है। आइसक्रीम के पैसे को लेकर विवाद ने शाखाएं नहीं, बल्कि आक्रोश को जन्म दे डाला। Dial-112 की समय पर प्रतिक्रिया ने स्थिति को तत्काल गंभीरता से संभाला, लेकिन स्थानीय लोगों की उग्रता ने सब कुछ उलट-पालट कर दिया। इस घटना ने प्रशासन के लिए सबक भी छोड़ा है कि किस प्रकार संवेदनशील मामलों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जाए और किस प्रकार त्वरित और संयमित कृषि प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाए।