
पटना। बिहार की राजनीति में सबसे बड़ा सवाल अब खत्म हो गया है। आखिरकार चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान कर दिया है। लंबे इंतजार और लगातार राजनीतिक अटकलों के बाद आयोग ने साफ कर दिया कि इस बार का चुनाव बहुप्रतीक्षित और बेहद अहम होने वाला है। इस चुनाव में सत्ता पर काबिज गठबंधन और विपक्ष के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।
चुनाव आयोग ने जारी किया पूरा कार्यक्रम
मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार चुनाव की तिथियों का ऐलान किया। आयोग के मुताबिक, इस बार चुनाव कई चरणों में संपन्न होंगे। पहले चरण की वोटिंग ___ तारीख को होगी, जबकि आखिरी चरण की वोटिंग ___ तारीख को कराई जाएगी। मतगणना ___ तारीख को होगी और उसी दिन स्पष्ट हो जाएगा कि बिहार की सत्ता किसके हाथों में जाएगी।
चुनाव आयोग ने बताया कि इस बार चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता, सुरक्षा और मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नई तकनीकों का इस्तेमाल होगा।
सुरक्षा व्यवस्था और आचार संहिता
चुनाव आयोग ने घोषणा के साथ ही आचार संहिता (Model Code of Conduct) भी लागू कर दी है। अब से सभी राजनीतिक दलों और नेताओं को आयोग की गाइडलाइन का पालन करना होगा। आचार संहिता उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई होगी।
सुरक्षा की दृष्टि से आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए जाएं। पुलिस और केंद्रीय बलों की संयुक्त तैनाती होगी ताकि हर वोटर बिना डर-भय के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।
मतदाता सूची और EVM-VVPAT की व्यवस्था
आयोग ने साफ किया कि इस बार चुनाव में EVM और VVPAT मशीनों का इस्तेमाल होगा। हर वोटर को अपने वोट का सत्यापन करने का अवसर मिलेगा। मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण भी किया गया है और अब तक करोड़ों वोटरों के नाम जोड़े या संशोधित किए जा चुके हैं।
चुनाव आयोग ने दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सुविधा देने की भी बात कही है। कई जगहों पर व्हीलचेयर और रैंप की व्यवस्था होगी, वहीं 80 साल से ऊपर के नागरिकों को पोस्टल बैलेट की सुविधा मिलेगी।
चुनावी जंग में प्रमुख दल
इस बार के चुनाव में मुकाबला बेहद दिलचस्प माना जा रहा है। एक तरफ सत्ताधारी दल और उसके सहयोगी हैं तो दूसरी तरफ विपक्ष ने भी मोर्चा मजबूत कर लिया है।
सत्ता पक्ष – मौजूदा मुख्यमंत्री और गठबंधन के नेता दावा कर रहे हैं कि उन्होंने राज्य के विकास और कल्याण योजनाओं को आगे बढ़ाया है।
विपक्ष – विपक्षी दल सरकार को बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई और कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर घेर रहे हैं।
अन्य दल और नए समीकरण – इस बार कुछ नए राजनीतिक गठजोड़ भी देखने को मिल सकते हैं, जो समीकरण को बदल सकते हैं।
मतदाताओं की भूमिका
बिहार में करीब ___ करोड़ मतदाता इस बार चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें युवा मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार का चुनाव युवा और महिलाओं के रुख पर काफी हद तक निर्भर करेगा।
ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में मुद्दे अलग-अलग हैं। जहां गांवों में रोजगार, बिजली-पानी, सड़क और किसानों की आय जैसे मुद्दे अहम रहेंगे, वहीं शहरों में शिक्षा, उद्योग, स्वास्थ्य और कानून-व्यवस्था पर फोकस होगा।
डिजिटल प्रचार और सोशल मीडिया की भूमिका
आयोग ने यह भी कहा कि इस बार डिजिटल प्रचार और सोशल मीडिया पर विशेष नजर रखी जाएगी। पार्टियां अब बड़ी संख्या में ऑनलाइन कैंपेन चला रही हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने साफ किया कि फेक न्यूज, भ्रामक जानकारी या नफरत फैलाने वाले कंटेंट पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
विश्लेषकों की नजर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 देश की राजनीति को भी प्रभावित करेगा। यहां के परिणाम से यह तय होगा कि राष्ट्रीय स्तर पर आने वाले लोकसभा चुनावों का रुख किस ओर जाएगा।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं और अब जनता की बारी है कि वह किसे चुनती है। आने वाले दिनों में राज्य की सियासत और भी गरमाएगी और हर तरफ चुनावी माहौल देखने को मिलेगा।