
नई दिल्ली/पटना: बिहार की सियासत में आज का दिन बेहद अहम साबित हो सकता है। खबर है कि चुनाव आयोग (Election Commission of India) आज शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकता है, जिसमें बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान होने की संभावना है। इस घोषणा का बेसब्री से इंतज़ार जनता से लेकर सभी राजनीतिक दलों को है।
चुनाव आयोग की तैयारी पूरी
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्तों की टीम पिछले कुछ दिनों से बिहार के अलग-अलग जिलों में चुनावी तैयारियों का जायजा ले रही थी। सूत्रों के अनुसार, आयोग ने अब पूरी तैयारी पूरी कर ली है और सुरक्षा बलों की तैनाती, बूथ प्रबंधन, मतदाता सूची आदि पर समीक्षा रिपोर्ट भी तैयार कर ली गई है।
चुनाव आयोग के अधिकारियों का कहना है कि बिहार में इस बार चुनाव तीन से चार चरणों में कराए जा सकते हैं, ताकि सुरक्षा और मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके।
नीतीश कुमार सरकार की परीक्षा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए यह चुनाव बेहद चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। वर्तमान में एनडीए (NDA) की सरकार है, लेकिन विपक्षी महागठबंधन (RJD, Congress, Left) सरकार के खिलाफ पूरी ताकत से मैदान में उतरने की तैयारी में है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह चुनाव नीतीश कुमार की लोकप्रियता और एनडीए के प्रदर्शन की बड़ी परीक्षा साबित होगा।
वहीं, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आरजेडी इस बार बेरोजगारी, शिक्षा और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
चुनावी रण में गर्मी बढ़ी
जैसे-जैसे तारीख़ों की घोषणा नज़दीक आ रही है, बिहार की राजनीति में हलचल तेज़ हो गई है।
सभी दलों ने सोशल मीडिया से लेकर गांव-गांव तक प्रचार अभियान तेज़ कर दिए हैं।
बीजेपी और जेडीयू ने संयुक्त रैली की तैयारी शुरू कर दी है, वहीं आरजेडी और कांग्रेस भी संयुक्त रोड शो की रणनीति बना रहे हैं।
चुनाव आयोग ने पहले ही संकेत दिए थे कि अक्टूबर के पहले हफ्ते में तारीखों की घोषणा की जाएगी। ऐसे में आज शाम 4 बजे होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सबकी नज़रें टिकी हैं।
क्या कहता है सूत्रों का दावा?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आयोग अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत में पहले चरण का मतदान कराने की घोषणा कर सकता है।
संभावना यह भी जताई जा रही है कि मतदान तीन से चार चरणों में 78,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर होगा।
राज्य में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से अधिकांश ग्रामीण इलाकों में स्थित हैं।
चुनाव आयोग ने इस बार मतदाताओं की सुविधा को देखते हुए 100% वोटर आईडी लिंकिंग, वेबकास्टिंग और महिला बूथों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है।
सुरक्षा व्यवस्था पर खास ध्यान
बिहार चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था सबसे बड़ा मुद्दा रहता है।
आयोग के अनुसार, राज्य के संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त केंद्रीय बलों की तैनाती की जाएगी।
इसके अलावा, सोशल मीडिया पर अफवाहों और भ्रामक सूचनाओं पर नज़र रखने के लिए एक विशेष “आईटी मॉनिटरिंग सेल” भी बनाया गया है।
जनता की उम्मीदें और चुनौतियाँ
जनता को इस बार बेहतर शासन, रोजगार और शिक्षा सुधार की उम्मीद है।
पिछले कुछ वर्षों में बिहार ने कई विकास परियोजनाएं देखी हैं — मेट्रो प्रोजेक्ट, सड़क नेटवर्क, स्वास्थ्य सुविधाएं — लेकिन बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दे अब भी चुनावी बहस के केंद्र में हैं।
मतदाता अब विकास के साथ-साथ स्थिर सरकार और मजबूत नेतृत्व की भी तलाश में हैं।
राजनीतिक समीकरण
एनडीए में फिलहाल जेडीयू, बीजेपी और हम (हमनी के अधिकार मंच) शामिल हैं।
वहीं, विपक्षी महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस और वाम दल हैं।
इस बार एलजेपी (राम विलास पासवान गुट) का रुख भी चर्चा में है, जो कई सीटों पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना सकता है।
क्या कहता है सोशल मीडिया?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर “#BiharElections2025” और “#BiharChunavDate” जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
लोग अपनी राय और अपेक्षाएँ व्यक्त कर रहे हैं।
कई यूजर्स का कहना है कि आयोग को चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित बनानी चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा मतदान हो सके।
अब सबकी निगाहें आज शाम 4 बजे की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर हैं।
अगर आयोग तारीखों का ऐलान करता है, तो बिहार में सियासी सरगर्मी अपने चरम पर पहुंच जाएगी।
अगले कुछ महीने राज्य की राजनीति के लिए बेहद निर्णायक साबित होने वाले हैं, क्योंकि इस चुनाव से तय होगा कि बिहार की बागडोर किसके हाथ में जाएगी।