छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में सोमवार देर रात एक बड़ा रेल हादसा हो गया। कोरबा पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी के बीच हुई जोरदार टक्कर में अब तक 6 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 20 से ज्यादा यात्री घायल बताए जा रहे हैं। हादसा इतना भीषण था कि कई डिब्बे पटरी से उतर गए और इंजन के हिस्से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
रेलवे अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। मौके पर एनडीआरएफ (NDRF) और स्थानीय पुलिस की टीमें भी जुटी हैं। घायलों को पास के सेक्टर-9 अस्पताल और सिविल हॉस्पिटल बिलासपुर में भर्ती कराया गया है।
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के मुताबिक, कोरबा से बिलासपुर आ रही पैसेंजर ट्रेन का सिग्नल फेल हो गया था। इसी बीच सामने से आ रही मालगाड़ी उसी ट्रैक पर आ गई और दोनों ट्रेनों की आमने-सामने टक्कर हो गई। हादसा बिलासपुर रेल मंडल के घनघोर स्टेशन के पास हुआ, जो कि घने जंगलों से घिरा इलाका है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर इतनी जोरदार थी कि कई यात्रियों को ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया। स्थानीय लोगों ने सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचकर यात्रियों को बाहर निकालने में मदद की।
राहत और बचाव कार्य जारी
रेलवे प्रशासन ने तुरंत आपदा प्रबंधन दल को मौके पर रवाना किया। एनडीआरएफ की टीम ने मलबे में फंसे यात्रियों को निकालने के लिए जेसीबी और गैस कटर की मदद ली। अब तक 6 शव निकाले जा चुके हैं, जबकि 20 से अधिक घायलों को सुरक्षित बाहर लाया गया है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) के महाप्रबंधक ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। रेल मंत्रालय ने भी स्थिति पर नजर बनाए रखी है।
मुख्यमंत्री और रेल मंत्री की प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विश्वनाथ वर्मा ने हादसे पर गहरा शोक जताया है और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने जिला प्रशासन को घायलों को हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर कहा,
“बिलासपुर में हुए रेल हादसे की गहन जांच के आदेश दिए गए हैं। राहत-बचाव कार्य तेजी से जारी है। घायल यात्रियों को हरसंभव चिकित्सा सहायता दी जा रही है।”

मुआवजा और सहायता
रेल मंत्रालय ने मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख का मुआवजा, गंभीर रूप से घायलों को ₹2 लाख, और सामान्य घायलों को ₹50 हजार की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
राज्य सरकार ने भी अतिरिक्त सहायता राशि देने का आश्वासन दिया है। जिला प्रशासन ने राहत शिविर भी बनाए हैं, जहां यात्रियों को भोजन और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की गई है।
ट्रैफिक प्रभावित, कई ट्रेनें डायवर्ट
हादसे के कारण बिलासपुर-कोरबा रेल मार्ग पर ट्रैफिक बाधित हो गया है। रेलवे ने सुरक्षा कारणों से कई ट्रेनों को डायवर्ट या रद्द कर दिया है।
रेलवे के तकनीकी दल ट्रैक बहाली में जुटे हैं। उम्मीद है कि अगले 10-12 घंटे में एक लाइन को फिर से चालू कर दिया जाएगा।
प्रारंभिक जांच में क्या सामने आया?
प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि सिग्नल सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ी के चलते यह हादसा हुआ। हालांकि, कुछ सूत्रों का कहना है कि मानव त्रुटि (Human Error) की संभावना भी नकारा नहीं जा सकती।
रेलवे अधिकारियों ने सिग्नलिंग सिस्टम और इंजन ब्लैक बॉक्स के डेटा को जब्त कर जांच शुरू कर दी है।
मृतकों की पहचान जारी
अब तक जिन यात्रियों की मौत हुई है, उनमें से तीन की पहचान हो चुकी है। बाकी शवों की पहचान की प्रक्रिया चल रही है। सभी मृतकों के परिजनों को सूचित किया जा रहा है।
भविष्य में सुरक्षा उपायों पर जोर
इस हादसे के बाद रेलवे ने देशभर में ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम (ATP) को जल्द लागू करने पर जोर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए आधुनिक तकनीक और समय पर रखरखाव जरूरी है।
जनता में आक्रोश और शोक
स्थानीय लोगों में हादसे को लेकर गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि रेलवे की लापरवाही के कारण ये जानें गई हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर भी #BilaspurTrainAccident ट्रेंड कर रहा है, जिसमें लोग सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
बिलासपुर ट्रेन हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि आखिर रेलवे सुरक्षा प्रणाली कितनी मजबूत है? जांच से सच्चाई सामने आने का इंतजार है, लेकिन फिलहाल पूरा देश इस दर्दनाक दुर्घटना से शोक में डूबा हुआ है।
