ऑनलाइन डॉग खरीदना पड़ा भारी, महिला से 40 हजार की ठगी ।

ऑनलाइन डॉग खरीदना पड़ा भारी, महिला से 40 हजार की ठगी ।

ठगी का मामला देवघर जिले के कुंडा थाना क्षेत्र का, ऑनलाइन पेमेंट के जरिए की गई धोखाधड़ी

देवघर | 24 जुलाई 2025
डिजिटल युग में जहां लोग सुविधा के लिए ऑनलाइन शॉपिंग का सहारा ले रहे हैं, वहीं साइबर अपराधी भी इन प्लेटफॉर्म्स को ठगी का माध्यम बना रहे हैं। ऐसा ही एक मामला झारखंड के देवघर जिले से सामने आया है, जहां एक महिला से ऑनलाइन पालतू कुत्ता खरीदने के नाम पर 40 हजार रुपये की ठगी कर ली गई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाली मंजू देवी ने एक वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन डॉग बुक किया था। वेबसाइट पर आकर्षक रेट और क्यूट ब्रीड की तस्वीरों को देख वह प्रभावित हुईं और एक पपी ऑर्डर कर डाला। शुरुआती बातों में सब कुछ सामान्य लग रहा था। डिलीवरी की तारीख भी तय हो गई – 23 जुलाई।

लेकिन इसी दिन सुबह से उनके पास एक फोन आया। कॉलर ने खुद को “डॉग डिलीवरी एजेंट” बताया और कहा कि पालतू जानवर की डिलीवरी के लिए कुछ अतिरिक्त शुल्क जमा करना होगा। पहले सुरक्षा शुल्क, फिर केज चार्ज, फिर हेल्थ सर्टिफिकेट चार्ज आदि बहाने बनाकर महिला से चार बार में ₹10,000-₹10,000 कर कुल ₹40,000 ट्रांसफर करवा लिए गए। कॉलर ने QR कोड भेजा और गूगल पे/फोन पे जैसे ऐप्स से पैसे मंगवाए।

जब शाम तक डॉग नहीं पहुंचा, और कॉलर ने फिर और पैसे मांगने शुरू किए, तब जाकर मंजू देवी को ठगे जाने का आभास हुआ। उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी स्थानीय थाने को दी। कुंडा थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और साइबर सेल को भी अलर्ट किया गया है।

बढ़ते ऑनलाइन पेट फ्रॉड के मामले

गौरतलब है कि हाल के वर्षों में ऑनलाइन डॉग सेल फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। ठग आमतौर पर सोशल मीडिया, ओएलएक्स जैसे ओपन प्लेटफॉर्म या नकली वेबसाइटों पर प्यारे डॉग्स की तस्वीरें अपलोड कर लोगों को लुभाते हैं। लो-प्राइस और फ्री डिलीवरी के वादे करके यूजर को ट्रैप किया जाता है। जैसे ही कोई ग्राहक संपर्क करता है, उनसे विभिन्न शुल्क के नाम पर पैसे मंगाए जाते हैं।

इसी तरह का एक बड़ा मामला हाल ही में मध्यप्रदेश के ग्वालियर से भी सामने आया था। रीना प्रजापति नामक महिला से ऑनलाइन पालतू कुत्ता खरीदने के दौरान 1.93 लाख रुपये की ठगी हो गई थी। इस सदमे को वह बर्दाश्त नहीं कर पाईं और जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। यह मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में रहा और साइबर फ्रॉड पर सख्त कदम उठाने की मांग तेज हुई।

साइबर ठग कैसे करते हैं ऑपरेशन?

1. फर्जी वेबसाइट/प्रोफाइल बनाते हैं – जिनमें हाई-क्वालिटी पपी की तस्वीरें होती हैं।

2. लो प्राइस दिखाकर ग्राहक को लुभाते हैं – असामान्य रूप से कम कीमत लोगों को आकर्षित करती है।

3. डिलीवरी से पहले कई भुगतान मंगवाते हैं – जैसे ट्रांसपोर्ट चार्ज, इंश्योरेंस, केज चार्ज, मेडिकल सर्टिफिकेट आदि।

4. QR कोड या UPI पेमेंट की मांग करते हैं – ताकि पेमेंट ट्रैक न हो सके।

5. कॉल डिस्कनेक्ट कर गायब हो जाते हैं – और न मोबाइल ऑन होता है, न ईमेल का जवाब मिलता है।

विशेषज्ञों की सलाह: ऐसे बचें ऑनलाइन ठगी से

American Kennel Club (AKC) और Indian Cyber Cell की ओर से दिए गए कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं:

वीडियो कॉल पर पपी देखें – केवल फोटो देखकर भरोसा न करें।

ब्रीडर की जानकारी जांचें – उनके पास रजिस्टर्ड सर्टिफिकेट हो।

फिजिकल विज़िट करें – यदि संभव हो तो पालतू जानवर को देखने उसके ब्रीडर के स्थान पर जाएं।

पेमेंट के लिए सेफ गेटवे चुनें – जैसे क्रेडिट कार्ड या UPI वेरिफाइड प्लेटफॉर्म।

अनजान नंबरों व QR कोड से बचें – ठग अकसर QR कोड भेजकर पैसे वसूलते हैं।

पुश करने वाले कॉल्स से सतर्क रहें – जो व्यक्ति डील के लिए जल्दबाजी कर रहा हो, वह संदिग्ध हो सकता है।

पुलिस व प्रशासन से अपील

देवघर पुलिस ने जनता से अपील की है कि ऑनलाइन कोई भी ट्रांजैक्शन करते समय सतर्क रहें। खासकर जब मामला कैश ट्रांसफर या QR कोड के माध्यम से हो, तो पूरी तरह से सत्यापन के बाद ही भुगतान करें। इसके अलावा, किसी भी तरह की धोखाधड़ी की सूचना तुरंत नजदीकी थाना या साइबर सेल को दें।

देवघर जिला प्रशासन ने भी चेतावनी दी है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीदारी करते वक्त स्थानीय व रजिस्टर्ड डीलर की ही सेवाएं लें। अनजाने नंबरों और वेबसाइट्स से लेनदेन में सावधानी बरतें।

कहां करें शिकायत?

अगर आप भी किसी ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार हुए हैं, तो ये कदम उठाएं:

1930 पर कॉल कर साइबर ठगी की रिपोर्ट करें

www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें

नजदीकी पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराएं

ऑनलाइन शॉपिंग की दुनिया जितनी सुविधाजनक है, उतनी ही जोखिमपूर्ण भी बनती जा रही है। ऐसे में नागरिकों का सतर्क रहना और सही जानकारी के साथ खरीदारी करना ही ठगी से बचने का एकमात्र उपाय है। देवघर की यह घटना इस बात की गंभीर चेतावनी है कि डिजिटल दुनिया में हर कदम सोच-समझकर उठाना जरूरी है।

  • Related Posts

    अचानक कब्रों से गायब होने लगी हड्डियां, इंसानी खोपड़ियों की बढ़ी डिमांड!

    Contentsमामला कहां का है?क्यों बढ़ी इंसानी खोपड़ियों की डिमांड?पुलिस ने क्या कदम उठाए?कानून क्या कहता है?स्थानीय लोगों में डर और गुस्सा देश के कुछ हिस्सों में इन दिनों एक चौंकाने…

    प्रधानमंत्री मोदी ने मारुति सुज़ुकी की पहली भारत-निर्मित EV ‘e-Vitara’ को हंसलपुर (गुजरात) से झंडी दिखाकर वैश्विक निर्यात की शुरुआत की।

    Contentsविस्तारित विवरणप्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा:तकनीकी और बाजार संबंधी विवरण:महत्व और प्रभाव:भविष्य की राह: 26 अगस्त 2025 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हंसलपुर, गुजरात में मारुति सुज़ुकी के इतिहास…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *