कैंसर आज दुनिया की सबसे घातक बीमारियों में से एक बन चुकी है। हर साल लाखों लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में अनियंत्रित कोशिकाओं की वृद्धि से होता है, जो धीरे-धीरे आसपास के ऊतकों और अंगों को प्रभावित करने लगती है। नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे के अवसर पर यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिर कैंसर में दर्द कब शुरू होता है और इसके पीछे क्या कारण होते हैं।
कैंसर में दर्द क्यों होता है
डॉक्टरों के अनुसार, कैंसर के शुरुआती चरण में अधिकतर लोगों को दर्द महसूस नहीं होता। ऐसा इसलिए क्योंकि कैंसर कोशिकाएं जब तक आस-पास की नसों, हड्डियों या अंगों को प्रभावित नहीं करतीं, तब तक दर्द का अनुभव नहीं होता। लेकिन जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है और शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने लगता है, तब दर्द की तीव्रता बढ़ जाती है।
किस स्टेज पर होता है दर्द
कैंसर का दर्द मुख्य रूप से तीसरे और चौथे स्टेज में महसूस होता है। इस अवस्था में ट्यूमर बड़ा हो जाता है या शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है, जिससे नसों पर दबाव पड़ता है और लगातार दर्द होता है। कुछ मामलों में हड्डियों, लिवर या फेफड़ों में फैलने के कारण दर्द असहनीय हो जाता है।

दर्द का स्वरूप और स्थान
कैंसर का दर्द हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है। उदाहरण के लिए:
बोन कैंसर में हड्डियों में गहरी और लगातार पीड़ा महसूस होती है।
लिवर कैंसर में पेट के ऊपरी हिस्से में भारीपन या तेज दर्द हो सकता है।
ब्रेन ट्यूमर में सिरदर्द और आंखों के पीछे दर्द बढ़ सकता है।
फेफड़ों के कैंसर में छाती या पीठ में लगातार दर्द महसूस होता है।
माउथ या थ्रोट कैंसर में बोलने, खाने और निगलने में तेज जलन या दर्द होता है।
दर्द नियंत्रण के उपाय
डॉक्टर बताते हैं कि आधुनिक चिकित्सा में कैंसर से जुड़े दर्द को कम करने के कई तरीके मौजूद हैं।
1. दर्द निवारक दवाएं जैसे कि ओपिओइड्स या एनाल्जेसिक दवाएं डॉक्टर की सलाह से दी जाती हैं।
2. रेडिएशन थेरेपी या कीमोथेरेपी से ट्यूमर का आकार घटाकर दर्द को नियंत्रित किया जा सकता है।
3. फिजियोथेरेपी और रिलैक्सेशन तकनीक से भी दर्द में राहत मिलती है।
4. पेलिएटिव केयर (Palliative Care) अब कैंसर मरीजों के लिए एक विशेष चिकित्सा पद्धति बन गई है जो जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करती है।
शुरुआती लक्षणों की पहचान जरूरी
कैंसर का इलाज तभी सफल हो सकता है जब इसका पता शुरुआती अवस्था में लगाया जाए। लंबे समय तक बनी रहने वाली सूजन, बिना कारण वजन कम होना, थकान, भूख में कमी, शरीर पर गांठ या किसी अंग में दर्द जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। समय पर जांच और सही इलाज से कैंसर को नियंत्रित किया जा सकता है।
कैंसर का दर्द मुख्य रूप से तब होता है जब बीमारी बढ़कर शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने लगती है। इसलिए जरूरी है कि लोग इस गंभीर बीमारी के शुरुआती लक्षणों को पहचानें और समय पर जांच करवाएं। जागरूकता, नियमित स्वास्थ्य जांच और सही जीवनशैली से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को काफी हद तक रोका जा सकता है।
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है। यह किसी भी तरह से चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी प्रकार के लक्षण या समस्या के लिए तुरंत योग्य डॉक्टर से परामर्श लें।
