
CBSE 10वीं बोर्ड परीक्षा अब साल में दो बार
पहली परीक्षा अनिवार्य, दूसरी ऐच्छिक होगी
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं बोर्ड परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए अब साल में दो बार परीक्षा कराने के नियम को मंजूरी दे दी है। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत बोर्ड परीक्षाओं को अधिक लचीला और छात्रों के अनुकूल बनाने की दिशा में उठाया गया है।
CBSE द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, अब कक्षा 10वीं के छात्रों को पहली बार होने वाली बोर्ड परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य होगा। वहीं दूसरी बार आयोजित होने वाली परीक्षा में छात्र अपनी इच्छा से भाग ले सकेंगे। इसका उद्देश्य छात्रों को एक और अवसर देना है जिससे वे अपने अंकों में सुधार कर सकें।
बोर्ड का कहना है कि जिन छात्रों का पहली परीक्षा में प्रदर्शन अच्छा रहेगा, वे दूसरी परीक्षा में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं होंगे। लेकिन अगर कोई छात्र अपने परिणाम से असंतुष्ट होता है, तो वह दूसरी परीक्षा में शामिल होकर अपने अंकों में सुधार का प्रयास कर सकता है। अंतिम रिजल्ट में छात्र के दो में से सर्वश्रेष्ठ स्कोर को मान्यता दी जाएगी।
शैक्षिक विशेषज्ञों और शिक्षकों ने CBSE के इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह कदम विद्यार्थियों पर परीक्षा का दबाव कम करेगा और उन्हें अपनी क्षमता के अनुसार बेहतर प्रदर्शन का मौका देगा।
बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि इस बदलाव से परीक्षा की कठिनाई या पाठ्यक्रम में कोई फेरबदल नहीं किया गया है। छात्र दोनों परीक्षाओं में एक समान पाठ्यक्रम के आधार पर ही मूल्यांकन किए जाएंगे।
इस नई प्रणाली को कब से लागू किया जाएगा, इसकी विस्तृत जानकारी जल्द ही CBSE द्वारा आधिकारिक वेबसाइट पर जारी की जाएगी।