
CBSE: 3 से 11 साल के बच्चों की अब मातृभाषा में होगी पढ़ाई, सीबीएसई की नई गाइडलाइन जारी।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने स्कूली शिक्षा में बड़ा बदलाव करते हुए मातृभाषा को प्राथमिक शिक्षा का माध्यम बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। नई गाइडलाइन के अनुसार, अब 3 से 11 साल तक यानी प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 5वीं तक के बच्चों की पढ़ाई उनकी मातृभाषा, घरेलू भाषा या क्षेत्रीय भाषा में कराई जाएगी।
Cbse के इस फैसले की नींव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा स्कूल शिक्षा 2023 (NCFSE 2023) पर आधारित है, जो शुरुआती शिक्षा में मातृभाषा के उपयोग को सबसे ज्यादा प्रभावशाली मानते है।
सर्कुलर में कहा गया है कि छोटे बच्चे अपने घर की भाषा में ही सबसे तेजी से और गहराई से कॉन्सेप्ट को समझ पाते हैं। इसलिए शुरुआती शिक्षा में मातृभाषा का उपयोग बच्चे की सीखने की क्षमता, आत्मविश्वास और समझ को कई गुना बढ़ा सकता है।
सीबीएसई के सर्कुलर में सभी स्कूलों को मई के अंत तक एक ‘एनसीएफ कार्यान्वयन समिति’ बनाने के लिए कहा गया है. ये समिति छात्रों की मातृभाषाओं, भाषा संसाधनों को मैप करेगी. वहीं, स्कूलों को भी जल्द से जल्द लैंग्वेज मैपिंग एक्सरसाइज पूरा करने के लिए कहा गया है।
फिलहाल अंग्रेजी देशभर के सीबीएसई स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं में निर्देश की प्रमुख भाषा है और ये तो आप जानते ही होंगे कि सीबीएसई देश का सबसे बड़ा स्कूल बोर्ड है, जिसमें 30 हजार से अधिक स्कूल एफिलिएटेड हैं।