
चाईबासा हादसा: गुवा सेल लौह अयस्क खदान में हॉलपैक वाहन का टायर फटने से बड़ा हादसा।
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चाईबासा जिले के अंतर्गत आने वाली गुवा सेल (SAIL) लौह अयस्क खदान में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने न केवल कर्मचारियों बल्कि पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। खदान क्षेत्र में कार्यरत एक भारी-भरकम वाहन (हॉलपैक) के टायर के अचानक फट जाने से एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
क्या है पूरा मामला
हादसा तब हुआ जब खदान में खनन कार्य के दौरान हॉलपैक वाहन का एक विशाल टायर अचानक फट गया। टायर का धमाका इतना तेज था कि आस-पास मौजूद मजदूर उसकी चपेट में आ गए। घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। घायलों को तत्काल गुवा अस्पताल ले जाया गया, जहां एक मजदूर को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि तीन अन्य की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
मृतक और घायल मजदूरों की पहचान
मृतक मजदूर की पहचान खदान में लंबे समय से कार्यरत एक स्थानीय निवासी के रूप में हुई है। घायल मजदूरों का इलाज गुवा अस्पताल में जारी है, वहीं एक की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए जमशेदपुर रेफर करने की तैयारी की जा रही है।
सुरक्षा उपायों पर उठे सवाल
इस घटना के बाद खदान की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। मजदूर संघों और स्थानीय लोगों का कहना है कि खदान में भारी वाहनों की नियमित जांच नहीं की जाती और सुरक्षा मानकों की अनदेखी आम बात हो गई है। श्रमिक संगठनों ने मांग की है कि घटना की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
प्रशासन और कंपनी का रुख
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और सेल (SAIL) प्रबंधन की ओर से घटनास्थल का मुआयना किया गया। कंपनी ने मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की बात कही है और घटना की जांच के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया गया है। हालांकि, मजदूर संगठनों ने इस पर असंतोष जताते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
घटना के बाद स्थानीय गांवों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि खदान प्रबंधन केवल उत्पादन पर ध्यान देता है, जबकि मजदूरों की जान की कोई कीमत नहीं समझी जाती। यदि सुरक्षा मानकों का पालन सही ढंग से किया जाता, तो ऐसी जानलेवा घटनाएं रोकी जा सकती थीं।
गुवा सेल खदान में हुए इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिक सुरक्षा की अनदेखी को उजागर कर दिया है। यह घटना न सिर्फ एक मजदूर की जान ले चुकी है, बल्कि तीन परिवारों को संकट में डाल चुकी है। अब जरूरत है कि जिम्मेदार अधिकारी न सिर्फ जांच करें, बल्कि सुरक्षा उपायों को कड़ाई से लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।