
चंदन मिश्रा हत्याकांड: बिहार पुलिस को बड़ी सफलता, छह आरोपी गिरफ्तार, नेटवर्क का हो रहा खुलासा
पटना, 19 जुलाई 2025 —
राजधानी पटना के प्रतिष्ठित पारस एचएमआरआई अस्पताल में दिनदहाड़े हुई गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या के मामले में बिहार पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है। बिहार राज्य विशेष कार्यबल (STF) और पटना पुलिस की संयुक्त टीम ने इस जघन्य हत्याकांड में शामिल छह शूटरों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारियां एक अन्य राज्य से की गईं, जिसकी पहचान सुरक्षा कारणों से अभी उजागर नहीं की गई है। पुलिस के मुताबिक, ये गिरफ्तारी गिरोह के नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में एक अहम कदम है।
क्या है मामला?
बीते सप्ताह चंदन मिश्रा की अस्पताल परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना ने न केवल शहर में सनसनी फैला दी थी, बल्कि कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। पुलिस ने शुरूआती जांच में इसे गैंगवार का हिस्सा बताया था और घटनास्थल से कई सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए थे।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी घटना के बाद एक अन्य राज्य में छिपे हुए थे। बिहार एसटीएफ और पटना पुलिस की संयुक्त टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर इनपर नजर रखी और 48 घंटे तक चली लगातार निगरानी और ट्रैकिंग के बाद एक विशेष ऑपरेशन के तहत इनकी गिरफ्तारी की गई। गिरफ्तार आरोपियों को अब पटना लाया जा रहा है, जहां उनसे पूछताछ के बाद और भी खुलासे होने की उम्मीद है।
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राजीव मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए बताया,
और कौन हैं शक के घेरे में?
पुलिस का मानना है कि इन छह आरोपियों के पीछे एक पूरा गिरोह काम कर रहा है, जिसकी जड़ें बिहार के साथ-साथ झारखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक फैली हुई हो सकती हैं। कुछ अन्य संदिग्धों की पहचान कर ली गई है और उनके ठिकानों पर छापेमारी जारी है।
एक अधिकारी ने बताया कि यह गिरोह पेशेवर तौर पर हत्या की सुपारी लेता था। जांच एजेंसियां इस बात की भी पड़ताल कर रही हैं कि क्या इस हत्याकांड का सीधा संबंध किसी राजनीतिक या कारोबारी प्रतिद्वंद्विता से है।
अपराध की पृष्ठभूमि
चंदन मिश्रा का नाम पहले से ही कई आपराधिक मामलों में सामने आ चुका था। वह बिहार के आपराधिक जगत में एक जाना-पहचाना नाम था और उसके खिलाफ हत्या, अपहरण और रंगदारी के दर्जनों मुकदमे चल रहे थे। हालांकि हाल के दिनों में वह खुद पर लगे आरोपों से खुद को अलग बताने की कोशिश कर रहा था और स्थानीय राजनीति में सक्रिय होने की खबरें भी थीं।
पुलिस को शक है कि चंदन मिश्रा की बढ़ती राजनीतिक सक्रियता और पुराने आपराधिक दुश्मनों के बीच की प्रतिद्वंद्विता इस हत्याकांड की वजह हो सकती है।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
दिनदहाड़े अस्पताल जैसी भीड़-भाड़ वाली जगह पर हुई इस वारदात ने पटना की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अस्पताल परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगे होने के बावजूद अपराधियों का इस तरह घुसकर हत्या करना पुलिस के लिए शर्मनाक माना जा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस घटना को “बहुत गंभीर” बताया है और घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
राजनीतिक हलकों में भी घटना की तीखी प्रतिक्रिया हुई। विपक्ष ने सरकार पर कानून व्यवस्था फेल होने का आरोप लगाया, वहीं सत्ताधारी दल ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि “अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
आगे की रणनीति
बिहार पुलिस अब इस केस को केवल एक हत्या के मामले के रूप में नहीं, बल्कि संगठित अपराध के एक नेटवर्क के रूप में देख रही है। गिरफ्तारियों के बाद पुलिस इस नेटवर्क के फंडिंग, हथियार आपूर्ति और राजनीतिक-सामाजिक कनेक्शन की भी गहन जांच कर रही है।
सूत्रों की मानें तो इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग की भी मदद ली जा सकती है, ताकि इस पूरे गिरोह के आर्थिक नेटवर्क की जांच की जा सके।
चंदन मिश्रा की हत्या ने बिहार के अपराध-जगत के साथ-साथ उसकी राजनीतिक पृष्ठभूमि को भी एक बार फिर उजागर किया है। हालांकि छह आरोपियों की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी सफलता है, लेकिन असली परीक्षा तब होगी जब पूरे नेटवर्क को तोड़ा जाएगा और इसके पीछे की सच्चाई को सामने लाया जाएगा।
जनता को उम्मीद है कि पुलिस न केवल इस हत्याकांड को सुलझाएगी बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सख्त रणनीति भी अपनाएगी।