
बिहार की कानून व्यवस्था पर भड़के चिराग पासवान, बोले- ‘दुख है कि मैं ऐसी सरकार को समर्थन दे रहा हूं’
पटना। बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। इस बार स्वर उठे हैं केंद्र सरकार में मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान की ओर से। चिराग ने राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर नीतीश कुमार सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने न केवल हत्या, अपहरण और लूट जैसी घटनाओं की तीखी आलोचना की, बल्कि यह भी कह डाला कि उन्हें अफसोस है कि वह ऐसी सरकार को समर्थन दे रहे हैं।
अपराध पर बढ़ती चिंता
चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में अपराध बेलगाम होता जा रहा है। राजधानी पटना से लेकर ग्रामीण इलाकों तक लूट, अपहरण और हत्या की घटनाएं आम हो गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ये घटनाएं सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये आम जनता की जिंदगी को प्रभावित कर रही हैं। चिराग के मुताबिक, राज्य में महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर सवाल बन चुकी है और प्रशासन मूकदर्शक बनकर देख रहा है।
‘प्रशासन नाकाम, भयावह स्थिति की आशंका’
चिराग पासवान ने चेतावनी दी कि अगर समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो बिहार में स्थिति और भयावह हो सकती है। उन्होंने कहा, “जिस राज्य में जनता खुद को असुरक्षित महसूस करे, वहां लोकतंत्र कमजोर होता है। अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि उन्हें कानून का कोई डर नहीं रहा। यह स्थिति चिंताजनक ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र के लिए भी खतरनाक है।”
सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग
चिराग ने नीतीश सरकार से अपील की कि वह तुरंत प्रभाव से एक्शन प्लान बनाए और पुलिस प्रशासन को जवाबदेह बनाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को जनता को भरोसा दिलाना होगा कि कानून व्यवस्था उनकी प्राथमिकता में है। “अगर सरकार अब भी आंखें मूंदे बैठी रही, तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं,” उन्होंने चेताया।
राजनीतिक समीकरणों पर भी असर
चिराग पासवान का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। लोकसभा चुनाव के बाद अब सभी दल विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट चुके हैं। ऐसे में चिराग का यह तीखा बयान सहयोगी दल बीजेपी और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के बीच तनाव का संकेत माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि चिराग पासवान आने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए खुद को ‘जनता की आवाज़’ के रूप में पेश कर रहे हैं। वे यह भी दिखाना चाह रहे हैं कि वह आंख मूंदकर समर्थन नहीं करते, बल्कि गलत को गलत कहने का साहस रखते हैं।
बीजेपी और जेडीयू की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब नजरें इस बात पर हैं कि बीजेपी और जेडीयू चिराग के इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। बीजेपी की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जेडीयू के कुछ नेताओं ने ऑफ द रिकॉर्ड कहा कि चिराग का यह बयान महज “राजनीतिक स्टंट” है।
हालांकि, कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग का यह बयान केवल नाराजगी नहीं बल्कि एक रणनीतिक दबाव का हिस्सा है। इसके जरिए वे बिहार में अपनी पार्टी की प्रासंगिकता और नेतृत्व क्षमता को फिर से स्थापित करना चाहते हैं।
बिहार की जनता में निराशा
सिर्फ नेता ही नहीं, राज्य की आम जनता भी कानून व्यवस्था को लेकर चिंतित है। बीते कुछ महीनों में कई जिलों से ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जिनमें पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे हैं। कई मामलों में तो पीड़ितों ने यह तक कहा कि FIR तक दर्ज नहीं हो रही।
एक पटना निवासी व्यापारी ने बताया, “हम हर रोज डर के साये में जी रहे हैं। कब कौन लूट ले, कोई भरोसा नहीं। पुलिस में शिकायत करो तो वो कार्रवाई करने की बजाय टाल-मटोल करती है।”
आने वाले चुनावों पर पड़ेगा असर?
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बिहार में अपराधों का ग्राफ इसी तरह ऊपर जाता रहा तो यह आने वाले चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकता है। खासकर युवाओं और महिलाओं के बीच यह विषय गहरी पकड़ बना सकता है।
चिराग पासवान जैसे युवा और मुखर नेता इस मुद्दे को उठाकर खुद को अपराध के खिलाफ एक मजबूत चेहरा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में अन्य दल इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाते हैं।
बिहार की राजनीति में चिराग पासवान की यह टिप्पणी सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि आने वाले समय की एक बड़ी सियासी हलचल का संकेत है। कानून व्यवस्था पर सवाल उठाना जहां उनकी सामाजिक जिम्मेदारी का हिस्सा है, वहीं यह उनके राजनीतिक भविष्य की रणनीति का भी एक अहम हिस्सा बनता जा रहा है। अब देखना यह है कि क्या राज्य सरकार चिराग की इस चेतावनी को गंभीरता से लेती है या इसे महज एक ‘राजनीतिक बयान’ मानकर अनदेखा करती है।