
रांची, 15 सितंबर 2025।
झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से आज कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में टाटा मोटर्स लिमिटेड (Tata Motors Ltd.) के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य भेंट की। इस दौरान कंपनी के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को हाइड्रोजन इंजन (Hydrogen Engine) और इलेक्ट्रिक ट्रक (Electric Trucks) के क्षेत्र में हो रही प्रगति की जानकारी दी। बैठक के दौरान न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) से जुड़ी अद्यतन गतिविधियों पर चर्चा हुई बल्कि राज्य में ग्रीन मोबिलिटी (Green Mobility) और सतत विकास (Sustainable Development) को लेकर संभावित सहयोग की दिशा भी स्पष्ट हुई।
मुलाकात का उद्देश्य
इस उच्चस्तरीय बैठक का मुख्य उद्देश्य मुख्यमंत्री को यह बताना था कि टाटा मोटर्स आने वाले समय में झारखंड में ई-मोबिलिटी सेक्टर को कैसे गति दे सकती है। कंपनी ने हाइड्रोजन आधारित इंजनों पर चलने वाले वाहनों और इलेक्ट्रिक ट्रकों की उत्पादन योजना, अनुसंधान, निवेश और तकनीकी उन्नयन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
टाटा मोटर्स प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड को “इंडस्ट्रियल हब” के रूप में विकसित करने की संभावना पर भी प्रकाश डाला।
बैठक में शामिल प्रमुख व्यक्ति
बैठक में टाटा मोटर्स लिमिटेड की ओर से कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इनमें शामिल थे:
श्री सुशांत चंद्रकांत नाईक, ग्लोबल हेड-गवर्नमेंट पब्लिक अफेयर्स
श्री विशाल बादशाह, वाइस प्रेसिडेंट, ऑपरेशन
श्री अनितेश मोंगा, प्लांट हेड, टाटा कमिंस
श्री कनिष्क कुमार, श्री सिद्धार्थ बक्शी और श्री जोकिम सलताना, गवर्नमेंट अफेयर्स टीम
श्री पंकज पटवारी, फाइनेंस टीम
वहीं मुख्यमंत्री की ओर से अपर मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार बैठक में उपस्थित रहे।
हाइड्रोजन इंजन और इलेक्ट्रिक ट्रक पर विशेष जोर
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि टाटा मोटर्स सतत ऊर्जा (Sustainable Energy) और प्रदूषण नियंत्रण (Pollution Control) के लिए हाइड्रोजन फ्यूल इंजन और ई-ट्रक (Electric Trucks) तकनीक पर तेजी से काम कर रही है।
हाइड्रोजन इंजन पेट्रोल-डीजल का विकल्प बन सकता है, जो कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emission) को लगभग शून्य कर देगा।
इलेक्ट्रिक ट्रक से माल परिवहन के क्षेत्र में न केवल खर्च कम होगा बल्कि पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा।
टाटा मोटर्स का लक्ष्य है कि अगले कुछ वर्षों में झारखंड को इन उन्नत वाहनों का मैन्युफैक्चरिंग हब बनाया जाए।
झारखंड में निवेश की संभावनाएँ
झारखंड एक खनिज और औद्योगिक राज्य है। टाटा समूह का इस राज्य से ऐतिहासिक संबंध रहा है। टाटा स्टील (Tata Steel) जमशेदपुर में दशकों से कार्यरत है। अब टाटा मोटर्स भी झारखंड में ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देकर ग्रीन इंडस्ट्रीज के विकास की राह खोलना चाहती है।
संभावनाएँ:
नए औद्योगिक पार्क और EV मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की स्थापना।
रोज़गार सृजन – हज़ारों युवाओं के लिए नए अवसर।
तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास – पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग छात्रों को हाइड्रोजन एवं EV टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग।
मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने टाटा मोटर्स प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि झारखंड सरकार पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकूल औद्योगिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि:
राज्य सरकार ग्रीन टेक्नोलॉजी आधारित उद्योगों को हर संभव सहयोग प्रदान करेगी।
झारखंड को ईको-फ्रेंडली ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का केंद्र बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।
निवेशकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को और सरल बनाया जाएगा।
ग्रीन मोबिलिटी और झारखंड का भविष्य
भारत सरकार ने 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। ऐसे में हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक वाहनों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। झारखंड जैसे खनिज-प्रधान राज्य में यदि ग्रीन मोबिलिटी उद्योग स्थापित होता है, तो यह पूरे पूर्वी भारत की तस्वीर बदल सकता है।
इलेक्ट्रिक ट्रक और बसें – कोयला और खनिज परिवहन में प्रयोग।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर – राज्य भर में EV चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना।
रिन्यूएबल एनर्जी लिंक – सोलर और पवन ऊर्जा से EV चार्जिंग।
आर्थिक और सामाजिक लाभ
1. रोजगार: टाटा मोटर्स की परियोजनाओं से हजारों युवाओं को सीधा और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
2. कौशल विकास: नए प्रशिक्षण केंद्र खुलेंगे, जहां इंजीनियर और तकनीशियन तैयार होंगे।
3. पर्यावरण संरक्षण: डीजल और पेट्रोल वाहनों पर निर्भरता घटेगी।
4. आर्थिक विकास: झारखंड देश का प्रमुख ऑटोमोबाइल हब बन सकता है।
टाटा मोटर्स की वैश्विक पहल
टाटा मोटर्स भारत की पहली कंपनियों में से है जिसने EV बाजार में बड़ा निवेश किया।
कंपनी ने हाल ही में कई इलेक्ट्रिक कारें और बसें लॉन्च की हैं।
अब कंपनी का फोकस हाइड्रोजन फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी पर है।
इसका लाभ झारखंड जैसे राज्य को सीधे मिलेगा।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और टाटा मोटर्स प्रतिनिधिमंडल की यह मुलाकात झारखंड में ग्रीन मोबिलिटी इंडस्ट्री की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले वर्षों में यह साझेदारी न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी बल्कि झारखंड को सतत औद्योगिक विकास का मॉडल भी बनाएगी।