
नई दिल्ली। देश की आंतरिक सुरक्षा में सबसे अहम भूमिका निभाने वाली केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने कांग्रेस सांसद और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है। सीआरपीएफ वीवीआईपी सिक्योरिटी के प्रमुख सुनील जून ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी दोनों को पत्र लिखकर यह स्पष्ट किया है कि राहुल गांधी कई बार सुरक्षा एजेंसियों के तय प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते, जिससे उनकी जान को खतरा बढ़ जाता है।
पत्र में कहा गया है कि राहुल गांधी की सुरक्षा के लिए Z+ श्रेणी की व्यवस्था की गई है, जिसमें बुलेटप्रूफ गाड़ियां, प्रशिक्षित कमांडो और एडवांस टीम की तैनाती शामिल होती है। इसके बावजूद राहुल गांधी अक्सर निर्धारित गाड़ी से बाहर निकलते हैं, अचानक भीड़ में चले जाते हैं और बिना जानकारी दिए रोड शो जैसी गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं। सीआरपीएफ का कहना है कि ऐसा करने से न केवल उनकी जान जोखिम में आती है बल्कि सुरक्षा बलों के लिए भी गंभीर चुनौती खड़ी होती है।

राहुल गांधी की सुरक्षा में बार-बार चूक

राहुल गांधी की सुरक्षा में बार-बार चूक
सीआरपीएफ की ओर से लिखे गए इस पत्र में साफ कहा गया है कि राहुल गांधी ने बीते महीनों में कई बार सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया है।
कई मौकों पर वे बिना बुलेटप्रूफ गाड़ी के यात्रा करते देखे गए।
पदयात्रा और सभाओं के दौरान अचानक भीड़ के बीच चले जाते हैं।
सुरक्षा दल को बिना बताए अचानक दिशा बदल देते हैं।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि राहुल गांधी के इस तरह के कदम किसी भी अप्रिय घटना को जन्म दे सकते हैं। गौरतलब है कि 1991 में उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या भी सुरक्षा चूक का नतीजा मानी जाती है।
खड़गे को भी लिखी चिट्ठी
सीआरपीएफ ने केवल राहुल गांधी को ही नहीं, बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी पत्र भेजा है। खड़गे को याद दिलाया गया है कि राहुल गांधी की सुरक्षा केवल उनकी निजी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का भी मामला है। एक बड़े नेता के रूप में राहुल गांधी का सुरक्षित रहना बेहद जरूरी है।
खड़गे को यह भी बताया गया है कि कांग्रेस पार्टी को अपने कार्यक्रमों की जानकारी समय रहते सुरक्षा एजेंसियों को देनी चाहिए, ताकि एडवांस सुरक्षा तैयारियों में कोई कमी न रहे।
राजनीति में उठे सवाल
इस पत्र के सामने आने के बाद सियासी गलियारों में बहस तेज हो गई है।
बीजेपी नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी का यह रवैया लापरवाह है और वे सुरक्षा बलों की मेहनत को नजरअंदाज कर रहे हैं।
कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी जनता से सीधा जुड़ाव चाहते हैं, इसलिए वे प्रोटोकॉल से बंधे नहीं रह पाते।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षा से समझौता करना किसी भी नेता के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
राहुल गांधी की यात्राएं और सुरक्षा
हाल ही में राहुल गांधी लगातार यात्रा कार्यक्रमों में व्यस्त हैं।
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी कई बार सुरक्षा एजेंसियों ने उनके अचानक भीड़ में जाने पर आपत्ति जताई थी।
सीमांचल और रायबरेली जैसे क्षेत्रों में भी उन्होंने सुरक्षा घेरे से बाहर निकलकर जनता से मुलाकात की।
सीआरपीएफ का मानना है कि राहुल गांधी की लोकप्रियता और भीड़ जुटाने की क्षमता को देखते हुए उनके खिलाफ साजिश का खतरा हमेशा बना रहता है।

विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों की राय
सुरक्षा मामलों के जानकार कहते हैं कि राहुल गांधी की सुरक्षा में जरा सी भी ढिलाई बड़ी घटना का कारण बन सकती है।
पूर्व पुलिस अधिकारी और सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक—
1. “वीवीआईपी सुरक्षा व्यवस्था तभी कारगर होती है जब वीवीआईपी खुद उस पर अमल करे।”
2. “अगर नेता सुरक्षा निर्देशों की अनदेखी करते हैं तो पूरी टीम के लिए खतरा बढ़ जाता है।”
3. “राजनीतिक कारणों से सुरक्षा का मुद्दा हल्का नहीं लिया जा सकता।”
कांग्रेस का जवाब
कांग्रेस की ओर से इस पत्र पर आधिकारिक प्रतिक्रिया आना बाकी है। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी जनता से दूरी बनाकर राजनीति नहीं करना चाहते। वे भीड़ के बीच जाकर सीधे संवाद स्थापित करना चाहते हैं, लेकिन इसके बावजूद सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी नहीं होनी चाहिए।
सीआरपीएफ का यह पत्र केवल एक चेतावनी नहीं बल्कि गंभीर संदेश है। राहुल गांधी को सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना ही होगा, क्योंकि उनकी सुरक्षा से जुड़ी कोई भी चूक देश की राजनीति और समाज दोनों पर गहरा असर डाल सकती है।