
दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। मंगलवार की देर रात से शुरू हुई बारिश ने कई इलाकों में लैंडस्लाइड (भूस्खलन) और बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है। स्थानीय अधिकारियों और राहत टीमों के अनुसार, इस आपदा में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग अभी भी लापता हैं।
पुल टूटने और संपर्क बाधित
दार्जिलिंग में एक महत्वपूर्ण पुल भी टूट गया है, जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। यह पुल मुख्य सड़क मार्ग पर स्थित था और कई गांवों को जोड़ता था। पुल टूटने के कारण कई ग्रामीण क्षेत्रों तक राहत सामग्री पहुंचाना मुश्किल हो गया है।
पुल टूटने के बाद स्थानीय प्रशासन ने तुरंत राहत अभियान शुरू किया, लेकिन कठिन मौसम और खराब सड़क परिस्थितियों के कारण राहत कार्य धीमा हो गया।
लैंडस्लाइड से प्रभावित क्षेत्र
दार्जिलिंग के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ। चाय बागानों और गांवों में मलबा घुस गया है। अधिकारियों के अनुसार, प्रभावित इलाकों में अब तक कई घरों और खेतों को भारी नुकसान पहुंचा है।
स्थानीय लोग भयभीत हैं और कई परिवारों ने सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन शुरू कर दिया है। प्रशासन ने सुरक्षित क्षेत्रों में अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहाँ प्रभावित लोगों को भोजन, पानी और मेडिकल सहायता प्रदान की जा रही है।
राहत और बचाव कार्य
पश्चिम बंगाल सरकार ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तुरंत प्रभावित क्षेत्रों में भेजी हैं। बचाव दल अब भी मलबे में फंसे लोगों को निकालने के प्रयास में जुटा हुआ है।
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि बारिश के लगातार जारी रहने के कारण राहत कार्यों में बाधा आ रही है, लेकिन सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने दार्जिलिंग और आसपास के जिलों के लिए अगले 48 घंटे भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। विभाग ने स्थानीय लोगों से सतर्क रहने और जरूरी मामलों को छोड़कर घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश के कारण भूस्खलन की संभावना अधिक रहती है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और लोगों से सावधानी बरतने का आग्रह किया है।
नागरिकों की आपदा में मदद
स्थानीय प्रशासन और नागरिकों ने राहत कार्यों में भागीदारी की है। कई स्वयंसेवी संगठन प्रभावित लोगों के लिए भोजन, कपड़े और दवाइयाँ पहुंचा रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने भी अपने घरों और खेतों को बचाने के प्रयास किए, लेकिन मलबा इतना भारी था कि कई जगहों पर लोग फंस गए। प्रशासन और राहत दल उनकी खोज में लगातार लगे हुए हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और प्रभावित लोगों के लिए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मृतकों के परिवारों को वित्तीय सहायता और लापता लोगों की खोज के लिए विशेष टीमें गठित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बारिश और भूस्खलन की स्थिति के मद्देनजर सभी सरकारी और प्रशासनिक एजेंसियाँ चौकस रहेंगी।
भविष्य की चेतावनी
विशेषज्ञों का कहना है कि दार्जिलिंग जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में मानसून के दौरान भूस्खलन और बारिश से जुड़ी आपदाओं का खतरा हमेशा बना रहता है। नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और प्रशासन द्वारा जारी चेतावनी का पालन करने की आवश्यकता है।
सरकार ने स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने और जरूरी राहत सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करें।
दार्जिलिंग में भारी बारिश और लैंडस्लाइड की घटना ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि पहाड़ी इलाकों में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा हमेशा बना रहता है। प्रशासन, राहत दल और स्थानीय लोग मिलकर प्रभावित लोगों की मदद करने के प्रयास में लगे हैं।
लोगों से अपील की जा रही है कि वे सुरक्षित रहें, भारी बारिश के दौरान जोखिम भरे क्षेत्रों में न जाएँ और सरकार की ओर से जारी की जा रही चेतावनियों का पालन करें।