दिल्ली में हुए धमाके मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए श्रीनगर से 4 डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी ने दावा किया है कि ये सभी आरोपी न केवल संदिग्ध गतिविधियों में शामिल थे, बल्कि उन्होंने ही धमाके में इस्तेमाल की गई I20 कार का इंतजाम किया था। इस कार्रवाई के बाद जांच एक नए मोड़ पर पहुंच गई है। गिरफ्तार आरोपियों में से एक डॉक्टर ऐसा भी है जो पेशे से चिकित्सक होने के साथ-साथ धार्मिक उपदेशक की भूमिका निभाता था और युवाओं को लगातार भड़काने का काम करता था।

सूत्रों के अनुसार, NIA की टीम को श्रीनगर में कई दिनों से इन डॉक्टरों की गतिविधियों पर संदेह था। एजेंसी ने गोपनीय तरीके से निगरानी बढ़ाई और फिर बुधवार को छापेमारी कर चारों को हिरासत में लिया। शुरुआती पूछताछ में यह बात सामने आई कि I20 कार को दिल्ली तक पहुंचाने और उसमें विशेष परिवर्तन कराने की जिम्मेदारी इन्हीं लोगों को सौंपी गई थी।
I20 कार का इंतजाम ही बना गिरफ्तारी की सबसे बड़ी कड़ी
जांच टीम के अधिकारियों का कहना है कि कार की खरीद से लेकर उसे दिल्ली पहुंचाने तक का पूरा नेटवर्क इन्हीं चार डॉक्टरों के जरिए चलता था। कार को कई बार अलग-अलग हॉस्पिटल पार्किंग और निजी क्लिनिक्स में छुपाकर रखा गया ताकि किसी को शक न हो। NIA ने कार के सर्विसिंग रिकॉर्ड, GPS और पिछले 30 दिनों की मूवमेंट हिस्ट्री भी खंगाल ली है।
जांच में यह भी पता चला है कि कार से जुड़े दस्तावेजों में कई गड़बड़ियां थीं। कार के मालिकाना हक को लेकर भी कई बार बदलाव किए गए थे जिससे एजेंसी को शक हुआ और इसी धागे को खींचते हुए NIA आरोपी डॉक्टरों तक पहुंची।
एक आरोपी डॉक्टर धार्मिक उपदेशक भी—लोगों को भड़काने का आरोप
चारों गिरफ्तार आरोपियों में से एक डॉक्टर धार्मिक उपदेशक के तौर पर भी जाना जाता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि वह अक्सर छोटे समूहों में बैठकों का आयोजन करता था और अपने अनुयायियों को कट्टर विचारों की ओर प्रेरित करता रहता था। NIA को संदेह है कि यही आरोपी इस पूरी साजिश का मुख्य मास्टरमाइंड हो सकता है।
जांच एजेंसी का दावा है कि आरोपी डॉक्टर टेलीग्राम और एन्क्रिप्टेड चैट ऐप्स के जरिए कई संदिग्ध लोगों से लगातार संपर्क में था। उसके फोन से कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल फाइलें भी बरामद की गई हैं। NIA फिलहाल इन डेटा का फॉरेंसिक विश्लेषण कर रही है।
दिल्ली धमाका केस में आया नया मोड़
दिल्ली में हुआ धमाका अभी भी कई सवालों के घेरे में है। शुरुआती जांच में यह माना जा रहा था कि यह घटना एक स्थानीय नेटवर्क का काम हो सकता है, लेकिन डॉक्टरों की गिरफ्तारी ने इस केस को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जोड़ दिया है। I20 कार की भूमिका सामने आने के बाद एजेंसी अब यह समझने की कोशिश कर रही है कि कार को किस उद्देश्य से चुना गया और इसे किसने तकरीबन 900 किमी की दूरी तय कर दिल्ली तक पहुंचाया।
NIA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस गिरफ्तारी के बाद केस की दिशा बिल्कुल बदल चुकी है। एजेंसी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इन डॉक्टरों के संपर्क में देश के अन्य हिस्सों में भी कोई व्यक्ति था।
श्रीनगर में कई ठिकानों पर छापे, डिजिटल सबूत बरामद
गिरफ्तारी के बाद NIA ने श्रीनगर में 6 से अधिक जगहों पर छापेमारी की। इन स्थानों में निजी क्लिनिक, हॉस्पिटल से जुड़े कमरे, आवासीय घर और स्टडी सेंटर शामिल हैं। टीम को यहां से लैपटॉप, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और कई गोपनीय दस्तावेज मिले हैं।
सूत्रों के मुताबिक एक आरोपी ने विदेशों से फंडिंग प्राप्त करने की बात भी स्वीकारी है। इस फंडिंग का इस्तेमाल गतिविधियों के आयोजन और कार जैसी महंगी चीजों की खरीद में किया गया।
इलाके में बढ़ी निगरानी, कई और गिरफ्तारियों की आशंका
श्रीनगर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी निगरानी बढ़ा दी है। अधिकारियों का मानना है कि इस नेटवर्क में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। दिल्ली में भी NIA और स्थानीय पुलिस संयुक्त रूप से कई स्थानों पर सर्च ऑपरेशन चला रही है।
दिल्ली धमाके के बाद से सुरक्षा एजेंसियां किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहतीं। राजधानी में भीड़भाड़ वाले स्थानों, बाजारों, मेट्रो स्टेशन और सरकारी कार्यालयों पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
NIA करेगी हिरासत में पूछताछ
गिरफ्तार डॉक्टरों को जल्द ही दिल्ली लाकर पूछताछ की जाएगी। NIA अदालत से इनकी रिमांड मांगने की तैयारी में है ताकि पूरे नेटवर्क की परतें खोली जा सकें। एजेंसी को उम्मीद है कि पूछताछ से धमाके की साजिश, फंडिंग, योजना और शामिल अन्य लोगों की जानकारी मिल सकेगी।
जांच एजेंसी के अनुसार यह मामला मेडिकल प्रोफेशन में छिपे कट्टर नेटवर्क की तरफ भी इशारा करता है, जो देश के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
