दिल्ली में हुए धमाके के बाद अब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की है। पुलवामा के डॉक्टर सज्जाद अहमद माला को आतंकवादी मॉड्यूल जांच के तहत हिरासत में लिया गया है। बताया जा रहा है कि सज्जाद, कुख्यात आतंकी उमर का करीबी दोस्त है। यह अब तक छठा व्यक्ति है, जिसे दिल्ली ब्लास्ट के बाद पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।

दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके ने पूरे देश की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। इस धमाके के बाद देशभर में जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं और संदिग्ध व्यक्तियों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। इसी क्रम में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुलवामा के रहने वाले डॉ. सज्जाद अहमद माला को हिरासत में लिया है। सूत्रों के अनुसार, सज्जाद अहमद माला पुलवामा जिले के एक निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करता था। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि उसका संपर्क आतंकी उमर से रहा है, जो दिल्ली ब्लास्ट मामले में संदिग्ध है। पुलिस का मानना है कि सज्जाद, उमर की मदद कर रहा था और उससे लगातार संपर्क में था।
संदेह का दायरा बढ़ा:
जांच एजेंसियों को शक है कि दिल्ली धमाके की साजिश जम्मू-कश्मीर में बैठे आतंकियों ने रची थी और इसके लिए स्थानीय सहयोगियों का इस्तेमाल किया गया। अब तक इस केस में छह लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है — जिनमें से दो दिल्ली से, एक यूपी से, एक हरियाणा से, और अब एक डॉक्टर पुलवामा से है। एनआईए और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम सज्जाद माला से लगातार पूछताछ कर रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि डॉक्टर के मोबाइल और लैपटॉप से कई अहम डिजिटल सबूत मिले हैं, जो आतंकवादी नेटवर्क की गहराई तक जाने में मदद कर सकते हैं।
डॉक्टर की भूमिका पर सवाल:
सामान्य तौर पर एक डॉक्टर को समाज में सेवा का प्रतीक माना जाता है, लेकिन सज्जाद के मामले ने सभी को चौंका दिया है। पुलिस को शक है कि उसने आतंकियों की चिकित्सा मदद के साथ-साथ सूचना देने का काम भी किया हो सकता है। सुरक्षा एजेंसियों ने डॉक्टर के बैंक खातों, कॉल डिटेल्स और सोशल मीडिया गतिविधियों की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ ट्रांजेक्शन संदिग्ध हैं, जो दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े लोगों तक पहुंचा सकते हैं।
जांच एजेंसियों की सक्रियता:
दिल्ली ब्लास्ट के बाद से ही देशभर की सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), एनआईए (NIA), और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल लगातार एक्शन में हैं। जम्मू-कश्मीर में भी आतंकियों की सप्लाई चेन तोड़ने के लिए कई जगहों पर छापेमारी चल रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “डॉ. सज्जाद अहमद माला से गहन पूछताछ की जा रही है। शुरुआती जांच में उसके कुछ आतंकी संपर्कों की पुष्टि हुई है। आगे की जांच के बाद ही तय होगा कि उसकी भूमिका कितनी गहरी है।”
दिल्ली ब्लास्ट की पृष्ठभूमि:
गौरतलब है कि 9 नवंबर की शाम दिल्ली के लाल किले के पास जोरदार धमाका हुआ था, जिसमें कई लोग घायल हुए। धमाके के बाद दिल्ली, मुंबई और यूपी समेत कई राज्यों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया था। जांच में पता चला कि धमाके में इस्तेमाल हुआ विस्फोटक काफी उच्च गुणवत्ता का था, जो सामान्य तौर पर सेना के उपयोग में आता है।
इस घटना ने सुरक्षा तंत्र की पोल खोल दी थी कि देश की राजधानी के सबसे सुरक्षित इलाके में भी आतंकी इस तरह का हमला कर सकते हैं।
स्थानीय समर्थन की तलाश:
जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि आतंकी दिल्ली तक कैसे पहुंचे और उन्हें स्थानीय मदद किसने दी। डॉ. सज्जाद अहमद माला की गिरफ्तारी ने इस जांच को नई दिशा दी है। माना जा रहा है कि वह आतंकी उमर के जरिए ब्लास्ट मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था।
सुरक्षा एजेंसियों की चेतावनी:
इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को अलर्ट जारी किया है। गृह मंत्रालय ने साफ निर्देश दिए हैं कि किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी साझा की जाए। जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली तक सभी सुरक्षा बलों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के आदेश दिए गए हैं।
स्थानीय लोगों में दहशत:
पुलवामा में डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय लोग हैरान हैं। उनका कहना है कि सज्जाद माला हमेशा सामान्य जीवन जीने वाला व्यक्ति था। हालांकि पुलिस की कार्रवाई के बाद इलाके में तनाव का माहौल है।
डॉ. सज्जाद अहमद माला की गिरफ्तारी से साफ है कि दिल्ली ब्लास्ट का तार सिर्फ राजधानी तक सीमित नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर तक फैला हुआ है। अब एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है— आतंकी नेटवर्क की जड़ों को खत्म करना और स्थानीय समर्थन को पूरी तरह ध्वस्त करना।
