दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार बम धमाके के मुख्य आरोपी और कुख्यात आतंकी उमर नबी के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उसके पुलवामा स्थित घर को IED से ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई गुरुवार और शुक्रवार की मध्यरात्रि के बीच अंजाम दी गई। अधिकारियों के अनुसार, यह कदम न केवल आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है बल्कि यह उन नेटवर्क्स को स्पष्ट संदेश भी है जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं।

धमाके के बाद लगातार ऑपरेशन
लाल किले के पास हुए धमाके ने राजधानी की सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर ला दिया था। जांच के शुरुआती चरण में ही सुरक्षा बलों को कई अहम सुराग मिले, जिनमें जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले से एक सीधा कनेक्शन सामने आया। जांच तेज होने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि धमाके की साजिश रचने में आतंकी उमर नबी की केंद्रीय भूमिका थी। जैसे-जैसे सुरक्षा एजेंसियों ने सबूत जुटाए, उमर नबी का नाम इस पूरे मॉड्यूल का ‘ब्रेन’ के रूप में उभरा। इसी के बाद पुलवामा में उसके ठिकानों, संपर्कों और गतिविधियों पर पैनी नज़र रखते हुए कार्रवाई की योजना बनाई गई।
IED का इस्तेमाल करके घर ध्वस्त
कार्रवाई के दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने उमर नबी के घर को इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) की मदद से उड़ाया। अधिकारियों ने बताया कि यह निर्णय सुरक्षा कारणों और संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए लिया गया, क्योंकि घर के अंदर विस्फोटक सामग्री या अन्य आतंकी उपकरण होने की आशंका थी। गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद मल्टी-एजेंसी ऑपरेशन को क्रियान्वित किया गया। ऑपरेशन में जम्मू-कश्मीर पुलिस, NIA, CRPF और सेना की विशेष इकाइयाँ शामिल थीं। सुरक्षा बलों ने इलाके को पहले पूरी तरह घेराबंदी में लिया ताकि आम नागरिकों को किसी प्रकार का खतरा न हो।
इलाके में तनाव, लेकिन स्थिति नियंत्रण में
उमर नबी का घर उड़ाए जाने के बाद पुलवामा के कुछ इलाकों में तनाव की स्थिति देखने को मिली। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों ने हालात को तुरंत नियंत्रित कर लिया। स्थानीय प्रशासन ने कहा कि कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ है और इसका आम नागरिकों से कोई संबंध नहीं है। इलाके में मोबाइल इंटरनेट सेवाएँ कुछ घंटों के लिए बंद रखी गईं, ताकि अफवाहें फैलने से रोका जा सके। सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि यह कार्रवाई कानून के दायरे में और स्थानीय अदालतों के आदेशों के अनुरूप की गई है।
धमाके की साजिश का खुलासा कैसे हुआ?
दिल्ली के लाल किले के पास कार बम विस्फोट के बाद घटनास्थल से मिले CCTV फुटेज, फोन कॉल रिकॉर्ड्स और डिजिटल फुटप्रिंट्स से जांच एजेंसियों को कई बड़े सुराग मिले।
इनमें शामिल थे—
संदिग्ध वाहनों की गतिविधियाँ
उमर नबी के संपर्क में रहने वाले लोग
कश्मीर में उसके नेटवर्क के तार
ऑनलाइन चैट और मैसेजिंग एप्स पर हुई उसकी बातचीत
इसी डिजिटल सबूतों की मदद से जांच एजेंसियों ने उसकी भूमिका को पुख्ता किया।
अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का भी शक
अधिकारियों का मानना है कि उमर नबी न केवल स्थानीय आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा था बल्कि उसका कनेक्शन पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से भी था। दिल्ली धमाके की साजिश में फंडिंग और तकनीकी सहायता विदेशी स्रोतों से मिलने के संकेत मिले हैं।
NIA और RAW इस एंगल से भी जांच कर रहे हैं कि क्या इस हमले के पीछे सीमा पार बैठे किसी मास्टरमाइंड की भूमिका थी।
सरकार ने दी साफ चेतावनी
गृह मंत्रालय ने दिल्ली धमाके के बाद से ही स्पष्ट कर दिया था कि जिम्मेदारों को कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा—
“भारत की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वालों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। चाहे वे देश में हों या देश के बाहर, कार्रवाई हर स्तर पर होगी।”
उमर नबी के घर को IED से उड़ाना इस दृढ़ नीति का ही हिस्सा है।
स्थानीय लोगों ने क्या कहा?
कुछ ग्रामीणों ने बताया कि उमर नबी ने पिछले कुछ वर्षों में खुद को स्थानीय समाज से अलग कर लिया था। उसकी गतिविधियों को लेकर पहले भी संदेह था, लेकिन कोई ठोस सबूत न होने के कारण लोग अधिक कुछ नहीं कह पाते थे।
एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया—
“हमें हमेशा लगता था कि वह गलत संगत में है। सुरक्षा बलों की कार्रवाई से हमें यह समझ आया कि वह कितना खतरनाक बन चुका था।”
आगे क्या?
सुरक्षा एजेंसियों का फोकस अब उमर नबी से जुड़े उन सभी लोगों पर है जिन्होंने:
उसे लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया
उसे फंडिंग उपलब्ध कराई
दिल्ली धमाके की साजिश में किसी भी रूप में मदद की
जांच एजेंसियाँ कश्मीर, दिल्ली और अन्य राज्यों में कई टीमों के साथ छापेमारी अभियान चला रही हैं।
यह भी संभव है कि आने वाले दिनों में और भी नाम सामने आएँ।
