दिल्ली का प्रशासनिक ढांचा नए साल में बड़ा बदलाव देखने वाला है। राजधानी में जिला पुनर्गठन की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है और सरकार के उच्चस्तरीय सूत्रों के अनुसार दिसंबर के अंत या जनवरी 2025 में इसे औपचारिक रूप से अधिसूचित किया जा सकता है। इस पुनर्गठन के बाद दिल्ली के मौजूदा 11 जिलों की जगह कुल 13 जिले होंगे। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि शाहदरा जिला समाप्त कर दिया जाएगा, जबकि दो नए जिलों के गठन पर सहमति बन चुकी है।

क्यों बदला जा रहा है दिल्ली का जिला ढांचा?
दिल्ली की जनसंख्या, शहरी विस्तार और प्रशासनिक जरूरतों को देखते हुए लंबे समय से जिलों की संख्या बढ़ाने की मांग उठ रही थी। कई जिलों में अत्यधिक जनसंख्या के कारण लोगों को राजस्व, पुलिस और सिविल प्रशासन से जुड़े कार्यों में देरी हो रही थी।
विशेषकर पूर्वी और उत्तरी दिल्ली के क्षेत्रों में फाइलों का दबाव इतना बढ़ गया था कि एक-एक दस्तावेज़ के लिए लोगों को
महीनों चक्कर काटने पड़ते थे। अधिकारियों के अनुसार जिले बढ़ने से–
सरकारी दफ्तरों में भीड़ कम होगी
फील्ड लेवल एडमिनिस्ट्रेशन मजबूत होगा
शासन-प्रशासन की कार्यक्षमता बढ़ेगी
स्थानीय समस्याओं के समाधान की गति तेज होगी
इसलिए प्रशासनिक बोझ कम करने और बेहतर गवर्नेंस के उद्देश्य से पुनर्गठन को मंजूरी दी गई।
कौन से जिले होंगे नए?
सूत्रों के अनुसार जिला पुनर्गठन कमेटी ने जिन दो नए जिलों पर सहमति दी है, वे हैं:
मोहन गार्डन जिला (नया जिला)
उत्तम नगर, मोहन गार्डन, नजफगढ़ के कुछ हिस्से
घनी आबादी और तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण के कारण यह नया जिला बनाया जा रहा है।
दक्षिण-पूर्व दिल्ली (South-East Delhi) जिला (नया जिला)
ओखला, जामिया नगर, सरिता विहार और कालिंदी कुंज जैसे क्षेत्रों को शामिल करने की योजना
यह क्षेत्र अत्यधिक जनसंख्या तथा विकास परियोजनाओं की अधिकता के चलते नया जिला बनाया जाएगा।
शाहदरा जिला क्यों खत्म होगा?
दिल्ली के सबसे छोटे जिलों में से एक शाहदरा को दो हिस्सों में बांटा जाएगा।
इसके दो प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं:
1. प्रशासनिक सीमा विवाद
कई विभागों और पुलिस थानों की सीमा घट-बढ़ रही थी, जिससे समन्वय में दिक्कतें आ रही थीं।
2. असमान जनसंख्या वितरण
शाहदरा का कुछ हिस्सा अधिक घनी आबादी वाला था, जबकि कुछ क्षेत्र बेहद कम जनसंख्या वाले थे।
बेहतर बैलेंस के लिए इसे दो अन्य जिलों में मिलाया जाएगा।
शाहदरा के क्षेत्र अब उत्तर-पूर्व जिले तथा पूर्वी जिले में बांटे जाने की संभावना है।
दिल्ली के 13 जिलों की संभावित नई सूची
नई संरचना के अंतिम मसौदे के अनुसार दिल्ली में ये 13 जिले होंगे—
1. नई दिल्ली
2. मध्य दिल्ली
3. उत्तर दिल्ली
4. उत्तर-पश्चिम दिल्ली
5. उत्तर-पूर्व दिल्ली
6. पूर्वी दिल्ली
7. दक्षिण दिल्ली
8. दक्षिण-पूर्व दिल्ली (नया)
9. दक्षिण-पश्चिम दिल्ली
10. पश्चिम दिल्ली
11. मोहन गार्डन जिला (नया)
12. रोहिणी जिला
13. शाहदरा – यह जिले की सूची से हटेगा
नोट: सरकार की औपचारिक अधिसूचना में क्षेत्रों की सीमाओं का अंतिम विवरण तय किया जाएगा।
जिले बढ़ने से आम लोगों को क्या लाभ?
नई जिला व्यवस्था से लोगों को कई स्तर पर राहत मिलेगी—
1. सरकारी कामकाज जल्दी होगा
राजस्व कार्यालयों में कम भीड़ पड़ेगी, जिससे जाति प्रमाणपत्र, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, डोमिसाइल, ड्राइविंग लाइसेंस जैसी सेवाएँ तेजी से मिलेंगी।
2. कानून-व्यवस्था में सुधार
पुलिस जिलों का पुनर्वितरण भी संभव है, जिससे:
तनाव वाले इलाकों में फोर्स की तैनाती बेहतर होगी
अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी
चौकसी और प्रतिक्रिया समय सुधरेगा
3. विकास परियोजनाओं में गति
नई जिला सीमाओं के हिसाब से:
रियल एस्टेट
सड़क परियोजनाएँ
जल–सीवरेज
स्वास्थ्य सुविधाएँ
जैसी परियोजनाओं को मंजूरी तेज़ होगी।
4. आर्थिक गतिविधियों में सुधार
उद्योग और व्यापार वाले क्षेत्रों के लिए जिला स्तरीय अनुमतियाँ तेज़ी से जारी होंगी।
विशेषकर नजफगढ़–उत्तम नगर–मोहन गार्डन और ओखला–जामिया नगर क्षेत्र में व्यापार को बड़ा लाभ मिलेगा।
नगर निगम और प्रशासन में सहमति कैसे बनी?
जिला पुनर्गठन का प्रस्ताव 2023 से ही चल रहा था, पर अंतिम सहमति हाल ही में बनी।
MCD, दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग, DDA और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने संयुक्त बैठकों में क्षेत्रवार रिपोर्ट तैयार की।
रिपोर्ट में बताया गया कि दिल्ली के कई जिलों की आबादी 25 लाख से ज्यादा हो चुकी है, जबकि कुछ जिलों में यह 10–12 लाख के बीच है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने सुझाव दिया कि आदर्श स्थिति में एक जिले की आबादी 18–20 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
इसी आधार पर दो नए जिलों के गठन को मंजूरी दी गई।
अधिसूचना कब जारी होगी?
सूत्रों का कहना है कि:
फील्ड सर्वे
विभागीय विभाजन
फाइलों का ट्रांसफर
नए जिलों के कार्यालय
SDM और DC की नियुक्ति
जैसी तैयारियाँ तेज़ी से पूरी की जा रही हैं।
अधिसूचना दिसंबर के आखिरी सप्ताह से जनवरी 2025 के पहले सप्ताह के बीच जारी होने की संभावना है।
नई जिला व्यवस्था अधिसूचना जारी होते ही लागू हो जाएगी।
राजनीतिक हलचल भी तेज
दिल्ली की राजनीति में जिला पुनर्गठन को बड़े प्रशासनिक सुधार के रूप में देखा जा रहा है।
विपक्ष का आरोप है कि यह कदम चुनावी लाभ के लिए भी उठाया जा सकता है।
वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि यह पूरी तरह प्रशासनिक जरूरत को देखते हुए किया गया है और इससे जनता को सीधा फायदा मिलेगा।
नए साल में दिल्ली का नक्शा प्रशासनिक रूप से बिल्कुल नई तस्वीर पेश करेगा।
13 जिलों वाली नई दिल्ली में प्रशासन तेज़, सेवाएँ बेहतर और कानून-व्यवस्था मजबूत होने की उम्मीद है।
जैसे ही सरकार अधिसूचना जारी करेगी, दिल्ली के नागरिकों को अपने सरकारी दस्तावेज़ों और पते के अपडेट में नई जिला संरचना का असर देखने को मिलेगा।
