
हिमालयी क्षेत्र में भारी बरसात से यमुना नदी उफान पर—यमुनानगर में हथनीकुंड बैराज के 18 फ्लड-गेट्स ओपन; दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों में अलर्ट जारी, बचाव कार्य युद्ध स्तर पर
यमुनानगर (हरियाणा), 17–18 अगस्त 2025 – हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हुई भारी बारिश ने यमुना नदी को उफान पर ला दिया है। इसके परिणामस्वरूप, हरियाणा के यमुनानगर जिले स्थित हथनीकुंड बैराज के सभी 18 फ्लड-गेट्स पहली बार इस मानसून सीज़न में खोल दिए गए। इससे यमुना की प्रवाह दर 1,78,896 cusecs तक पहुँच गई, जो इस सीज़न में दर्ज की गई सबसे अधिक दर है ।
प्रवाहित जल का प्रभाव
— यह अत्यधिक जल दिल्ली की ओर बढ़ रहा है और इसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ का सीधा खतरा पैदा हो गया है। केंद्रीय जल आयोग ने भविष्यवाणी की है कि यह जल लगभग 30–48 घंटे में दिल्ली पहुँचेगा ।
— दिल्ली में यमुना नदी का जल स्तर पहले ही चेतावनी स्तर (warning level) 204.5 मीटर को पार कर गया है और खतरे की सीमा (danger mark) 205.33 मीटर की ओर बढ़ रहा है। अनुमान है कि 19 अगस्त तक यह जल स्तर 206 मीटर तक पहुँच सकता है, जिससे तत्काल एवैक्यूएशन (evacuation) की जरूरत हो सकती है ।
प्रभावित क्षेत्र एवं प्रशासनिक तैयारी
— यमुना तथा अन्य नदियों और छोटे नालों जैसे सोम, पठराला क्षेत्र में भी उफान देखा गया। इनमें से सोम नदी 24,000 cusecs तक पहुँच गई, जबकि इसका खतरे का स्तर केवल 10,000 cusecs था ।
— प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के संबंधित जिलों में सतर्कता बढ़ा दी गई है।
— यमुनानगर में अधिकारियों ने बैराज के आसपास, नदी किनारे बसे इलाकों, और पुलों पर विशेष नजर रखा है।
— मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें उन्हें बचाव-राहत कार्यों को प्रभावी तरीके से संचालित करने, संभावित जल-भराव वाले इलाकों से पूर्व में ही लोगों को हटाने, राहत शिविरों में जरूरी सुविधाएँ (भोजन, पीने का पानी, दवाइयाँ) उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया ।
किसानों पर प्रभाव
— नोएडा के जवाहर कृषि मैदानों में यमुना के उफान से कच्चे गेहूँ, ज्वार-बाजरा की फसलें डूब गई हैं। यहां के किसानों ने मुआवजे की मांग की है।
— ओखला बैराज का जल स्तर 198.5 मीटर पहुँचने के बाद भी खतरे की सीमा से 2 मीटर नीचे रह गया, लेकिन कृषि क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बनी रही। प्रशासन ने नुकसान का आकलन शुरू करा रखा है ।
बैराज की संरचना
— हथनीकुंड बैराज, यमुना नदी पर स्थित एक महत्वपूर्ण संरचना है, जो 1999 में बनकर तैयार हुई। इसमें 10 फ्लड-गेट्स और 8 अंडरस्लूस (undersluices) हैं, जो कुल मिलाकर 28,200 m³/s की क्षमता रखते हैं ।
— यह बैराज पूर्व में परिचालित ताजेवाला बैराज को प्रतिस्थापित करता है और यमुना नदी के जल को पश्चिमी व पूर्वी यमुना नहरों में विभाजित करता है।
बाढ़ वर्गीकरण
— आयरिगेशन विभाग के अनुसार, 1 लाख cusecs से अधिक प्रवाह को “लो फ्लड” माना जाता है, 1.5 से 2.5 लाख cusecs तक को “मीडियम फ्लड”, और 2.5 लाख cusecs से ऊपर को “हाई फ्लड” स्थिति किंवदंती होती है ।
— इस बार रिकॉर्ड किया गया 1.78 लाख cusecs “मीडियम फ्लड” की श्रेणी में आता है।
सुझावित संरचना:
1. मुख्य घटनाक्रम की जानकारी (उद्घाटन, बैराज के गेट खोलने, प्रवाह दर)
2. प्रभाव क्षेत्र (दिल्ली में जोखिम, किसानों को हुए नुक़सान आदि)
3. प्रशासनिक तैयारियाँ एवं निर्देश (बैठक, अलर्ट, बचाव सुविधाएँ)
4. तकनीकी पृष्ठभूमि और बाढ़ वर्गीकरण
5. भविष्य का अंदाज़ा (जल स्तर की भविष्यवाणी, अगले 30–48 घंटों में क्या हो सकता है)
6. पाठकों के लिए सलाह (सतर्कता, नदी किनारे न जाने की अपील आदि)