
नई दिल्ली। नवरात्रि का पर्व पूरे देशभर में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। राजधानी दिल्ली में भी हर साल बड़े पैमाने पर देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना, गरबा, रामलीला और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इसी बीच दिल्ली सरकार की मंत्री रेखा सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। अब नवरात्रि के दौरान राजधानी में रात 12 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने की छूट मिलेगी।
पहले जहां लाउडस्पीकर और डीजे को रात 10 बजे के बाद बंद करने का सख्त नियम लागू था, वहीं अब सरकार ने धार्मिक आयोजनों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखते हुए यह राहत दी है। यह फैसला खासतौर पर नवरात्रि और दुर्गा पूजा की भव्यता को देखते हुए लिया गया है।
नवरात्रि और लाउडस्पीकर पर दिल्ली सरकार का ऐलान
रेखा सरकार ने कहा कि दिल्ली में नवरात्रि के मौके पर हजारों पंडाल और दुर्गा पूजा समितियां धार्मिक कार्यक्रम करती हैं। कई बार लोगों को रात 10 बजे बाद लाउडस्पीकर बंद करना पड़ता था, जिससे भक्तों और आयोजकों को कठिनाई होती थी। इसीलिए अब सरकार ने 12 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति देने का फैसला किया है।
उन्होंने साफ किया कि यह छूट सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए होगी, न कि व्यक्तिगत या निजी आयोजनों के लिए। यानी शादी-ब्याह या निजी पार्टियों में इस नियम का फायदा नहीं उठाया जा सकेगा।
सुप्रीम कोर्ट और NGT के नियमों के बीच राहत
लाउडस्पीकर को लेकर सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पहले से ही दिशा-निर्देश तय किए हैं। सामान्य परिस्थितियों में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर बजाना प्रतिबंधित है। लेकिन त्योहारों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारें समय-समय पर विशेष छूट देती रही हैं।
दिल्ली सरकार ने भी नवरात्रि के मौके पर यह छूट दी है, लेकिन शर्त यह है कि ध्वनि प्रदूषण का स्तर निर्धारित सीमा से ऊपर नहीं जाना चाहिए।
भक्तों और आयोजकों में खुशी की लहर
इस फैसले से दुर्गा पूजा समितियों और गरबा आयोजकों में खुशी की लहर है। आयोजकों का कहना है कि 12 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने की छूट मिलने से सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों को पूरे उत्साह के साथ आयोजित किया जा सकेगा।
भक्तों का भी कहना है कि कई बार पूजा और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां रात 10 बजे से आगे खिंच जाती हैं, लेकिन पुलिस की रोक के कारण बीच में ही कार्यक्रम बंद करना पड़ता था। अब लोग आराम से पूजा-पाठ और भक्ति गीतों का आनंद ले सकेंगे।
नवरात्रि का महत्व
नवरात्रि भारत का प्रमुख पर्व है, जो साल में दो बार (चैत्र और शारदीय) मनाया जाता है। खासतौर पर शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दिल्ली में नवरात्रि के दौरान रामलीला, गरबा नाइट्स, डांडिया और दुर्गा पूजा पंडालों में भव्य आयोजन होते हैं।
पूरे शहर में भक्ति का माहौल रहता है। इस बार सरकार का फैसला त्योहार की खुशी को और बढ़ा देगा।
शोर की सीमा और प्रशासन की निगरानी
दिल्ली पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने साफ कर दिया है कि लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति भले ही 12 बजे तक हो, लेकिन ध्वनि का स्तर 55 डेसीबल से अधिक नहीं होना चाहिए।
यदि कोई आयोजक इस नियम का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यानी सरकार ने भक्तों को राहत दी है, लेकिन पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए नियम भी बनाए हैं।
विपक्ष और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। कुछ नेताओं का कहना है कि ध्वनि प्रदूषण से लोगों की नींद और स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, इसलिए सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।
वहीं, धार्मिक और सामाजिक संगठन इसे स्वागत योग्य कदम बता रहे हैं। उनका कहना है कि इससे धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा मिलेगा।
विशेषज्ञों की राय
स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि ज्यादा देर तक तेज आवाज से नींद, हृदय और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। वहीं, समाजशास्त्री इसे “संस्कृति और आधुनिकता के बीच संतुलन” बताते हैं।
दिल्ली सरकार का यह फैसला भक्तों और आयोजकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। अब नवरात्रि और दुर्गा पूजा के दौरान लोग रात 12 बजे तक भक्ति गीतों और धार्मिक कार्यक्रमों का आनंद ले सकेंगे। हालांकि, साथ ही ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण रखना सभी की जिम्मेदारी होगी।