दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। सोमवार और मंगलवार की सुबह कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार दर्ज किया गया, जो कि ‘गंभीर’ (Severe) और स्वास्थ्य के लिहाज से ‘जानलेवा’ श्रेणी में आता है। हवा में फैल रहे जहरीले कण PM2.5 और PM10 की मात्रा इतनी बढ़ चुकी है कि विशेषज्ञ इसे हेल्थ इमर्जेंसी की चेतावनी के रूप में देख रहे हैं।

सर्दी बढ़ने, हवा की गति धीमी होने और पड़ोसी राज्यों में पराली जलने से हवा की गुणवत्ता और खराब हो गई है। दिल्ली के बवाना, वजीरपुर, रोहिणी, आनंद विहार और जहांगीरपुरी जैसे क्षेत्रों में AQI 420 से 460 के बीच रिकॉर्ड किया गया। इससे एनसीआर के नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद भी अछूते नहीं रहे। कई जगहों पर शिक्षण संस्थानों में बच्चों को मास्क पहनने की सलाह जारी की गई है।
दिल्ली की हवा खतरनाक क्यों बनी? विशेषज्ञों ने बताईं मुख्य वजहें
पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार इस समय हवा की दिशा और गति दोनों खराब स्थिति में हैं। हवा की गति कम होने से प्रदूषक धरातल के आसपास जमा होते जा रहे हैं। इसके अलावा, सर्द मौसम में स्मॉग की मोटी परत बनती है, जिससे प्रदूषण ऊपर नहीं उठ पाता।
विशेषज्ञों ने बताया कि NCR में प्रदूषण के बढ़ने की ये प्रमुख वजहें हैं:
पराली जलने से आए प्रदूषक कणों का दिल्ली में जमाव
निर्माण कार्यों की धूल, सड़क पर उड़ने वाली मिट्टी
पुराने डीज़ल वाहनों का लगातार प्रयोग
ठंडी हवा और तापमान में गिरावट
इंडस्ट्रियल उत्सर्जन और फैक्ट्रियों की धुआँ छोड़ने वाली चिमनियाँ
इन्हीं कारणों से सुबह और शाम के समय प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किया जाता है।ग्रैप (GRAP) लागू, कई प्रतिबंध कड़े — फिर भी राहत क्यों नहीं?
दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए ग्रैप के तहत कई चरणों में पाबंदियाँ लागू की गई हैं। इनमें निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध, डीज़ल जेनरेटर सेट बंद करना, पानी का छिड़काव बढ़ाना, सड़क पर धूल नियंत्रण और सरकारी वाहनों पर निगरानी शामिल हैं।
लेकिन इसके बावजूद सुधार नहीं दिख रहा। विशेषज्ञों के अनुसार:
उपाय देर से लागू किए जाते हैं
जेनरेटर और निर्माण स्थलों पर निगरानी कमजोर है
आसपास के राज्यों में पराली पर नियंत्रण नहीं
वाहनों की चेकिंग ढीली है
इस वजह से हवा का स्तर “गंभीर” से “बेहद गंभीर” श्रेणी में पहुंच जाता है।
लोगों की सेहत पर बड़ा खतरा — डॉक्टरों ने चेतावनी जारी की
दिल्ली-एनसीआर के बड़े अस्पतालों में सांस की समस्याओं, खांसी-जुकाम, आंखों में जलन, और अस्थमा के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ी है। डॉक्टरों का कहना है कि AQI 400 से ऊपर जाते ही न सिर्फ बुजुर्ग और बच्चे बल्कि स्वस्थ लोग भी खतरे में आ जाते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया:
PM2.5 कण फेफड़ों के बेहद अंदर तक घुस जाते हैं
यह कण रक्त वाहिकाओं तक पहुंचकर हार्ट अटैक का कारण बन सकता है
प्रदूषण लंबी अवधि में कैंसर और फेफड़ों की गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है
डॉक्टरों ने लोगों को सुबह की वॉक से बचने, बाहर कम निकलने और N95 मास्क पहनने की सलाह दी है।
स्कूलों में चिंताजनक स्थिति — बच्चों को मास्क अनिवार्य
दिल्ली और NCR के कई प्राइवेट स्कूलों ने पेरेंट्स को एडवाइजरी जारी कर मास्क पहनने और शारीरिक गतिविधियों को कम करने की सलाह दी है। कई स्कूलों में ओपन स्पोर्ट्स और आउटडोर क्लासेस पर रोक लगा दी गई है।
कुछ जगहों पर एयर प्यूरीफायर चालू रखकर बच्चों को क्लासरूम में ही सीमित किया जा रहा है।
पेरेंट्स का कहना है कि बच्चों का स्कूल आना मुश्किल हो गया है क्योंकि प्रदूषण के कारण सिरदर्द, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
सरकार की अपील—घर से बाहर निकलते समय बरतें सावधानी
दिल्ली सरकार और एनसीआर प्रशासन लगातार अपील कर रहे हैं कि लोग जरूरी होने पर ही बाहर निकलें, गाड़ी की सर्विसिंग समय पर कराएं और मास्क पहनना न भूलें।
सरकार द्वारा जारी सावधानियाँ:
N95 या KN95 मास्क पहनें
सुबह-शाम बाहर जाने से बचें
घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें
कारपूल करें और पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग बढ़ाएं
बच्चों और बुजुर्गों को प्रदूषण वाले समय में बाहर न भेजें
सरकार ने दावा किया कि प्रदूषण नियंत्रण टीम लगातार मॉनिटरिंग कर रही है और जरूरत पड़ने पर और कड़े कदम उठाए जाएंगे।
समस्या का समाधान क्या? विशेषज्ञों ने सुझाया ‘लॉन्ग-टर्म प्लान’
वायु गुणवत्ता विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली-NCR को लंबे समय के लिए प्रदूषण रोकने की रणनीति अपनानी होगी।
इसके लिए उन्होंने सुझाव दिए हैं:
इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े स्तर पर बढ़ावा
औद्योगिक क्षेत्रों का आधुनिकीकरण
सड़क किनारे हरित पट्टी का विस्तार
स्मॉग टावरों की संख्या बढ़ाना
NCR राज्यों के बीच संयुक्त प्रदूषण नियंत्रण सिस्टम
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सख्त कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले वर्षों में सर्दियों के दौरान दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में पहले स्थान पर बना रहेगा।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बार फिर अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया है। AQI का 400 के पार जाना इस बात का संकेत है कि स्थिति बेहद गंभीर है। स्वास्थ्य के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार, प्रशासन, डॉक्टर और पर्यावरण विशेषज्ञ सभी एक बात पर सहमत हैं—अगर अभी से ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाली पीढ़ियों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ जाएगा।
