
Deoghar: देवघर में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, “बोल बम” के जयघोष से गूंज उठा बाबाधाम
देवघर। सावन का पावन महीना शुरू होते ही देवाधिदेव महादेव की नगरी देवघर में भक्ति और श्रद्धा का महासागर उमड़ पड़ा है। आज श्रावण मास का पहला दिन है, और इसी के साथ शुरू हो गई है बाबा बैद्यनाथधाम में जलार्पण की पवित्र परंपरा। हर ओर “बोल बम”, “हर-हर महादेव” के गगनभेदी नारों से वातावरण भक्तिमय हो उठा है। मंदिर प्रांगण, बैद्यनाथधाम की गलियां और सड़कों पर आस्था का जनसैलाब देखा गया।
श्रद्धालु कांवरियों का उत्साह देखते ही बनता है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु सुल्तानगंज की उत्तरवाहिनी गंगा से गंगाजल लेकर पांव पैदल करीब 105 किलोमीटर की कठिन यात्रा तय कर देवघर पहुंचे और बाबा भोलेनाथ को जलार्पण किया। यह विश्वास है कि जो भक्त सच्चे मन से बाबा को जल चढ़ाते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
श्रद्धालुओं ने बताया कि बाबा बैद्यनाथ से उन्हें अटूट आस्था है और साल दर साल वे इस पावन यात्रा में भाग लेकर पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं। सावन में बाबा को जल, बेलपत्र, धतूरा, भांग और फल अर्पित करने की विशेष महिमा है।
मंदिर के पुरोहित झलकू महाराज ने बताया कि—
“सावन महादेव को अत्यंत प्रिय मास है। यद्यपि वर्षभर श्रद्धालु बाबा पर जल अर्पण करते हैं, लेकिन सावन में गंगाजल के साथ पैदल यात्रा कर आने वाले भक्तों को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। यह धर्म, आस्था और तपस्या का संगम है। बाबा भोलेनाथ हर भक्त की झोली भरते हैं।”
सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मंदिर परिसर से लेकर शहर के प्रवेश मार्गों तक भारी संख्या में प्रशासन ने सुरक्षा बलों की तैनाती की है। स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, सफाई कर्मियों और स्वयंसेवकों ने मिलकर कांवरियों को हर संभव सुविधा देने का प्रयास किया है।
श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही देवघर की हवा में शिवभक्ति घुल गई है। बाजारों में रौनक है, दुकानों पर पूजन सामग्री की मांग बढ़ गई है, और धर्मशालाएं भक्तों से भरी हुई हैं।
देवघर का यह नज़ारा न सिर्फ एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की गहराई, भक्तों की निष्ठा और आस्था के अद्वितीय स्वरूप का परिचायक भी है