
Deoghar : चीन में दहशत फैलाने के बाद अब भारत में भी बढ़ने लगे है HMPV वायरस के मामले। जाने क्या हैं इनके लक्षण?
देवघर। चीन से आए एचएमपीवी वायरस (HMPV) ने भारत की चिंता बढ़ा दी है। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस ने सोमवार को भारत में भी दस्तक दी। देखते ही देखते एक दिन में 6 मामले सामने आए। पहले सुबह में दो मामले कर्नाटक के बेंगलुरू से सामने आए थे और फिर गुजरात में इसका संदिग्ध मिला है। वहीं दो मामले तमिलनाडु से सामने आए।
भारत में इस वायरस से संक्रमित होने वाले ये सभी बच्चे हैं, जिनमें से एक ठीक होकर घर भी चला गया। चीन में तेजी से फैलते ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के 6 मामले भारत में मिलने की आइसीएमआर ने पुष्टि की है।
आइसीएमआर और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है HMPV वायरस नया नहीं है और भारत समेत दुनिया के सभी देशों में लंबे समय से सक्रिय रहा है।
सामान्य न्यूमोनिया वायरस की सर्दियों में फैलने की अगर बात करें तो सर्दियों में इसके संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन भारत में इसका संक्रमण बढ़ने का कोई संकेत नहीं मिला है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सर्दियों के मौसम में न्यूमोनिया वायरस का संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है और बुजुर्गों और पांच साल से कम उम्र के बच्चों को अधिक प्रभावित करता है।
इसकी पहचान 2001 में हुई थी और यह कई सालों से पूरी दुनिया में फैला हुआ है। एचएमपीवी हवा के माध्यम से, श्वसन के जरिए फैलता है। यह सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है।
भारत में आए दोनों ही मामले का पता आइसीएमआर के नियमित निगरानी से सामने आया है। वायरस संक्रमण पर नजर रखने के लिए न्यूमोनिया के कुछ मामलों लेबोरेटरी में सैंपल भेजा जाता है और जिससे संक्रमण करने वाले वायरस की सही पहचान की जा सके।
HMPV वैश्विक स्तर पर पहचाना गया श्वसन संबंधी बीमारी पैदा करने वाला वायरस है, इस वजह से सभी आयु वर्ग के लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
इसमें मरीजों को खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ और नाक बहने जैसी समस्याएं होती हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सर्दियों के मौसम में न्यूमोनिया वायरस का संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है और बुजुर्गों और पांच साल से कम उम्र के बच्चों को अधिक प्रभावित करता है।
इसकी पहचान 2001 में हुई थी और यह कई सालों से पूरी दुनिया में फैला हुआ है। एचएमपीवी हवा के माध्यम से, श्वसन के जरिए फैलता है। यह सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है।
भारत में आए दोनों ही मामले का पता आइसीएमआर के नियमित निगरानी से सामने आया है। वायरस संक्रमण पर नजर रखने के लिए न्यूमोनिया के कुछ मामलों लेबोरेटरी में सैंपल भेजा जाता है और जिससे संक्रमण करने वाले वायरस की सही पहचान की जा सके।
HMPV वैश्विक स्तर पर पहचाना गया श्वसन संबंधी बीमारी पैदा करने वाला वायरस है, इस वजह से सभी आयु वर्ग के लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इसमें मरीजों को खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ और नाक बहने जैसी समस्याएं होती हैं।