Deoghar: पांचवा दिन भी देवघर के तीनों कॉलेज के कार्यालय में संपूर्ण तालाबंदी, छात्र हित में पूर्व निर्धारित परीक्षा कार्यक्रम को बाधित नहीं किया।
5 वें दिन देवघर कॉलेज महाविद्यालय सत्संग कॉलेज महाविद्यालय एवं रामादेवी बालिका महाविद्यालय में तालाबंदी जारी है, मांगो के प्रति विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक भी सकारात्मक पहल की शुरुआत नहीं की है।
कर्मचारी संघ के संजय मिश्रा ने कहा कि विश्वविद्यालय के एक भी पदाधिकारी हमारी जायज मांगों पर सहानुभूति मात्र हेतु भी धरना स्थल पर उपस्थित नहीं हुए। इससे साफ प्रदर्शित होता कि’ विश्वविद्यालय प्रशासन
हमारे मांगो के प्रति जरा भी गंभीर नहीं हैं।
हमारे निवर्तमान कुलपति ने मीडिया में सरकार के जिस पत्र का हवाला देकर हम कर्मचारियों के वेतन से
कटौती का बयान दिया वह बिल्कुल ही भ्रामक है। यह माननीय उच्च न्यायालय के न्यायादेश के आलोक में उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा निर्गत एक तार्किक आदेश है न कि राज्य के विश्वविद्यालयों के कर्मियों को आंतरिक श्रोत
से दिए जा रहे लाभ को काटने का आदेश। पत्र के अंतिम पृष्ठ से यह स्पष्ट है कि यह तार्किक आदेश वादियों को उपलब्ध कराने के लिए प्रेषित है।
दूसरी ओर पत्र में यह भी उल्लिखित है कि स्वायत्त संस्थान अपने कर्मियों को आंतरिक श्रोत से यह लाभ दे सकते हैं। हमें वित समिति और अभिषद के निर्णयोंपरांत यह लाभ दिया जा रहा था। यदि कटौती करनी ही थी तो वित्त समिति और अभिषद की बैठक आहूत कर निर्णय लेने के उपरांत ही। पांचवें छठे एवं सातवें वेतनमान में वेतन निर्धारण नहीं होने के कारण प्रत्येक कर्मचारी का 10 लाख रुपए से ज्यादा बकाया है।
हम कर्मचारियों के कल्याण की जरा भी भावना यदि विश्वविद्यालय प्रशासन की होती तो इन बकाए से भविष्य में सामंजन भी किया जा सकता था। विश्वविद्यालय प्रशासन को हमें देय लाभ के भुगतान के प्रति कार्य
सक्रिय होना चाहिए न कि कटौती के प्रति। रामा देवी बालिका महाविद्यालय की संगीता प्रसाद ने कहा कि हम कर्मचारियों के प्रति विश्वविद्यालय प्रशासन के इस असंवेदनशील भावना से हम काफी आहत हैं।
हमारी स्थिति अब करो या मरो की है। जब तक एसीपी एमएसीपी के लाभ सहित सातवें वेतन का भुगतान संबंधित अधिसूचना जारी नहीं हो जाती है हमारा आंदोलन जारी रहेगा वही सत्संग कॉलेज के दिवाकर कुमार ने कहा है कि कई ऐसे कर्मचारी हैं जिनका कार्यकाल अब समाप्त हो जाएगा वैसे कर्मचारी को भी लाभ मिले इसकी व्यवस्था होनी चाहिए थी।
मगर आज तक कोई भी इस मुद्दे पर चर्चा तक नहीं करते हैं 9 दिसंबर को अगर फैसला नहीं हुआ तो पूर्ण रूप से तालाबंदी और सभी कार्य महाविद्यालय में बंद रहेगा अनिश्चितकालीन के लिए वही कर्मचारियों ने छात्रों की भविष्य के लिए भी अपनी चिंता व्यक्त की एकमात्र परीक्षा के अलावा कॉलेज में अभी कोई कार्य नहीं हो रहा है जिससे छात्रों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है