
Deoghar: तालाब से तैरते सपने: देवघर के नंदन पहाड़ में बच्चों को मुफ्त तैराकी प्रशिक्षण, संसाधनों की कमी में ‘जुगाड़’ बना सहारा
देवघर। देवघर के मनोरम नंदन पहाड़ की गोद में बसे एक शांत तालाब में इन दिनों कुछ खास हलचल देखी जा सकती है। कभी डर और वीरानी का पर्याय रहा यह तालाब अब बच्चों की हिम्मत, मेहनत और आत्मविश्वास का साक्षी बन गया है। यहां स्विमिंग सार्क संस्था की पहल पर स्थानीय बच्चों को निशुल्क तैराकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
बच्चों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जा रहा है — वो भी बिना किसी महंगे संसाधन के। संस्था के सदस्यों ने थर्मोकोल जैसी जुगाड़ तकनीक का सहारा लेकर बच्चों को तैरने की बुनियादी विधियाँ सिखाई हैं। बच्चों की पीठ पर बंधे थर्मोकोल उन्हें न सिर्फ पानी में संतुलन सिखाते हैं, बल्कि डर को भी दूर भगाते हैं।
बच्चों के परिजन विकास कुमार बताते हैं, “स्विमिंग सार्क की यह पहल काबिल-ए-तारीफ है। इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ा है और उन्हें हुनर सीखने का मौका मिल रहा है।” संस्था के सदस्य नवीन शर्मा कहते हैं, “हम संसाधनों की भारी कमी के बावजूद बच्चों को स्वनिर्मित तरीकों से प्रशिक्षण दे रहे हैं। कई बच्चे अब तक राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं और मेडल भी जीत चुके हैं।”
हालांकि, उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि देवघर में बना कुमेत्था स्विमिंग कॉम्प्लेक्स वर्षों से बंद पड़ा है। यदि प्रशासन सहयोग करे, तो यह पहल और भी ऊंचाइयों तक पहुंच सकती है। उन्होंने तालाब की साफ-सफाई और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग भी उठाई है।
प्रशिक्षण ले रहे एक बाल तैराक नायर ने मुस्कुराते हुए बताया, “स्विमिंग करके बहुत अच्छा लगता है। मैं अब तक कई प्रतियोगिताओं में मेडल जीत चुका हूँ।” नायर की मुस्कान और आत्मविश्वास ही इस बात का प्रमाण हैं कि जुनून, समर्पण और थोड़ी सी रचनात्मकता से कोई भी मुश्किल आसान की जा सकती है।
इस पहल ने यह साबित कर दिया है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो तालाब भी सपनों का समंदर बन सकते हैं।