
Deoghar: देवघर के रोहिणी में विशेष वैष्णवी पद्धति से होती है दुर्गा आराधना, मन्नतों के लिए लगती है भक्तों की लंबी कतार।
देवघर। धर्म और अध्यात्म की नगरी के रूप में प्रसिद्ध देवघर हर महीने होने वाली विशेष पूजा-अर्चना के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र में स्थित रोहिणी एक ऐतिहासिक स्थल है, जो पूर्व में एक स्वतंत्र रियासत हुआ करता था। माना जाता है कि देवघर पहले रोहिणी स्टेट का हिस्सा था।
धर्म और संस्कृति की समृद्ध परंपरा को समेटे यह स्थान विशेष पूजा पद्धति के लिए भी प्रसिद्ध है। विशेष रूप से ज्येष्ठ मास में यहां दुर्गा पूजा बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से मनाई जाती है। देवघर के रोहिणी क्षेत्र में यह पूजा वैष्णवी परंपरा के अनुसार की जाती है, जो इसे अन्य जगहों से अलग बनाती है।
यहां स्थित मंदिर की मान्यता है कि मां दुर्गा की सच्चे मन से की गई आराधना हर मुराद को पूरा करती है। निसंतान दंपति को संतान, बेरोजगार को रोजगार जैसी कई मनोकामनाएं यहां पूरी होती देखी गई हैं। मां भगवती की ऐसी कृपा मानी जाती है कि हर वर्ष देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु यहां आते हैं।
विशेष बात यह है कि इस मंदिर में पूजा करने के लिए 10 से 12 साल तक का इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि प्रत्येक वर्ष सीमित संख्या में ही भक्तों को पूजा का अवसर मिलता है। इसके बावजूद लोगों की आस्था में कोई कमी नहीं आती, और वे वर्षों तक अपनी बारी का इंतजार श्रद्धा के साथ करते हैं।