देवघर। यूट्यूब चैनलों और अनऑथोराइज्ड पोर्टलों पर तेजी से फैल रही उस खबर ने अचानक चर्चा तेज कर दी, जिसमें दावा किया गया था कि जांच के लिए भेजे गए 100 ग्राम पेड़ा में 15 ग्राम मिट्टी मिली है और रांची स्थित स्टेट फूड लेबोरेट्री द्वारा इसकी पुष्टि की गई है। इस दावे ने न केवल आम श्रद्धालुओं में भ्रम पैदा किया, बल्कि आगामी श्रावणी मेले की तैयारी और बाजार व्यवस्था को लेकर भी कई सवाल खड़े कर दिए थे।

हालांकि अब खाद्य सुरक्षा विभाग, देवघर ने इस पूरे मामले पर आधिकारिक बयान जारी करते हुए इन सभी खबरों को पूरी तरह गलत, आधारहीन और तथ्यहीन बताया है। विभाग ने स्पष्ट कहा है कि ऐसी कोई लैब रिपोर्ट अभी तक खाद्य सुरक्षा कार्यालय, देवघर को प्राप्त ही नहीं हुई है और सोशल मीडिया या किसी भी माध्यम पर वायरल की जा रही जानकारी सिर्फ अफवाह है।
विभाग के अनुसार, पिछले दिनों सोशल मीडिया पर फैल रहे इस दावे की पुष्टि के लिए संबंधित लैब के खाद्य विश्लेषक से भी संपर्क स्थापित किया गया। बातचीत में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अब तक किसी भी नमूने में पेड़ा में मिट्टी मिलने जैसी कोई पुष्टि नहीं हुई है। यानी वायरल खबर न केवल भ्रामक है बल्कि श्रद्धालुओं और स्थानीय व्यापारियों को गुमराह करने की कोशिश भी है।
खाद्य सुरक्षा विभाग, देवघर ने खबरों को खारिज करते हुए कहा कि इस तरह की बिना पुष्टि वाली जानकारी फैलाना गंभीर लापरवाही है। विभाग ने मीडिया संस्थानों व पत्रकारों से विनम्र अपील की है कि बिना तथ्य और बिना सरकारी पुष्टि के कोई भी भ्रामक खबर प्रकाशित या प्रसारित न करें।
विभाग ने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार की जांच रिपोर्ट या कार्रवाई से जुड़ी प्रमाणिक सूचना केवल खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा ही जारी की जाती है। ऐसे में मीडिया कर्मियों को सलाह दी गई है कि जानकारी की पुष्टि के लिए प्रत्यक्ष रूप से खाद्य सुरक्षा कार्यालय से संपर्क करें और आधिकारिक बयान के बाद ही समाचार प्रकाशित करें।
श्रावणी मेला देवघर की पहचान, श्रद्धा और करोड़ों भक्तों की आस्था से जुड़ा हुआ आयोजन है। ऐसे समय में खाद्य पदार्थों को लेकर फैलने वाली गलत सूचनाएं न केवल बाजार व्यवस्था को प्रभावित करती हैं बल्कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। इसी वजह से विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वायरल खबरों को पूरी तरह खारिज किया है।
विभाग ने इस बात पर जोर दिया कि श्रावणी मेला को देखते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग पूरे शहर और मेला क्षेत्र में नियमित जांच कर रहा है। स्वच्छता, गुणवत्ता और मिलावट रोकने के लिए विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं। दूध उत्पाद, पेड़ा, मावा, मिठाई और अन्य उपभोक्ता सामग्रियों की सैंपलिंग की जा रही है।
अब तक की सभी जांचों में किसी भी पेड़ा या मिठाई में मिट्टी जैसी कोई भी मिलावट नहीं पाई गई है।
विभाग ने कहा कि सोशल मीडिया पर फैलने वाली अपुष्ट खबरें समाज में अनावश्यक भय और अविश्वास पैदा करती हैं। इसलिए मीडिया संस्थानों समेत आम लोगों से भी अपील की गई है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और हमेशा आधिकारिक सूचना पर ही भरोसा करें।
इसके साथ ही विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी भी व्यापारी, प्रतिष्ठान या मिठाई दुकान में मिलावट पाए जाने जैसे मामले सामने आते हैं, तो तुरंत कठोर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अभी तक ऐसी कोई स्थिति सामने नहीं आई है।
खाद्य सुरक्षा विभाग ने सभी मीडिया संपादकों से आग्रह किया है कि विभाग द्वारा जारी इस स्पष्टीकरण को उचित स्थान देकर प्रकाशित किया जाए, ताकि फैल चुकी गलत जानकारी को सुधारा जा सके और आम लोगों को सही तथ्य उपलब्ध हों।
शहर के व्यापारी, दुकानदार और श्रावणी मेला समिति के सदस्य भी विभाग के इस स्पष्टिकरण का स्वागत कर रहे हैं। उनका कहना है कि भ्रामक खबरें न केवल व्यापार को प्रभावित करती हैं बल्कि मेला अवधि में शहर की सकारात्मक छवि पर भी सवाल खड़े करती हैं।
विभाग ने यह भी बताया कि श्रावणी मेला–2025 की तैयारियों के बीच खाद्य सुरक्षा से संबंधित सभी प्रोटोकॉल्स का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। मेला क्षेत्र में आने वाली सभी दुकानों, स्टालों, मिठाई दुकानों और खाने-पीने की वस्तुओं की नियमित रूप से जांच की जाएगी।
इसके लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं, जो सुबह से देर शाम तक निरीक्षण का कार्य कर रही हैं।
अंत में, खाद्य सुरक्षा विभाग, देवघर ने कहा कि वायरल खबरें पूरी तरह असत्य हैं और आम जनता को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाई गई हैं। विभाग की गुजारिश है कि आगे से मीडिया, यूट्यूब चैनल और सोशल प्लेटफॉर्म पर किसी भी सूचना को परखने के बाद ही प्रसारित किया जाए, ताकि समाज में गलतफहमी न फैले और प्रशासनिक कार्यों पर भी अनावश्यक दबाव न बने।
