
Deoghar: देवघर में 108 एंबुलेंस चालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं ठप, गर्भवती महिलाओं को झेलनी पड़ी भारी परेशानी।
देवघर। देवघर जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था मंगलवार से पूरी तरह से लड़खड़ा गई है। जिले के 108 एंबुलेंस चालक और स्वास्थ्यकर्मी अपनी लंबित मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल के पहले ही दिन जिलेभर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया, खासकर उन मरीजों के लिए जिनके पास अस्पताल पहुंचने के लिए कोई निजी साधन नहीं था।
हड़ताल की शुरुआत सदर अस्पताल परिसर में हुई, जहां सभी चालक और कर्मी एकजुट होकर इकट्ठा हुए और सम्मान फाउंडेशन कंपनी के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। कर्मियों का आरोप है कि कंपनी पिछले कई महीनों से उनके साथ धोखाधड़ी कर रही है, न वेतन दे रही है और न ही सरकारी नियमों के तहत कोई सुविधा।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ा गहरा असर
जिले में कुल 20 एंबुलेंस 108 सेवा के अंतर्गत कार्यरत हैं, जो मरीजों, विशेषकर गर्भवती महिलाओं और दुर्घटना पीड़ितों को समय पर अस्पताल पहुंचाने का काम करती हैं। लेकिन चालकों के हड़ताल पर चले जाने से जिले की आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा लगभग ठप हो गई है।
मंगलवार को ही 108 कंट्रोल रूम को 15 आपात कॉल्स प्राप्त हुईं, जिनमें अधिकतर गर्भवती महिलाओं से संबंधित थीं। लेकिन कंट्रोल रूम से परिजनों को सूचित कर दिया गया कि फिलहाल एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं है क्योंकि चालक और कर्मी हड़ताल पर हैं। मजबूर होकर परिजनों ने निजी वाहनों या ऑटो की मदद से मरीजों को अस्पताल पहुंचाया, जिससे उन्हें भारी आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा।
जानिए क्या हैं एंबुलेंस कर्मियों की मांगें?
देवघर 108 एंबुलेंस चालक-कर्मी संघ के अध्यक्ष मुकेश पंडित, उपाध्यक्ष अभय कुमार, कोषाध्यक्ष संजीव कुमार और अन्य सदस्यों ने बताया कि वे पहले भी हड़ताल पर जा चुके हैं, लेकिन अब तक उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं किया गया है।
उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
झारखंड सरकार की न्यूनतम मजदूरी दर लागू की जाए
सभी कर्मियों को ज्वाइनिंग लेटर और आईडी कार्ड दिया जाए
बकाया PF और ESI का भुगतान हो
ZHL कंपनी द्वारा छोड़ी गई कोरोना प्रोत्साहन राशि और ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाए
GVK कंपनी द्वारा बकाया 74 दिन की सैलरी और PF लौटाया जाए
सम्मान फाउंडेशन द्वारा फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई 2025 की वेतन राशि तुरंत दी जाए
कर्मियों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मामले को लेकर देवघर के सिविल सर्जन डॉ. युगल किशोर चौधरी ने बताया कि चालकों से लिखित मांग पत्र मांगा गया है, जिसे स्वास्थ्य विभाग को अग्रेषित किया जाएगा ताकि जल्द से जल्द समस्या का समाधान हो सके।
देवघर जिले में 108 एंबुलेंस सेवा की हड़ताल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जाएगा, तब तक आपातकालीन सेवाएं बाधित होती रहेंगी। ऐसे में जिला प्रशासन को शीघ्र हस्तक्षेप करते हुए समाधान निकालने की आवश्यकता है, ताकि आम जनता को राहत मिल सके और गर्भवती महिलाओं समेत अन्य मरीजों की जान जोखिम में न पड़े।