
Deoghar: मोहनपुर की हृदयविदारक घटना: 4 वर्षीय मासूम का शव घर के आंगन में दफन, परिजनों पर हत्या का आरोप।
देवघर। जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के सलगती गांव से एक बेहद दर्दनाक और रोंगटे खड़े कर देने वाली वारदात सामने आई है। चार वर्षीय मासूम बच्चे का शव उसके ही घर के आंगन में जमीन के नीचे दबा हुआ मिला है। जैसे ही यह खबर सामने आई, पूरे गांव में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों में भय, आक्रोश और गम का माहौल व्याप्त है। इस कांड को लेकर मृतक की मां ने अपने ही ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे मामला और भी पेचीदा होता जा रहा है।
लापता बच्चा, संदिग्ध खामोशी
जानकारी के अनुसार, बच्चा बीते कई दिनों से लापता था। जब मां ने अपने बेटे की तलाश शुरू की तो उसे ससुराल वालों के व्यवहार में कुछ असामान्य लगा। पीड़िता ने दावा किया कि उसके पति, सास, ससुर और जेठ ने मिलकर मासूम की हत्या कर दी और शव को घर के आंगन में दफना दिया। महिला का यह भी आरोप है कि जब वह इस बारे में आवाज उठाने लगी, तो ससुराल वाले उसे चुप कराने के लिए धमकाने लगे।
पुलिस की तत्परता से खुला राज
बच्चे की गुमशुदगी को लेकर जब महिला ने पुलिस से संपर्क किया, तो मोहनपुर थाना की टीम ने तुरंत हरकत में आते हुए जांच शुरू की। संदेह के आधार पर जब महिला के ससुराल में घर के आंगन की खुदाई करवाई गई, तो वहां से बच्चे का शव बरामद हुआ। इस दृश्य को देखकर मौके पर मौजूद लोग स्तब्ध रह गए। पुलिस ने तत्काल शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।
पोस्टमार्टम से जुड़े सवाल और सस्पेंस
फिलहाल शव की हालत देखकर प्रथम दृष्टया यही प्रतीत होता है कि बच्चे की हत्या कर शव को मिट्टी में दबा दिया गया, ताकि साक्ष्य छिपाए जा सकें। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु के सही कारणों की पुष्टि हो पाएगी। इसके लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है जो हर पहलू की गहराई से जांच करेगा।
घरेलू हिंसा और पारिवारिक कलह की आहट
स्थानीय लोगों का कहना है कि मृतक की मां और उसके ससुराल वालों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। पड़ोसियों के अनुसार, महिला को ससुराल में अक्सर प्रताड़ित किया जाता था। किसी को अंदाजा नहीं था कि घरेलू कलह इस हद तक जा सकती है कि एक मासूम की बलि ले ली जाएगी।
महिला का यह भी कहना है कि जब वह अपने बेटे के लापता होने की बात लेकर पुलिस गई, तो उसके ससुराल वाले उसे मामला रफा-दफा करने की धमकी देने लगे। उन्होंने कथित रूप से उस पर मानसिक दबाव बनाने की भी कोशिश की ताकि वह पुलिस में शिकायत दर्ज न कराए।
ग्रामीणों में आक्रोश, प्रशासन से मांग
घटना के बाद से गांव में मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर पुलिस समय पर सक्रिय नहीं होती तो यह जघन्य अपराध शायद कभी सामने नहीं आता। अब लोग आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। गांव के कई लोगों ने पुलिस अधीक्षक से मिलकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
पुलिस का रुख और आश्वासन
मोहनपुर थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच पूरी गंभीरता से की जा रही है। पुलिस उन सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है जिनसे यह स्पष्ट हो सके कि घटना की पृष्ठभूमि क्या थी, किसने क्या भूमिका निभाई और किसकी लापरवाही से एक मासूम की जान गई। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है और जल्द ही मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
समाज के लिए चेतावनी
यह घटना केवल एक हत्या नहीं, बल्कि समाज के सामने एक बड़ा प्रश्नचिन्ह है। क्या हम इतने संवेदनहीन हो गए हैं कि पारिवारिक रंजिश के चलते मासूम बच्चों को मौत के घाट उतारने लगे हैं? क्या घरेलू विवादों को सुलझाने की बजाय हिंसा और अपराध को प्राथमिकता दी जा रही है?
इस हृदयविदारक घटना ने एक बार फिर हमें झकझोर कर रख दिया है कि पारिवारिक कलह अगर समय रहते न सुलझाई जाए तो वह किसी मासूम की जिंदगी भी छीन सकती है। इस मामले से प्रशासन, समाजसेवियों और नागरिकों को सीख लेनी चाहिए कि घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवादों को गंभीरता से लें और समय पर हस्तक्षेप करें।
निष्कर्ष
फिलहाल, पूरे क्षेत्र में इस वारदात को लेकर रोष और दुख का माहौल है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया है। परिजनों पर लगे गंभीर आरोपों की पुष्टि के लिए पोस्टमार्टम और अन्य सबूतों की प्रतीक्षा की जा रही है। यह मामला न्याय की मांग कर रहा है—उस मासूम के लिए, जिसकी जिंदगी ने अभी ठीक से उड़ान भी नहीं भरी थी।