
Deoghar: संथाल परगना का डेमोग्राफी नहीं,भाजपा का डेमोग्राफी चेंज हो गया है- मुन्नम संजय
देवघर। झारखंड में गरीब,मजदूर, किसान,आदिवासियों,दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों के लिए गठबंधन की हेमंत सोरेन सरकार की उपलब्धियों तथा बढ़ती लोकप्रियता एवं बढ़ते जनाधार से भाजपा पुरी तरह बौखला गई है और डर गई है। उक्त बातें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं जिला बीस सूत्री उपाध्यक्ष मुन्नम संजय ने प्रेस को बताया। आगे उन्होंने बताया कि भाजपा मुद्दाविहीन पार्टी बनकर रह गई है।
केंद्र सरकार के चुनाव समय सिर्फ हिंदुस्तान-पाकिस्तान और हिंदू- मुस्लमान का मुद्दा उठा कर भोली भाली जनता को गुमराह करने का काम करती आ रही है। उसी प्रकार अब झारखंड में बंगलादेश और झारखंड, आदिवासी और बंगलादेशी का मुद्दा उछाल कर लगातार आयातित नेताओं के द्वारा झारखंड को भी अशान्त करने का खूब जोर प्रयास किया जा रहा है।
लगातार दस वर्षों से केन्द्र में जिनकी सरकार है और जिनको बोर्डर की सुरक्षा की जिम्मेदारी है,वे राज्य सरकार पर घुसपैठ कराने का गैर जिम्मेदाराना आरोप लगाते हैं। क्या प्रधानमंत्री जी के साथ केन्द्र सरकार के रक्षा मंत्री और गृहमंत्री पुरी तरह से फैल हो गई है? ये सभी आरोप की कोई सत्यता नहीं है।
ये मुद्दा सिर्फ चुनाव के समय इन लोगों को दिखाई पड़ता है,बाकी सत्ता के समय झारखंड लुटने में। झारखंड का 1,36,000हजार करोड़ रुपया केंद्र रोक कर रखा है। वहीं झारखंड गठन के बाद करीब सर्वाधिक समय भाजपा की सरकार रही है। आज़ संथाल परगना का डेमोग्राफी चेंज नहीं हुआ है। अगर डेमोग्राफी चेंज हो गया है तो वो भाजपा का।
आज पांच-पांच पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा में घुम रहा है, साथ में एक आसाम के मुख्यमंत्री भी। इनमें से अधिकतर दूसरे दलों से आए हुए हैं। झारखंड में भाजपा के मुख्य पदों पर आसीन नेता, प्रदेश अध्यक्ष, विधायक दल के नेता,कई सांसद दूसरे दलों के आयातित तथा रिजेक्टेड लोग हैं। इनके मुंह से ऐसी बातें अशोभनीय एवं तथ्यहीन है।
गठबंधन की राज्य सरकार झारखंड के महिलाओं, बच्चों, छात्रों, नौजवानों, वृद्धों को यानि हर व्यक्ति के हितों के लिए योजना लागू कर लाभान्वित किया जा रहा है। ऐसे में विपक्षी पुरी तरह धराशाई हो गई है। पहले तो सरकार को गिराने का प्रयास किया गया, निर्दोष मुख्यमंत्री को जेल में डालकर डराने का प्रयास किया गया।
जब इन सभी अनैतिक कार्यों में केन्द्र सरकार और भाजपा विफल रही, तब असफल होने पर झारखंड सरकार के कार्यों से हताश विपक्ष होकर देश के प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री, रक्षामंत्री, केंद्रीय मंत्री, दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री का लगातार दौरा चल रहा है। यहां तक इन बड़े नेताओं को भाजपा की जीत नहीं इज्जत बचाने के लिए प्रखंड स्तर पर ही नहीं पंचायत स्तर पर जाना पड़ रहा है, बाबजूद प्रभावहीन हो रहे हैं।
झारखंड की जनता भाजपा की निति और नियति को अच्छी तरह जान चुकी है। पुनः झारखंड में गठबंधन की सरकार पूर्ण बहुमत से बनेगी और भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा।
प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री तथा केंद्रीय मंत्री जितना दौरा झारखंड में कर रहे हैं। क्या जलता हुआ मणिपुर का दौरा कर रहे हैं? हाल ही में नवादा में दलितों के दर्जनों घरों को दबंगों द्वारा जला दिया गया। क्या आगजनी के शिकार सैकड़ों बेघर हुए परिवार से मिलने गए? जहां एनडीए की सरकार है।
वहीं दो दिन पूर्व भाजपा शासित छत्तीसगढ़ में गृह मंत्री के गृह जिला कवरदाहा में साहू परिवार के पुरे गांव पर पुलिसिया बर्बर कार्रवाई की गई।एक युवक प्रशांत साहू को पुलिस हिरासत में पीट-पीट कर मार देती है, वहां के महिलाओं तक को पुलिस ने नहीं बक्शा।
क्या वहां प्रधानमंत्री और गृह मंत्री गए? क्या यहां के लोग भारतीय नागरिक नहीं हैं? एक मात्र शांति और सद्भाव लेकर चल रहे झारखंड को अस्थिर और अशांत करने का प्रयास किया जा रहा है।जो कभी सफल होने नहीं दिया जाएगा।