
Deoghar: बोल बम और हर हर महादेव का जयकारा लगाते जलार्पण कर रहें हैं कांवरिया
सुलभ और सुरक्षित जलार्पण करवाना उद्देश्य-उपायुक्त विशाल शागर
देवघर-विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला की शुरुआत पहली सोमवरी के साथ हो गया।
बाबा वैद्यनाथ मंदिर् में देर रात से ही काँवड़िया जलार्पण करने के लिए कतार में लग थे।मंदिर से कांवड़ियों की कतार की लंबाई 4 किलोमीटर दूर तक गई।
सावन की पहली सोमवारी है देवघर के डीसी विशाल सागर लगातार पूरे मेला क्षेत्र की मॉनीटरिंग कर रहे हैं।
एक अनुमान के अनुसार तकरीबन डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहली सोमवारी को भगवान भोले पर जलार्पण किया। बाबा मंदिर में जलार्पण करने के लिए गर्भ गृह और निकास द्वार पर अर्घा लगाया गया है। सोमवार को बाबा मंदिर में सुबह 4:00 बजे सरकारी पूजा समाप्त होने के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर का पट खोला गया है।
सोमवारी होने की वजह से आज श्रद्धालु काफी संख्या में बैधनाथ धाम पहुंच रहे हैं और मंदिर में जलार्पण कर रहे हैं। कतार और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन के मजिस्ट्रेट लगातार डटे हुए हैं।
इस बार सावन के महीने में पांच सोमवारी का सुखद संयोग है, और जिला प्रशासन के लिए सोमवारी एक कड़ी चुनौती होती है।पुरोहित इस दिन को काफी शुभ मानते हैं ऐसे तो सावन का हर दिन मंगलकारी होता है।
लेकिन सोमवार शिव भक्तों के लिए खास होता है।12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा बैद्यनाथ धाम के मंदिर में लगातार श्रद्धालु का आना जारी है।
पुरानी परंपरा के मुताबिक बिहार के सुल्तानगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा से जल उठाकर शिव भक्त 105 किलोमीटर की कावड़ यात्रा करते हैं और बाबा धाम में जलार्पण करते हैं। वहीं स्थानीय तीर्थपुरोहित शशि मिश्रा ने कहा कि इस बार के श्रावणी माह में पांच सोमवार पड़ने से इसकी महत्ता बढ़ जाती है।
आज का दिन काफ़ी शुभ माना जाता है, महादेव पर विल्वपत्र अर्पण करनें से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। जिला के उपायुक्त विशाल शागर ने कहा कि श्रावणी माह की पहली सोमवार है अच्छी संख्या में कावंरिया बाबा नगरी पहुंच रहें हैं।
उन्हें नियम पूर्वक कतावद्ध कर जलार्पण करवाया जा रहा है।पुलिस के साथ साथ क्यूआरटी टीम को भी कांवरियों की सुविधा के लिए लगाया गया है।
मुख्य रूप से हमलोगों का उद्देश्य है कांवरिया बांधों को सुलभ तरीके से जलार्पण करवाया जाए।पहली सोमवार की भीड़ के अनुमान के तहत ही आगे की भी तैयारी की जाएगी। वहीं पूरे मंदिर प्रांगण का वातावरण बोल बम के नारे से गुंजायमान होता रहा।