देवघर। देवघर जिले में खेलों को बढ़ावा देने और युवाओं को पारंपरिक भारतीय खेलों से जोड़ने के उद्देश्य से 17वीं जिला स्तरीय खो-खो प्रतियोगिता का भव्य आयोजन 20 और 21 दिसंबर को होने जा रहा है। यह दो दिवसीय आयोजन देवघर महाविद्यालय परिसर स्थित बाबू बेदानंद सिंह अखाड़ा में संपन्न होगा, जहां जिले भर से खिलाड़ियों और टीमों के शामिल होने की उम्मीद है। प्रतियोगिता का आयोजन खो-खो देवघर द्वारा किया जा रहा है, जिसका नेतृत्व अध्यक्ष डॉ. राजीव रंजन और सचिव कौशल कुमार सिंह कर रहे हैं।

अध्यक्ष डॉ. राजीव रंजन ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष की प्रतियोगिता विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि जिले के अलग-अलग प्रखंडों से बड़ी संख्या में युवा खिलाड़ियों के भाग लेने की संभावना है। उन्होंने कहा कि खो-खो एक ऐसा खेल है जो न केवल शारीरिक क्षमता बढ़ाता है बल्कि टीम भावना, एकाग्रता और तेजी से निर्णय लेने की कला विकसित करता है। प्रतियोगिता का उद्देश्य इन गुणों को युवाओं में प्रोत्साहित करना है, ताकि वे न केवल जिले का बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना सकें।
सचिव कौशल कुमार सिंह ने बताया कि खो-खो, भारत का पारंपरिक धरोहर खेल होने के बावजूद आधुनिक समय में कहीं-कहीं उपेक्षित होता जा रहा है। ऐसे में इस तरह की प्रतियोगिताएं युवाओं को इस खेल के प्रति आकर्षित करने का माध्यम बनती हैं। उन्होंने कहा कि आयोजन समिति ने प्रतियोगिता की पूरी तैयारी कर ली है और सभी टीमों को बेहतर वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा। टीम पंजीकरण की अंतिम तिथि 15 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है और सभी इच्छुक टीमें निर्धारित तिथि से पहले अपना पंजीकरण अवश्य करा लें।
तकनीकी निदेशक राकेश कुमार ने बताया कि प्रतियोगिता का उद्घाटन समारोह 20 दिसंबर को सुबह 10 बजे आयोजित किया जाएगा, जिसमें जिले के गणमान्य अतिथि, खेल अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। उद्घाटन समारोह के दौरान खिलाड़ियों का परिचय, सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिता का औपचारिक शुभारंभ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी समिति ने सभी मैचों के संचालन की व्यापक तैयारी कर ली है, ताकि खेल निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो।
दो दिवसीय कार्यक्रम में विभिन्न आयु वर्ग की टीमों के बीच मुकाबले आयोजित होंगे। खिलाड़ियों के कौशल, गति और रणनीति को परखने के लिए कई राउंड में मैच खेले जाएंगे। आयोजन समिति की ओर से बताया गया कि जीतने वाली टीमों को ट्रॉफी, मेडल और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा, प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को राज्य स्तरीय खो-खो प्रतियोगिता में देवघर जिले का प्रतिनिधित्व करने का अवसर भी मिलेगा, जो उनके करियर और भविष्य के खेल जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा।
खेल प्रेमियों, खिलाड़ियों के अभिभावकों और स्थानीय नागरिकों से अपील की गई है कि वे बड़ी संख्या में अखाड़ा पहुंचकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करें। खो-खो की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए जनसहभागिता बेहद आवश्यक है। आयोजक समिति का मानना है कि दर्शकों की ऊर्जा और समर्थन से खिलाड़ियों में नया जोश आएगा और यह पारंपरिक खेल एक बार फिर नई ऊंचाइयों को छू सकेगा।
प्रतियोगिता को सफल एवं सुरक्षित रूप से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा व्यवस्था, चिकित्सा सहायता, पानी, बैठने की व्यवस्था और प्रकाश व्यवस्था की तैयारी भी पूरी कर ली गई है। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए मेडिकल टीम तैनात की जाएगी। वहीं, खिलाड़ियों के लिए गर्म पानी, प्राथमिक उपचार और आवश्यक खेल सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
देवघर महाविद्यालय के परिसर में स्थित बाबू बेदानंद सिंह अखाड़ा वर्षों से खेल गतिविधियों का केंद्र रहा है, जहां अनेक प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने अभ्यास करके जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। इस अखाड़ा का ऐतिहासिक महत्व भी है, जिसने वर्षों से खो-खो और अन्य खेलों को सशक्त मंच प्रदान किया है। इस वजह से इस वर्ष की प्रतियोगिता का आयोजन यहां होना खिलाड़ियों के लिए एक विशेष अनुभव होगा।
जिले के लोग इस आयोजन को लेकर उत्साहित हैं। पिछले वर्षों की तुलना में इस बार अधिक टीमों और खिलाड़ियों के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है। युवाओं में खेल के प्रति बढ़ती जागरूकता और फिटनेस को लेकर बढ़ती रुचि इस प्रतियोगिता की सफलता का प्रमुख कारण बन सकती है।
अंत में आयोजक समिति ने बताया कि प्रतियोगिता का उद्देश्य केवल विजेताओं का चयन करना नहीं है, बल्कि युवाओं को खेल के माध्यम से अनुशासन, सहयोग, समर्पण और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित करना भी है। खेल केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि एक स्वस्थ समाज के निर्माण का आधार है। खो-खो जैसे पारंपरिक खेल न केवल हमारी संस्कृति को जीवंत रखते हैं, बल्कि बच्चों से लेकर युवाओं तक सभी को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाते हैं।