
Deoghar: जिसका कोई नहीं उसका मैं… हूं, के शब्द को चरितार्थ कर रहे है किन्नर समाज।
देवघर आस्था और समर्पण की नगरी है, यहां हर पर्व त्यौहार का एक विशेष महत्व माना जाता है।
और लोग हर त्योहार में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं, इसी कड़ी में देवघर के किन्नर समाज के द्वारा होली पर एक बड़ा संदेश समाज को दिया है।
जहां लोग होली अपनों के बीच मानते हैं, वहीं यहां किन्नर समाज के द्वारा देवघर के वृद्धाश्रम में पहुंचकर वैसे लोगों के साथ होली मना रहे हैं।
जिनका कोई नहीं है, या फिर जिनके परिवार वाले उन्हें अकेला छोड़ दिए हैं, उनके बीच पहुंचकर यह एक परिवार बनकर होली की खुशियां बांट रही है।
किन्नर समाज की मुखिया रोज मौसी कहती है कि किन्नर समाज भी अनाथ है, और ऐसे में जिस लोगों का कोई नहीं होता है, उनके पास वो सभी पहुंच कर कोई भी पर्व को हर्षोंउल्लास के साथ मनाते हैं।
साथ ही वृद्धाश्रम में सभी लोगों के बीच भंडारा का भी आयोजन किया गया।