Deoghar: गांव-गांव तक पहुंचेगा समृद्धि का पैगाम, मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत बंटीं बकरियां।

Deoghar: गांव-गांव तक पहुंचेगा समृद्धि का पैगाम, मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत बंटीं बकरियां।

देवघर। झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के अंतर्गत गुरुवार को एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पशु चिकित्सालय परिसर में आयोजित हुआ, जहां कुल 25 लाभुकों को निःशुल्क बकरियों का वितरण किया गया। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रमुख, पशुपालन विभाग के अधिकारी और ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ की गई। लाभुकों को एक-एक कर बुलाकर बकरियां सौंपी गईं, साथ ही उनके रख-रखाव और पालन-पोषण से संबंधित जानकारी भी दी गई। बकरियों का वितरण पूरी पारदर्शिता और पूर्व चयन प्रक्रिया के अनुसार किया गया था, जिससे वास्तविक जरूरतमंदों को इसका लाभ मिल सके।

मौके पर उपस्थित प्रमुख ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार की यह योजना ग्रामीणों, विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि पशुपालन से न केवल नियमित आय का स्रोत प्राप्त होता है, बल्कि यह स्वरोजगार को भी बढ़ावा देता है। बकरी पालन जैसे छोटे स्तर के व्यवसाय से ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।

प्रमुख ने यह भी बताया कि राज्य सरकार लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन विकास के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनका उद्देश्य है कि लोग केवल खेती पर ही निर्भर न रहें, बल्कि वैकल्पिक आय के साधन अपनाकर अपनी जीवनशैली को बेहतर बना सकें।

पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने लाभुकों को बकरियों की देखभाल, टीकाकरण, पोषण, और बीमारी से सुरक्षा के उपायों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से समय-समय पर स्वास्थ्य जांच और आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि बकरी पालन को एक सफल व्यवसाय के रूप में अपनाया जा सके।

बकरियां प्राप्त कर लाभुकों के चेहरों पर खुशी साफ दिखाई दे रही थी। एक लाभुक महिला ने कहा, “सरकार का धन्यवाद, इससे मेरे परिवार को एक नई उम्मीद मिली है। अब हम बकरी पालन कर अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे।”

कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए पशुपालन विभाग की टीम को स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने बधाई दी और आशा जताई कि ऐसी योजनाएं आगे भी ग्रामीणों तक पहुंचती रहेंगी।

यह पहल राज्य सरकार की आत्मनिर्भर झारखंड की दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो रही है, जिससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

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