
देवघर। निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज ने एक प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के लिए आवश्यक नेतृत्व बताते हुए कहा कि वे 85 वर्ष की आयु तक देश की सेवा करें। उन्होंने महादेव से प्रार्थना की कि रिटायरमेंट की उम्र सीमा 85 वर्ष हो जाए ताकि देश को नरेंद्र मोदी जैसे नेतृत्व से अधिक लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि बैधनाथ धाम केवल शिव की भूमि नहीं बल्कि शक्ति की भी उपस्थिति है। यहां की पूजा पद्धति अन्य स्थानों से अलग और उत्कृष्ट है। उन्होंने खुद जंगल से बिल्वपत्र लाकर बाबा बैधनाथ की पूजा की और बताया कि यह सब महादेव की इच्छा से ही संभव हुआ।
स्वामी जी ने कहा कि मंदिरों और मठों का संचालन पुजारियों और सन्यासियों के अधीन होना चाहिए, न कि सरकार के अधीन। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल से भी इस विषय पर बात करने की जानकारी दी।
वीआईपी कल्चर पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि महादेव के दर पर सभी समान हैं। मंदिर में वीआईपी कल्चर नहीं होना चाहिए। विशेष लोग आएं तो उनके लिए व्यवस्था होनी चाहिए, पर पूजा स्थानीय पंडितों द्वारा ही होनी चाहिए।
पाकिस्तान पर हमले को उन्होंने सही बताया और कहा कि भारत की लड़ाई आतंकवाद से है, न कि पाकिस्तान से। उन्होंने सेना को शक्ति का प्रतीक बताते हुए उनके पराक्रम की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री द्वारा मंदिरों के जीर्णोद्धार की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अहिल्या बाई होलकर के बाद अगर किसी ने मंदिरों को पुनर्जीवित किया है, तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।
ऑपरेशन सिंदूर और बीजेपी द्वारा “घर-घर सिंदूर” अभियान को उन्होंने उचित ठहराया और कहा कि यह बहन-बेटियों के सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक है। उन्होंने इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से न देखने की अपील की।
बिहार चुनाव पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि साधु किसी पार्टी के नहीं होते, वे राष्ट्रहित और धर्महित में खड़े रहते हैं। उन्होंने बीजेपी को बिहार में सत्ता में आने की शुभकामना दी।
स्वामी कैलाशानंद जी महाराज देवघर और जमुई के चार दिवसीय आध्यात्मिक दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने परंपरागत रूप से जंगल से बिल्वपत्र तोड़कर बाबा बैधनाथ की पूजा अर्पित की। उनके साथ कई अनुयायी और सहयोगी भी उपस्थित रहे।