
Deoghar News: त्रिकूट मोड़ पर दंडी बाबा की दर्दनाक मृत्यु, महादेव की भक्ति में लीन थे जमुई के श्रद्धालु।
देवघर। श्रावणी मेले की पावन बेला में जहां लाखों श्रद्धालु सुल्तानगंज से जल लेकर बाबा बैद्यनाथ धाम की ओर कांवड़ यात्रा कर रहे हैं, वहीं इस यात्रा के दौरान एक अत्यंत दुखद घटना सामने आई। बिहार के जमुई जिले के एक श्रद्धालु दंडी बाबा की मौत हो गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जमुई जिला अंतर्गत झाझा थाना क्षेत्र के धमाना गांव निवासी चमन यादव (उम्र लगभग 60 वर्ष, पिता- मधुरा यादव) अपने पुत्र व अन्य श्रद्धालुओं के साथ सुल्तानगंज से जल लेकर दंड देते हुए बाबा बासुकीनाथ जा रहे थे। वे 10 जुलाई 2025 को सुल्तानगंज से पवित्र गंगा जल लेकर यात्रा पर निकले थे। बाबा बैद्यनाथ धाम में सोमवार को जलार्पण कर पूजा अर्चना करने के बाद उनकी टोली बासुकीनाथ धाम की ओर रवाना हुई थी।
बताया जा रहा है कि रविवार की सुबह यात्रा के दौरान वे त्रिकूट मोड़ स्थित बजरंगबली मंदिर परिसर में विश्राम के लिए रुके थे। महादेव की भक्ति में निरंतर दंडयात्रा कर रहे चमन यादव मंदिर परिसर में थोड़ी देर आराम करने लगे, लेकिन दुर्भाग्यवश आराम के क्रम में ही उनकी मृत्यु हो गई। इस घटना से पूरे समूह में शोक की लहर दौड़ गई।
चश्मदीद श्रद्धालुओं ने बताया कि बाबा कुछ देर से थकान महसूस कर रहे थे, जिस कारण वे विश्राम हेतु रुके थे। किंतु अचानक उनके प्राण पखेरू उड़ जाने से साथी श्रद्धालु स्तब्ध रह गए। घटना की सूचना तत्काल स्थानीय प्रशासन और पुलिस को दी गई।
परिजन और साथी श्रद्धालुओं में शोक
मृतक चमन यादव के परिवार में परिजन बसंत यादव शामिल हैं, जबकि यात्रा में उनके साथ श्रद्धालु संजय यादव भी थे। जानकारी के मुताबिक उनकी टोली में कुल सात श्रद्धालु शामिल थे, जो इस दुखद घटना से बेहद गमगीन हैं।
श्रद्धालुओं का कहना है कि यह बाबा बैद्यनाथ की पावन नगरी में आस्था और भक्ति की चरम परिणति है, जहां भक्त अपने जीवन के अंतिम क्षण तक शिव-भक्ति में लीन रहते हैं। हालांकि, यात्रा के बीच इस तरह की घटना से श्रावण मेला का माहौल भी गमगीन हो गया है।
श्रद्धालुओं ने दी श्रद्धांजलि
त्रिकूट मोड़ स्थित मंदिर परिसर में मौजूद लोगों और अन्य कांवरियों ने दिवंगत दंडी बाबा को श्रद्धांजलि दी। उपस्थित श्रद्धालुओं ने कहा कि यह घटना भले ही दुखद है, लेकिन बाबा महादेव के आशीर्वाद से उनका जीवन सफल हो गया क्योंकि वे भक्ति-पथ पर ही अपने प्राणों का त्याग कर गए।
प्रशासन की भूमिका
स्थानीय पुलिस व प्रशासन ने शव को अपने कब्जे में लेकर आवश्यक कार्यवाही पूरी की। परिजनों को भी घटना की जानकारी दी गई और उनके पहुंचने की व्यवस्था कराई जा रही है।
आस्था और भक्ति का प्रतीक
श्रावण मास में सुल्तानगंज से देवघर और फिर बासुकीनाथ तक कांवर यात्रा कर जलार्पण करना आस्था का महापर्व माना जाता है। इसमें हजारों-लाखों श्रद्धालु हर साल शामिल होते हैं। इस यात्रा में “दंडी बाबा” की विशेष परंपरा है, जिसमें श्रद्धालु पूरी यात्रा दंड देते हुए पूरी करते हैं। चमन यादव भी इसी परंपरा के तहत वर्षों से कांवर यात्रा में भाग ले रहे थे।
उनके निधन की खबर से न केवल उनका गांव धमाना शोक में डूब गया है, बल्कि यात्रा में शामिल साथी श्रद्धालु भी अत्यंत व्यथित हैं।
स्थानीय श्रद्धालुओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। साथ ही बाबा बैद्यनाथ से यह कामना की कि वे अपने श्रीचरणों में स्थान दें।