
Deoghar News : झारखंड चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि।
सदर अस्पताल में आयोजित शोकसभा में कर्मचारियों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि, दो मिनट का मौन रखकर दी गई श्रद्धांजलि।
देवघर। झारखंड चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा सोमवार को सदर अस्पताल के प्रयोगशाला परिसर में झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता, पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र ने की। शोकसभा में उपस्थित सभी सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर दिशोम गुरु की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन न सिर्फ एक राजनेता थे, बल्कि झारखंड राज्य के गठन के लिए लड़ी गई ऐतिहासिक लड़ाई के एक सच्चे जननायक भी थे। उन्होंने कहा कि जब पूरा झारखंड बाहरी महाजनों के शोषण से जूझ रहा था, तब शिबू सोरेन के नेतृत्व में एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा हुआ, जिसने समाज को जागरूक किया और झारखंड के अलग अस्तित्व की लड़ाई को मजबूती दी।
मिश्र ने आगे कहा कि दिशोम गुरु ने आदिवासी समाज में फैली कुरीतियों, खासकर शराब सेवन के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई और समाज सुधारक के रूप में भी अपनी भूमिका निभाई। आज झारखंड एक अलग राज्य के रूप में स्थापित है, तो इसका श्रेय शिबू सोरेन जैसे जननायकों को ही जाता है। उन्होंने कहा कि उनकी राजनीतिक दूरदर्शिता, सामाजिक प्रतिबद्धता और आंदोलनकारी छवि हम सभी कर्मचारी संगठनों को प्रेरणा देती है।
शोकसभा में मौजूद अन्य सदस्यों ने भी दिशोम गुरु के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वक्ताओं ने कहा कि उनका जीवन संघर्षशील, अनुकरणीय और प्रेरणादायी रहा है। वे हमेशा गरीबों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहे और झारखंड के सर्वांगीण विकास का सपना देखा।
शोकसभा में मुख्य रूप से रवि रंजन, त्रिलोकी नाथ पांडेय, संजीव कुमार मिश्र, अनिल कुमार गुप्ता, पारस नाथ अंबे, बैजू कुमार, मिथिलेश प्रसाद, अरुण कुमार, आशु रंजन, पिंटो कुमार, विवेक कुमार, अजित कुमार समेत अन्य कई कर्मचारी मौजूद थे। सभी ने एक स्वर में दिशोम गुरु के दिखाए मार्ग पर चलने और उनके सपनों के झारखंड को साकार करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
कार्यक्रम के अंत में जिलाध्यक्ष ने कहा कि संघ की ओर से राज्य सरकार से यह मांग की जाएगी कि दिवंगत दिशोम गुरु के सम्मान में राज्य भर में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाए और उनके सम्मान में कोई स्मारक या योजना शुरू की जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ उनके बलिदान और संघर्ष को याद रख सकें।
शोकसभा शांतिपूर्वक और भावभीनी श्रद्धांजलि के साथ संपन्न हुई।