
Deoghar News: सावन की अंतिम सोमवारी पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब, बाबा नगरी में भक्तों का सैलाब
देवघर। सावन माह की आज अंतिम और चौथी सोमवारी है, ऐसे में बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। पूरे शहर में हर तरफ बोल बम और हर-हर महादेव के जयकारे गूंज रहे हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी विशाल है कि बाबा मंदिर से लगभग 5 किलोमीटर दूर नंदन पहाड़ तक कांवरियों की कतार पहुंच गई है।
भोर से शुरू हुआ जलार्पण
अहले सुबह बाबा बैद्यनाथ मंदिर का पट रात 3:00 बजे खोला गया। पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार सबसे पहले कांचा पूजा संपन्न हुई। इसके पश्चात सरदार पांडा के द्वारा सरदारी पूजा की गई। सभी धार्मिक अनुष्ठानों के पूरा होने के बाद, सुबह लगभग 4:00 बजे श्रद्धालुओं के लिए जलार्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
मंदिर परिसर में भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दो अरघा लगाए गए हैं। एक अरघा मंदिर के गर्भगृह में और दूसरा गर्भगृह के बाहर (बाह्य अरघा) स्थापित किया गया है। भक्तगण कतारबद्ध तरीके से जल और बेलपत्र चढ़ाकर बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद ले रहे हैं।
अत्यधिक भीड़, प्रशासन सतर्क
आज अंतिम सोमवारी होने के कारण आस्था का ज्वार सबसे ऊंचाई पर दिखाई दे रहा है। बाबा नगरी में आज दो लाख से अधिक कांवरियों के पहुंचने का अनुमान है। इसको देखते हुए देवघर जिला प्रशासन ने खास इंतजाम किए हैं। देवघर डीसी ने बताया कि कांवड़ियों को सुलभ जलार्पण कराने को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। रूट लाइन का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है ताकि कतार में कोई अव्यवस्था न हो।
पुरोहितों ने बताया दिन का महत्व
बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पुरोहितों ने आज के दिन को अत्यंत विशेष बताया। उन्होंने कहा कि आज दसवीं उपरांत एकादशी है, इसलिए जो भी भक्त आज बाबा पर जल अर्पण कर बेलपत्र चढ़ाएंगे, उन्हें मनवांछित फल की प्राप्ति होगी।
सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पुलिस बल को मुख्य मार्गों और रूट लाइनों पर तैनात किया गया है। कांवड़ियों की लंबी कतार को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने के लिए पुलिस अधिकारी लगातार रूट का निरीक्षण कर रहे हैं।
कांवड़ियों की कतार नंदन पहाड़ से आगे तक
आज भक्तों की भीड़ इतनी ज्यादा है कि मंदिर परिसर में लगाई गई कतार नंदन पहाड़ से भी आगे तक फैल गई है। चारों तरफ श्रद्धालु हाथों में कांवड़ लिए, गेरुआ वस्त्र धारण किए, बाबा भोलेनाथ का नाम जपते हुए कतार में खड़े हैं।
शहर में भक्तिमय माहौल
देवघर शहर का हर कोना आज भक्ति और आस्था से सराबोर है। जगह-जगह भजन-कीर्तन, ढोल-नगाड़ों की धुन और हर-हर महादेव के जयकारे गूंज रहे हैं।
अरघा से कर रहे जलार्पण
मंदिर में आए कांवरिया कतारबद्ध होकर गर्भगृह में लगे अरघा और बाह्य अरघा से बाबा बैद्यनाथ पर जल चढ़ा रहे हैं। इससे जलार्पण की प्रक्रिया तेज हुई है और भक्तों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ रहा है।
डीसी का संदेश
देवघर डीसी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे कतारबद्ध तरीके से जलार्पण करें और प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए सभी विभागों को अलर्ट किया गया है।
सावन की अंतिम सोमवारी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन की अंतिम सोमवारी पर भगवान शिव का पूजन करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। खासकर जो भक्त पूरे सावन में जल अर्पण नहीं कर पाते, वे अंतिम सोमवारी को जल चढ़ाकर अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं।
अंतिम सोमवारी बनी आस्था का पर्व
सावन की अंतिम सोमवारी के अवसर पर देवघर में श्रद्धालुओं का जो उत्साह दिखाई दे रहा है, वह वाकई देखने लायक है। दूर-दूर से आए भक्त बाबा पर जल अर्पण कर अपने जीवन की हर मनोकामना पूर्ण होने की कामना कर रहे हैं।
आज सावन की अंतिम सोमवारी पर बाबा बैद्यनाथ धाम में आस्था का अद्भुत संगम दिखाई दे रहा है। गंगा जल की बूंद-बूंद से शिवलिंग का अभिषेक करते कांवरिया अपनी थकान भूलकर सिर्फ एक ही भावना में डूबे हैं—“बोल बम” और “हर-हर महादेव”। बाबा नगरी का हर कोना आज शिव भक्ति में रंगा हुआ है।