
Deoghar News: श्रावणी मेला में महिलाओं के अधिकारों पर राष्ट्रीय महिला आयोग का विशेष कैंप सम्पन्न।
देवघर। श्रावणी मेला के पावन अवसर पर देवघर स्थित शिवलोक परिसर में राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से महिलाओं के लिए विशेष जागरूकता एवं सहायता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य महिलाओं तक आयोग के कार्यों, योजनाओं और अधिकारों की जानकारी पहुंचाना तथा उन्हें कानूनी व प्रशासनिक मदद उपलब्ध कराना था।
कैंप के समापन से पूर्व रविवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ममता कुमारी देवघर पहुंचीं और आयोजित कार्यक्रम की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा इस तरह के शिविर प्रयागराज में भी लगाए गए थे और अब देवघर के श्रावणी मेला के दौरान भी यह पहल की गई है। इस दौरान महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकार, महिला सशक्तिकरण के उपाय, तथा महिला उत्पीड़न के मामलों में आयोग की भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
ममता कुमारी ने कहा कि इस कैंप के माध्यम से लाखों महिलाओं तक सीधे संदेश पहुंचा है। “श्रावणी मेला में देशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं, ऐसे में यह एक सुनहरा अवसर था कि यहां आई महिलाएं अपने अधिकारों और कानूनी सहायता के बारे में जागरूक हों,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी बताया कि कैंप के दौरान कई पीड़ित महिलाओं के आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन आवेदनों पर शीघ्र कार्रवाई करते हुए संबंधित जिलों में जाकर उनका निष्पादन किया जाएगा। “हमारा प्रयास है कि पीड़ित महिला को उसके ही जिले में न्याय और सहायता मिले, ताकि उसे बार-बार दौड़ना न पड़े,” ममता कुमारी ने जोड़ा।
कैंप में न केवल देवघर जिले की महिलाएं बल्कि संथाल परगना के विभिन्न जिलों से आई महिलाएं भी शामिल हुईं। इनमें कई महिलाएं अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचीं, वहीं कई महिलाएं केवल जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से आईं। शिविर में आयोग की ओर से महिला उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर उत्पीड़न, विवाह संबंधी विवाद, और संपत्ति अधिकार जैसे मुद्दों पर परामर्श दिया गया।
शिविर स्थल पर महिलाओं को हेल्पलाइन नंबर, शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया, और आयोग की त्वरित सहायता सेवाओं के बारे में पंपलेट एवं बुकलेट भी वितरित की गईं। इसके अलावा, महिला हेल्प डेस्क पर आने वाली हर महिला को उनके अधिकारों और कानून में उपलब्ध सुरक्षा उपायों की जानकारी दी गई।
ममता कुमारी ने कार्यक्रम के दौरान उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल नारा नहीं, बल्कि एक निरंतर प्रक्रिया है जिसमें शिक्षा, जागरूकता और साहस की महत्वपूर्ण भूमिका है। “जब महिलाएं अपने हक और कानून को समझेंगी, तभी वे अपने अधिकारों की रक्षा कर पाएंगी,” उन्होंने कहा।
कैंप में स्थानीय प्रशासन, पुलिस विभाग और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। सभी ने मिलकर महिलाओं को भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के साथ सुना और सुलझाया जाएगा।
श्रावणी मेला के दौरान आयोजित इस तरह के जागरूकता शिविर को लेकर महिलाओं में काफी उत्साह देखा गया। कई महिलाओं ने इसे एक सराहनीय कदम बताया और कहा कि ऐसे आयोजन समय-समय पर होते रहने चाहिए, ताकि ग्रामीण और दूरदराज़ की महिलाएं भी अपने अधिकारों के प्रति सजग हों।
राष्ट्रीय महिला आयोग का यह शिविर महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है, जो न केवल जानकारी प्रदान करता है बल्कि पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने का ठोस माध्यम भी बनता है।