
Deoghar: सावन की दूसरी सोमवारी पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब, देवघर में गूंजा बोल बम का नारा।
देवघर। ब्यूरो रिपोर्ट।
सावन का पावन महीना जहां शिवभक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है, वहीं उसकी हर सोमवारी श्रद्धालुओं के लिए विशेष पुण्यफल देने वाली मानी जाती है। आज सावन की दूसरी सोमवारी है और इसके साथ-साथ आज श्रावण मास की पवित्र एकादशी तिथि भी है, जिसके कारण देवाधिदेव महादेव की नगरी देवघर में भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है।
सुबह तीन बजे ही बाबा बैद्यनाथ धाम के गर्भगृह का पट खोला गया, जिसके साथ ही मंदिर परिसर में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो गया। मंदिर के मुख्य पुरोहितों द्वारा पारंपरिक कांचा जल पूजा संपन्न की गई। इसके पश्चात सरदार पंडा द्वारा सरदारी पूजा विधिवत रूप से संपन्न की गई, जो बाबा धाम की एक पारंपरिक और विशेष पूजन पद्धति है।
करीब सुबह चार बजे आम श्रद्धालुओं के लिए जलार्पण की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई। बाबा पर जलार्पण मंदिर के बाहर विशेष रूप से लगाए गए अरघा (जल अर्पण प्रणाली) के माध्यम से कराया जा रहा है, ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा ना हो।
बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पुरोहितों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, आज शुभ योग और एकादशी तिथि के संयोग के कारण श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा गया है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ सुबह से ही देवघर की गलियों और मंदिर मार्गों पर जयकारों के साथ उमड़ पड़ी है। हर ओर “बोल बम”, “हर हर महादेव” और “बाबा धाम की जय” के जयघोष गूंज रहे हैं।
कई कांवरियों ने बताया कि वे पैदल सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा तय करके बाबा धाम पहुंचे हैं। कांवरियों के अनुसार सावन के महीने में बाबा पर जल चढ़ाना उनके जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है। आज सोमवारी और एकादशी का दुर्लभ संयोग उनके लिए बेहद खास है।
प्रशासन रहा मुस्तैद
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए देवघर जिला प्रशासन ने व्यापक और पुख्ता इंतजाम किए हैं। देवघर डीसी (जिला उपायुक्त) ने जानकारी दी कि आज लगभग तीन लाख कांवरियों के आने की संभावना को देखते हुए सुरक्षा, स्वास्थ्य, जल आपूर्ति, लाइन व्यवस्था और साफ-सफाई की मुकम्मल व्यवस्था की गई है।
डीसी ने कहा, “श्रद्धालुओं की सुविधा को सर्वोपरि रखते हुए हर मोर्चे पर तैनाती की गई है। मेडिकल टीम, वालंटियर्स, होमगार्ड, एनसीसी, एनडीआरएफ और पुलिस बल को कई हिस्सों में तैनात किया गया है। श्रद्धालुओं को कतारबद्ध तरीके से गर्भगृह में प्रवेश कराया जा रहा है ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न न हो।”
ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी
सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए मंदिर परिसर और प्रमुख रास्तों पर सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है। कंट्रोल रूम से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।
स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध
कांवरियों के लिए हर कुछ किलोमीटर पर स्वास्थ्य जांच शिविर, जल प्याऊ और मेडिकल कैंप लगाए गए हैं। कई जगहों पर चल चिकित्सा वाहन भी तैनात किए गए हैं, जो जरूरतमंदों को त्वरित उपचार दे रहे हैं।
श्रद्धा का समर्पण, सेवा की भावना
बाबा धाम में सिर्फ कांवरियों का उत्साह ही नहीं बल्कि स्थानीय लोगों की सेवा भावना भी काबिले तारीफ है। कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने भंडारे, चाय-नाश्ते, विश्राम केंद्र और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र लगाए हैं, जहां बिना किसी भेदभाव के सभी श्रद्धालुओं की सेवा की जा रही है।
कांवरियों की विविधता, एक ही भक्ति धारा
बाबा धाम पहुंचे कांवरियों में न केवल बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से लोग आए हैं, बल्कि दूर-दराज के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और यहां तक कि नेपाल से भी श्रद्धालु पहुंचे हैं। सभी की भाषा और वेशभूषा अलग जरूर है, लेकिन उनके मन में एक ही भावना है – बाबा भोलेनाथ के चरणों में श्रद्धा और समर्पण।
सांस्कृतिक माहौल से सजी बाबा की नगरी
देवघर इन दिनों केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रंगों से भी सराबोर है। जगह-जगह भक्ति गीत, डमरू वादन, नृत्य, झांकियां और लोकगीतों की प्रस्तुति ने वातावरण को अद्भुत बना दिया है।