
देवघर। देवघर नगर निगम की कार्यशैली को लेकर निवर्तमान पार्षदों ने नाराज़गी जाहिर करते हुए नगर क्षेत्र में बैठक की। इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि नगर निगम की लापरवाही और असंतोषप्रद कामकाज के खिलाफ पार्षद एकजुट होकर आवाज उठाएंगे।
बैठक में पार्षदों ने कहा कि नगर निगम के पदाधिकारियों द्वारा विकास कार्यों की अनदेखी लगातार हो रही है। विशेषकर सफाई एजेंसी MSWM की मनमानी और गैर-जिम्मेदाराना रवैये पर नाराज़गी जताई गई। पार्षदों ने साफ कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था लगातार बिगड़ रही है और नगर निगम इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है।
श्रावणी मेला की अधूरी तैयारी पर चर्चा
बैठक में विगत श्रावणी मेला की अधूरी तैयारी पर भी चर्चा की गई। पार्षदों ने सवाल उठाया कि आखिर मेला की तैयारियां अधूरी क्यों रह गईं और इसके लिए जिम्मेदार कौन है। उन्होंने कहा कि देवघर जैसे धार्मिक और पर्यटन महत्व के शहर में मेला की तैयारी लापरवाही से करना नगर निगम की गंभीर चूक है।
अधूरे विकास कार्यों पर नाराज़गी
पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड क्षेत्र में अधूरे पड़े विकास कार्यों जैसे सड़क, नाली और निर्माण कार्यों पर नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा घोषित योजनाएं अधूरी पड़ी हैं जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इसके साथ ही पार्षदों ने यह भी कहा कि डोर-स्टेप कचरा उठाव व्यवस्था को समय पर सुनिश्चित किया जाए। यदि इसमें किसी तरह की गड़बड़ी या लापरवाही पाई गई तो पार्षद कड़ी प्रतिक्रिया देंगे और जनता की आवाज बुलंद करेंगे।
भ्रष्टाचार और अनदेखी पर होगी सख्त कार्रवाई की मांग
बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि जहां भी नगर निगम के अधिकारियों या एजेंसियों की ओर से भ्रष्टाचार या गैर-जिम्मेदाराना रवैया देखने को मिलेगा, पार्षदगण वहां कड़ी प्रतिक्रिया देंगे और विरोध दर्ज कराएंगे।
बैठक में रहे ये पार्षद शामिल
इस दौरान बैठक में कई निवर्तमान पार्षद मौजूद रहे जिनमें प्रमुख रूप से रवि राउत, मृत्युंजय राउत, कन्हैया झा, शुभ लक्ष्मी देवी, शैलजा देवी, डोली देवी, शहनाज परवीन, रेनू सराफ, प्रेमानंद वर्मा, दिनेश यादव, कार्तिक यादव, सुभाष राणा, मिथिलेश चरण मिश्रा, बिहारी यादव, अनुज राव, संतोष शाह, सुमन पंडित और अरुण केसरी शामिल रहे।
पार्षदों ने कहा कि नगर निगम देवघर की कार्यशैली में सुधार होना आवश्यक है। जब तक शहर के बुनियादी ढांचे और सफाई व्यवस्था में पारदर्शिता नहीं आएगी, तब तक नागरिकों को राहत नहीं मिलेग
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