
Deoghar: देवघर मेला ड्यूटी में आए पुलिस जवान की हृदयाघात से मौत
देवघर। झारखंड – 16 जुलाई 2025: देवघर श्रावणी मेला के दौरान तैनात एक पुलिस जवान अचानक हृदयाघात से मौत का शिकार हो गया। यह दुखद घटना मेला परिसर में सुबह के समय हुई, जब जवान ड्यूटी पर बैरियर लगाने और यातायात नियंत्रण हेतु तैनात था। स्थानीय पुलिस सूत्रों ने बताया कि आनन-फानन में जवान को सीनियर पुलिस अधिकारियों के सहयोग से विभिन्न नागरिक अस्पतालों में ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
1. घटना की पृष्ठभूमि
मेला की तैनाती: श्रावणी मेला तीन वर्ष की देरी के बाद दोबारा चलाया जा रहा है और इसके चलते जिले भर के पुलिस जवान ड्यूटी पर लगाए गए थे।
हत्या की जानकारी: सूत्रों के मुताबिक, जवान सुबह सात बजे से अपनी ड्यूटी पर थे। तभी उन्हें सीने में तेज दर्द और चक्कर आने लगे। साथी जवानों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया।
चिकित्सा प्रयास: प्राथमिक उपचार चल रहा था, लेकिन दम घुटने और सांस लेने में तकलीफ के बाद, चिकित्सकों ने 8:30 बजे जवान को मृत घोषित किया।
2. शहीद जवान की पहचान एवं परिवार
नाम तथा पृष्ठभूमि: शहीद जवान का नाम 46 वर्षीय खुर्शीद आलम बताया गया है, जो पलामू जिले के कोटालडीह तुंडी का निवासी था।
पुलिस में अनुभव: खुर्शीद आलम झारखंड पुलिस में लंबे समय से विभिन्न पोस्टों पर तैनात थे। मेला ड्यूटी से पहले भी कई महत्वपूर्ण व्यवस्थाओं में उन्होंने अहम योगदान दिया।
पारिवारिक स्थिति: वे विवाहित थे तथा दो बच्चों के पिता थे। घटना के बाद पूरा परिवार सदमे की स्थिति में है।
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3. पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया और प्रतिक्रिया
आधिकारिक बयान: एसपी, देवघर ड्यूटी असमय मृत जवान के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए बताया कि मृतक के परिजनों को हर संभव सहायता दी जाएगी। साथ ही शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के सुपुर्द किया गया।
सहयोग और कार्रवाई: पुलिस प्रशासन ने जवान की ड्यूटी के दौरान प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं, साथ ही मेला फील्ड में मेडिकल टीम की तैनाती को और मजबूत करने का आश्वासन दिया है।
परिवार के प्रति संवेदना: स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने फोन पर ही परिवार को सांत्वना दी। पुलिस महानिदेशक ने मृतक के आश्रितों को नौकरी और मुआवजे की व्यवस्था की घोषणा की है।
4. स्वास्थ्य और ड्यूटी के बीच संतुलन – एक विचारणीय पहलू
तनावपूर्ण ड्यूटी: मेले जैसी चौराहों और भीड़-भाड़ इलाकों में ड्यूटी देना जवानों के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण होता है। लगातार खड़े रहना, भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और सतर्कता उन्हें शारीरिक तनाव में डाल देती है।
हृदय रोग का जोखिम: पुलिस कर्मियों में शारीरिक फिटनेस और नियमित स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित नहीं होने पर अचानक हृदयाघात जैसी घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
मनोवैज्ञानिक पहलू: भीड़-भाड़, गहमागहमी, अत्यधिक गर्मी या उमस, तेज आवाजें और लगातार अलर्ट रहने का दबाव जवानों को थका देता है।
बेहतर व्यवस्थाओं की आवश्यकता: नियमित मेडिकल स्क्रिनिंग, ड्यूटी शिफ्ट में आराम व ब्रेक, फील्ड चिकित्सा टीम की उपलब्धता और तनाव प्रबंधन प्रशिक्षण, ये सभी उपाय ड्यूटी के जोखिम को कम कर सकते हैं।
5. प्रशासनिक कदम एवं भविष्य की रणनीति
मेडिकल कैंप और शिफ्ट: मेला परिसर सहित ड्यूटी जॉनों में मेडिकल कैंप लगाये गए हैं। फील्ड अफसरों को जवानों के स्वास्थ्य पर विशेष नजर रखने का निर्देश है।
मनोरोग सहयोग: ड्यूटी के दौरान तनाव कम करने हेतु पुलिस कर्मियों को मनोवैज्ञानिक परामर्श उपलब्ध कराने पर चर्चा हो रही है।
बीमा और मुआवजा: मृतक जवान के परिवार को सरकारी बीमा राशि समेत 25 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया जाएगा; साथ ही परिवार को निवास और नौकरी में प्राथमिकता देने की ओर संकेत हैं।
भविष्य की तैयारी: मेला अवधि के बाद, पुलिस उच्चाधिकारियों की समिति गठित की जाएगी, जो जंगल, पर्वतीय व भीड़-भाड़ वाले इलाकों में स्वास्थ्य और ड्यूटी संबंधी सुझाव देगी।
समाप्ति टिप्पणी
शहर में जिस तरह श्रद्धा और भक्ति से श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ धाम की तरफ आ रहे हैं, पुलिस प्रशासन उसी भाव से आदर और सुरक्षा हेतु तैनात है। ऐसी घटनाएँ हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि सुरक्षा के साथ स्वास्थ्य भी अति आवश्यक है। खुर्शीद आलम जैसे निस्वार्थ, कर्मठ और वफादार जवान की मध्यम आयु में मृत्यु प्रभावशाली संदेश है—कि सेवाभाव के साथ भी व्यक्ति के लिए निरंतर स्वास्थ्य प्रबंधन सर्वोपरि है।
स्पेशल रिपोर्ट बनाम फील्ड रिपोर्ट की तुलना
तत्व स्पेशल रिपोर्ट फील्ड रिपोर्ट
गहराई प्रशासन के दृष्टिकोण, नीतिगत सुझाव घटना का चश्मदीद वर्णन
सिफारिशें स्वास्थ्य व्यवस्था पर फोकस प्राथमिक उपचार और तत्काल प्रतिक्रिया
भविष्य दृष्टि बेहतर ड्यूटी व्यवस्था, मेडिकल स्टेशनों की तैनाती तत्काल राहत और प्राथमिक जांच
देवघर मेला के शानदार आयोजन के बीच, एक जवान की मृत्यु न केवल पुलिस बल बल्कि समाज के लिए चेतावनी है—कि सेवा करते समय स्वास्थ्य की अनदेखी खतरनाक परिणाम ला सकती है। प्रशासन ने मृतक के परिवार को हर संभव सहायता देने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने का विश्वास जताया है।
इस रिपोर्ट की संपादकीय टीम की तरफ से दिवंगत जवान को नमन और परिवार के साथ पूर्ण संवेदना।