
Deoghar: 2 माह से क्लिनिक और प्राइवेट अस्पतालों का नहीं हो रहा है रजिस्ट्रेशन व रिन्युअल।
देवघर। क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में दायरे में आने वाले निजी स्वास्थ्य संस्थानों, अस्पतालों, क्लिनिक व लैब समेत जांच घर का स्थायी पंजीकरण होना अनिवार्य है।
लेकिन देवघर में बीते दो माह से क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत न किसी अस्पताल व क्लीनिक का नया रजिस्ट्रेशन हो रहा है और न ही किसी रजिस्टर्ड क्लिनिक, अस्पताल, लैब के लाइसेंस का रिन्युअल हो पा रहा है।
कारण है कि देवघर में क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत अस्पताल व क्लीनिक का नया रजिस्ट्रेशन व रिन्युअल की जिम्मेवारी जिला डेटा मैनेजर को दी गयी थी।
लेकिन विधानसभा चुनाव के पूर्व अचानक इसका तबादला दूसरे जिले में हो गया। मामले को लेकर प्रभारी सीएस डॉ जुगल किशोर चौधरी ने बताया की तबादला के बाद डीडीएम ने एक्ट के तहत ऑनलाइन कार्य करने के लिए साइट का आईडी पासवर्ड विभाग को नहीं सौंपा।
जिसके बाद डीडीएम से लिखित रूप से आइडी पासवर्ड की मांग करने पर मिला है। लेकिन इमेल आइडी सही नहीं रहने के कारण साइट नहीं खुल रही है। इस कारण साइट बंद पड़ी हुई है और नया रजिस्ट्रेशन व रिन्युअल नहीं हो पा रहा है।
डीडीएम का तबादला होने के बाद आईडी, पासवर्ड मांगने के कई दिनों के बाद मिला लेकिन साइट किस इ-मेल आइडी से रजिस्टर्ड है, जो नहीं मिला है, इसे लेकर एनएचएम के एमडी को लिखा गया है, साथ ही नये तरीके से साइट को अपडेट कर नया इ-मेल और आइडी पासवर्ड बनाकर देने को कहा गया है, जो 10 दिनों के अंदर मिल जायेगा. इसके अलावा सही आइ-डी पासवर्ड वइ-मेल नहीं मिलने के कारण हो रही परेशानी को लेकर विभाग से डीडीएम के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की भी मांग की गयी है।
70 आवेदन पड़े है रजिस्ट्रेशन और रेन्यूअल के लिए क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट की साइट नहीं खुलने के कारण दो महीने से न्यू रजिस्ट्रेशन और रिन्युअल नहीं हो रहा है। इस कारण स्वास्थ्य संस्थानों, अस्पतालों, क्लिनिक व लैब व जांच घर के प्रबंधन को काफी परेशानी हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बीते दो माह में करीब 70 आवेदन विभाग के पास पड़े हुए है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय निर्देशानुसार सरकारी व निजी क्षेत्र में चलने वाले अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों, क्लिनिक व लैब आदि को ऑनलाइन पंजीकरण करवाना आवश्यक है। इसका मुख्य उद्देश्य झोलाछाप डाक्टरों से लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा करना है,
जो लोगों की आंखों और कान व अन्य उपचार के दौरान उन्हें अंधा, काना और गंभीर रोगी बना देते हैं। इसे रोकने के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है, साथ ही हर साल रिन्युअल भी जरूरी है।