
देवघर। शहर के सुभाष चौक स्थित साईं राम हॉस्पिटल में इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो जाने से सनसनी फैल गई है। मृतका की पहचान देवघर जिले के हिरणा निवासी रवीना खातून के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, रवीना को प्रसव पीड़ा होने के बाद परिजनों ने इलाज के लिए साईं राम हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। यहां उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। लेकिन बच्चे के जन्म के लगभग एक घंटे बाद ही महिला की अचानक तबीयत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।
इस घटना के बाद परिजनों में आक्रोश फैल गया। मृतका के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही और गलत इलाज के कारण रवीना की जान गई है। उनका कहना है कि महिला पूरी तरह से स्वस्थ थी और केवल प्रसव के लिए अस्पताल लाई गई थी। लेकिन बच्चे के जन्म के बाद जब उसकी हालत बिगड़ रही थी, तब भी अस्पताल प्रबंधन ने समय रहते सही कदम नहीं उठाया।
परिजनों का आरोप :
मृतका के परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि –
रवीना की हालत लगातार बिगड़ रही थी लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने इलाज में गंभीर कोताही बरती।
चिकित्सकों की लापरवाही और समय पर उचित दवा या इलाज न मिलने के कारण रवीना की मौत हुई।
घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन ने मामले को दबाने की कोशिश की और परिवार को कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी।
इन आरोपों से परिजन और स्थानीय लोग बेहद आक्रोशित हैं।
अस्पताल के बाहर विरोध
घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण और स्थानीय लोग साईं राम हॉस्पिटल के बाहर इकट्ठा हो गए। लोगों ने प्रबंधन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। भीड़ ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए और न्याय की मांग की।
स्थिति बिगड़ने की आशंका को देखते हुए सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और माहौल को शांत कराने की कोशिश की। फिलहाल मृतका का शव पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने लिया संज्ञान
देवघर के स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने मामले की जानकारी ली है। सूत्रों के मुताबिक, पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और अगर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
परिवार में मातम, नवजात पर भी संकट
इस दुखद घटना से रवीना के परिवार में कोहराम मच गया है। एक तरफ घर में नवजात शिशु की किलकारियां गूंजी हैं, तो वहीं दूसरी ओर मां की असमय मौत ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। रिश्तेदार और ग्रामीण अस्पताल के बाहर जुटे हैं और स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल
यह घटना न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी है बल्कि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है। परिजन और स्थानीय लोगों का कहना है कि निजी अस्पतालों में अक्सर मरीजों से मोटी रकम ली जाती है, लेकिन सुविधा और सुरक्षा के नाम पर केवल लापरवाही देखने को मिलती है।
जांच और कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि –
अगर समय पर सही इलाज होता तो रवीना की जान बचाई जा सकती थी।
प्रशासन को इस मामले में निष्पक्ष जांच करानी चाहिए।
दोषी चिकित्सकों और प्रबंधन पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
फिलहाल पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में ले लिया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
स्थानीय लोगों की नाराज़गी
घटना से क्षेत्र के लोग नाराज़ हैं। उनका कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है, बल्कि आए दिन निजी अस्पतालों में लापरवाही की शिकायतें मिलती रहती हैं। बावजूद इसके, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ठोस कदम नहीं उठाता।
साईं राम हॉस्पिटल में महिला की मौत ने एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है। नवजात शिशु की मां की असमय मौत ने जहां परिवार को तोड़कर रख दिया है, वहीं ग्रामीणों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाएगा।