देवघर। धार्मिक नगरी देवघर में आज प्रशासन ने अतिक्रमण मुक्त देवघर का संदेश देते हुए एक बड़ा कदम उठाया। विश्व प्रसिद्ध सत्संग आश्रम के बाहर और आसपास वर्षों से जमी अस्थायी दुकानों को हटाने के लिए नगर निगम द्वारा विशेष अभियान चलाया गया। यह अभियान सुबह से ही तेजी से शुरू हुआ और दोपहर तक सत्संग आश्रम के बाहरी क्षेत्र को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त घोषित कर दिया गया।

नगर निगम टीम के साथ पुलिस बल, मजिस्ट्रेट और सफाई कर्मियों की बड़ी संख्या मौके पर मौजूद रही। अभियान का नेतृत्व नगर निगम के नगर प्रबंधक सतीश दास ने किया। उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि प्रशासन ने पहले भी कई बार दुकानदारों को नोटिस और चेतावनी जारी की थी कि धार्मिक स्थल के आसपास किसी भी तरह का अस्थायी ढांचा, खोखा या दुकान लगाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। लेकिन चेतावनी के बावजूद लोग बार-बार अतिक्रमण कर रहे थे, जिसे देखते हुए आज यह विशेष कार्रवाई की गई।
प्रशासनिक सख्ती: डीसी व नगर आयुक्त का सीधा आदेश
नगर प्रबंधक ने बताया कि यह कार्रवाई देवघर डीसी और नगर आयुक्त के स्पष्ट आदेश पर की गई है। अधिकारियों ने कहा था कि सत्संग आश्रम जैसी अंतरराष्ट्रीय पहचान रखने वाली जगह पर अतिक्रमण किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अधिकारी का कहना था कि यहां प्रतिदिन देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु और साधक पहुंचते हैं। ऐसे में अस्थायी दुकानों के कारण:
सड़क पर जाम की स्थिति बनती थी
श्रद्धालुओं को आवाजाही में दिक्कत होती थी
साफ-सफाई और स्वच्छता पर असर पड़ रहा था
धार्मिक स्थल की गरिमा को ठेस पहुंच रही थी
इन्हीं कारणों से प्रशासन ने आज कठोर कदम उठाते हुए पूरे इलाके को खाली कराया।
दुकानदारों को दी गई अंतिम चेतावनी
अभियान के दौरान कई दुकानदारों ने अपनी बातें रखने की कोशिश की, लेकिन अधिकारियों ने साफ कर दिया कि धार्मिक स्थल के आसपास किसी कीमत पर दुकान नहीं लगाने दी जाएगी। नगर प्रबंधक सतीश दास ने कहा:
“अगर कोई दुकानदार दोबारा यहां दुकान लगाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फाइन भी लगाया जाएगा और अस्थायी ढांचा तुरंत जब्त किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशासन सभी दुकानदारों को वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराने पर विचार कर रहा है, लेकिन सत्संग आश्रम के बाहर किसी भी हालत में दुकान लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अभियान की कार्रवाई सुबह से शाम तक जारी
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चरणबद्ध तरीके से की गई।
कार्रवाई में:
दर्जनों अस्थायी खोखे हटाए गए
लकड़ी-प्लास्टिक की दुकानों को तोड़ा गया
अनधिकृत ढांचा हटाया गया
सड़क किनारे बने अस्थायी शेड्स को गिराया गया
जगह-जगह जमा कूड़े की सफाई की गई
मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात था, ताकि किसी तरह की बाधा या व्यवधान न हो पाए।
स्थानीय जनता की मिश्रित प्रतिक्रिया
अभियान के बाद स्थानीय लोगों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कई लोगों ने प्रशासन के कदम का स्वागत करते हुए कहा कि:
रास्ता अब साफ हो गया है
भीड़भाड़ कम होगी
श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं होगी
वातावरण स्वच्छ और व्यवस्थित रहेगा
वहीं कुछ दुकानदारों ने अपने बंद हुए रोजगार को लेकर चिंता जताई। उनका कहना है कि अचानक कार्रवाई से उनकी रोजी-रोटी पर असर पड़ा है। दुकानदारों ने प्रशासन से वैकल्पिक जगह की मांग की है।
सत्संग परिसर में लाखों श्रद्धालुओं का आगमन, सुरक्षा भी थी मुद्दा
देवघर का सत्संग आश्रम देश-विदेश से आने वाले लोगों का केंद्र है। प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। साल में कई बार बड़े धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं।
ऐसे बड़े आयोजनों में:
सुरक्षा व्यवस्था
भीड़ प्रबंधन
वाहनों की आवाजाही
एम्बुलेंस/आपातकालीन मार्ग
इन सभी पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है।
अस्थायी दुकानों के कारण यह व्यवस्था चरमरा जाती थी। इसलिए प्रशासन ने इसे प्राथमिकता देते हुए विशेष अभियान का निर्णय लिया।
प्रशासन का दावा: “अभियान आगे भी जारी रहेगा”
नगर निगम ने साफ कर दिया है कि यह अभियान केवल सत्संग आश्रम तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि:
बैद्यनाथ धाम मंदिर
बस स्टैंड
टावर चौक
अस्पताल के आसपास
मुख्य बाजार क्षेत्र
इन सभी जगहों पर भी अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाएगा।
नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि शहर को स्वच्छ, सुंदर और व्यवस्थित बनाने के लिए आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
देवघर को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में बड़ा कदम
देवघर स्मार्ट सिटी मिशन के तहत लगातार विकास कार्य कर रहा है।
अतिक्रमण हटाना उसी कड़ी का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
शहर को—
यातायात की दृष्टि से बेहतर
साफ-सुथरा
धार्मिक पर्यटन के अनुकूल
आधुनिक सुविधाओं से लैस
बनाने के लिए यह कार्रवाई अहम मानी जा रही है।
देवघर सत्संग आश्रम के आसपास चलाए गए आज के अतिक्रमण हटाओ विशेष अभियान ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि प्रशासन शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने को लेकर गंभीर है। धार्मिक और पर्यटन स्थलों की गरिमा बनाए रखने के लिए यह एक सराहनीय कदम है। हालांकि प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि प्रभावित दुकानदारों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, ताकि उनकी आजीविका पर असर न पड़े।
देवघर में आगे भी इसी तरह के अभियान जारी रहने की उम्मीद है।
