
देवघर। सावन का पावन महीना और शिवभक्तों की अटूट श्रद्धा—दोनों का संगम सोमवार को देखने को मिला, जब बाबा बैद्यनाथ की नगरी में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। आज सावन की तीसरी सोमवारी है, और बाबा बैद्यनाथ धाम में सुबह से ही ‘हर हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के जयकारे गूंज रहे हैं। अहले सुबह से ही कांवरियों और श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर की ओर उमड़ पड़ी।
जानकारी के मुताबिक, सुबह 3:00 बजे बाबा बैद्यनाथ मंदिर का पट खोला गया। इसके बाद परंपरागत सरदारी पूजा संपन्न हुई। इसके बाद सुबह 4:00 बजे से आम कांवरियों के लिए बाबा बैद्यनाथ का जलार्पण शुरू हो गया। भक्त अपने कांवर से लाए गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक कर रहे हैं और बेलपत्र, धतूरा, अक्षत और भस्म अर्पित कर रहे हैं।
भक्तों के लिए आसान जलार्पण की व्यवस्था
मंदिर प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई व्यवस्थाएं की गई हैं। बाबा बैद्यनाथ मंदिर में अरघा के माध्यम से जलार्पण कराया जा रहा है। वहीं, जो कांवरिए लंबी कतार में नहीं लग सकते, उनके लिए बाह्य अरघा की व्यवस्था मंदिर प्रांगण में की गई है। यहां पर भक्त आसानी से जल चढ़ाकर बाबा का आशीर्वाद ले सकते हैं।
मंदिर प्रांगण में बड़ी संख्या में एलईडी स्क्रीन लगाए गए हैं, जिन पर बाबा बैद्यनाथ के पूजा-अर्चना का लाइव टेलीकास्ट दिखाया जा रहा है। इससे वे भक्त जो सीधा जलार्पण नहीं कर पा रहे हैं, लाइव दर्शन का लाभ उठा रहे हैं।
प्रशासन ने की बेहतर प्रबंधन की व्यवस्था
देवघर के उपायुक्त (DC) नमन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि सावन की तीसरी सोमवारी को देखते हुए प्रशासन ने सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लिया है। लगातार रूट लाइन में सभी व्यवस्थाओं की निगरानी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि b.Ed कॉलेज में बड़े-बड़े डोम पंडाल लगाए गए हैं, जहां उन कांवरियों को शिफ्ट किया जा रहा है जो देर रात से ही लाइन में लगे हैं। इन पंडालों में उनके लिए बैठने, विश्राम और भोजन की भी व्यवस्था की गई है।
प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर खास इंतजाम किए हैं। जगह-जगह सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। मेडिकल टीम, एंबुलेंस और रेस्क्यू टीम हर वक्त तैयार है ताकि किसी भी आपात स्थिति में श्रद्धालुओं को तुरंत मदद मिल सके।
आज का दिन क्यों है खास?
बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पुरोहितों ने बताया कि आज का दिन बेहद खास है क्योंकि आज न केवल सोमवार है, बल्कि चतुर्थी तिथि भी है। मान्यता है कि सावन की सोमवारी पर बाबा भोलेनाथ पर गंगाजल और बेलपत्र चढ़ाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
ऐसा कहा जाता है कि सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। विशेष रूप से सोमवारी के दिन किया गया जलाभिषेक भक्तों को जीवन में सुख-समृद्धि, वैवाहिक सुख और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
हर ओर भक्ति और उत्साह का माहौल
देवघर शहर के हर कोने में आज भक्ति और उत्साह का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है। मंदिर के आस-पास के इलाके को आकर्षक सजावट से सजाया गया है। हर तरफ नारंगी वस्त्रधारी कांवरिए बोल बम के जयकारे लगाते दिख रहे हैं।
बाबा मंदिर के आस-पास के इलाकों में भक्तों के लिए फूड स्टॉल, मेडिकल कैंप और पीने के पानी की व्यवस्था भी की गई है। स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाएं भी कांवरियों की सेवा में जुटी हैं।
सावन में लाखों श्रद्धालु आते हैं बाबा धाम
हर साल सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ धाम आते हैं। मान्यता है कि यही वह स्थान है जहां रावण ने अपने तप से भगवान शिव को प्रसन्न कर उन्हें लंका ले जाने का प्रयास किया था। यहीं पर शिवलिंग को स्थापित करने से यह स्थान ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रसिद्ध हो गया।
बाबा बैद्यनाथ धाम, बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसे कामना लिंग भी कहा जाता है। कहा जाता है कि यहां की पूजा से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है।
तीसरी सोमवारी पर श्रद्धालुओं की भीड़ चरम पर
सावन की पहली और दूसरी सोमवारी पर लाखों कांवरिए बाबा धाम पहुंचे थे, लेकिन तीसरी सोमवारी पर भीड़ और ज्यादा बढ़ गई है। कई श्रद्धालु बोल बम का नारा लगाते हुए सुल्तानगंज से देवघर तक पैदल यात्रा कर यहां पहुंचे हैं।
भक्तों की सुरक्षा सर्वोपरि
देवघर प्रशासन ने कहा है कि बाबा धाम आने वाले किसी भी श्रद्धालु को परेशानी नहीं होगी। रूट लाइन की लगातार मॉनिटरिंग, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग और सीसीटीवी की मदद ली जा रही है।
इसके अलावा, भारी भीड़ को देखते हुए शहर में यातायात योजना में भी बदलाव किया गया है। खासतौर पर मंदिर परिसर के आसपास के क्षेत्रों में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
सावन की तीसरी सोमवारी पर देवघर का माहौल पूरी तरह से शिवमय हो गया है। बाबा बैद्यनाथ धाम में गूंजते हर-हर महादेव के जयकारे भक्तों की आस्था और भक्ति की अद्भुत मिसाल पेश कर रहे हैं।
आज का दिन न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि यह देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं की एकता और आस्था का प्रतीक भी है। कहा जाता है कि बाबा भोलेनाथ पर श्रद्धा से अर्पित गंगाजल और बेलपत्र से भक्तों को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है और जीवन की हर बाधा दूर हो जाती है।