
Deoghar: बेहद चमत्कारी है यह फूल।
आइए जानते है कहा से हुई थी इस फूल की उत्पत्ति।
देवघर। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हरसिंगार का पौधा समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न हुआ था और इस पौधे को इंद्र देव ने स्वर्ग में स्थापित किया था। यह एक दिव्य औषधीय गुणों से परिपूर्ण पौधा है। इसे भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की पूजा के लिए स्वर्ग से देवराज इंद्र से युद्ध करके लाया था। कहा जाता है कि तभी से यह बृक्ष इस धरती पर बिद्यमान है। यह भी माना गया है कि जिस घर में यह पौधा पाया जाता है, वहां माता लक्ष्मी का वास सदैव बना रहता है।
क्या आप जानते हैं कि हरसिंगार का प्रयोग पूजा के साथ साथ बहुत सी बीमारियों को दूर करने के लिए भी किया जाता है। तो आइये जानते हैं कि हरसिंगार की पत्तियों का उपयोग किन बीमारियों को दूर करने के लिए किया जा सकता है।
दाद में हरसिंगार का पत्ता के फायदे
पारिजात के पत्ते से शरीर में होने वाले दाद को ठीक किया जा सकता है।
इसके लिए पारिजात के पत्ते को पीसकर उसका रस निकाल लें। उस रस को दाद वाले स्थान पर लगाने से दाद पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
डायबिटीज में हरसिंगार के पत्ते के फायदे
रोज सुबह खाली पेट पारिजात के पत्ते का काढ़ा बनाकर पीने से डायबिटीज रोग कंट्रोल में रहता है।
हर तरह के बुखार का रामबाण इलाज – बुखार के प्राकृतिक उपचार में हरसिंगार का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए इसके पत्ते को पीसकर गर्म पानी में मिलाकर पिया जाता है। इससे सामान्य बुखार से लेकर चिकुनगुनिया, डेंगू, इंसेफलाइटिस, ब्रेन मलेरिया तक किसी भी तरह के बुखार को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।
सूखी खांसी के उपचार में – हरसिंगार की पत्तियों को पीसकर शहद के साथ सेवन करने से सूखी खांसी में आराम मिलता है। इसके अलावा आप इसकी पत्तियों को चाय के साथ उबालकर भी पी सकते हैं।
इस प्रकार आपके मन और आंखों को सुकून देने वाला यह सुंदर पौधा सेहत को अच्छा बनाए रखने में भी बहुत काम आता है। हरसिंगार के फूल देखकर मन खुश हो जाता है. इसकी खूशबू से पूरा घर महक उठता है. इसके सफेद रंग के फूल बगीचे की शोभा बढ़ा देते हैं। घर के बगीचे में इसे जरूर लगाना चाहिए।