
देवघर: झारखंड के देवघर जिले में एक दिल दहला देने वाला हत्या कांड सामने आया है। देवीपुर थाना क्षेत्र में 22 अगस्त 2025 को लापता हुए 22 वर्षीय युवक दौलत कुमार तुरी का शव सड़क किनारे संदिग्ध हालत में बरामद हुआ। परिजनों ने इस मामले को हत्या कर शव को सड़क किनारे फेंकने की साजिश करार दिया है और आरोप लगाया है कि इसे दुर्घटना का रूप देने की कोशिश की जा रही है।
घटना की पूरी कहानी: कब और कैसे हुई वारदात?
मृतक के पिता वासुदेव तुरी ने पुलिस को दिए आवेदन में बताया कि उनका चौथा पुत्र दौलत कुमार तुरी, निवासी कार्स्टर टाउन (रेलवे स्टेशन, देवघर), 22 अगस्त की शाम करीब 5 बजे अपने दोस्तों संदीप तुरी उर्फ पिंटू तुरी, सूरज गुप्ता, पीयूष कुमार और अन्य साथियों के साथ बाहर निकला था।
रात 8 बजे तक घर नहीं लौटने पर परिजनों ने चिंता जताई। जब संपर्क साधने का प्रयास किया गया तो दौलत का मोबाइल घर में चार्जिंग पर मिला और स्विच ऑफ था। इस दौरान परिजनों ने रिश्तेदारों से भी संपर्क किया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
परिजनों ने यह भी बताया कि मृतक पिछले 15–20 दिनों से सूरज गुप्ता के जिम में अभ्यास करता था। घटना वाली रात भी सूरज गुप्ता ने लगातार दौलत के घर पर फोन कर स्थिति जानने की कोशिश की, जिससे परिजनों का शक और गहरा हो गया।
सड़क किनारे मिला शव: पहाड़पुर गांव के पास सनसनी
बाद में सूचना मिली कि देवघर के पहाड़पुर गांव के पास मुख्य सड़क किनारे एक अज्ञात युवक का शव पड़ा मिला है। पुलिस ने शव का फोटो परिजनों को दिखाया, जिसमें मृतक की पहचान दौलत कुमार तुरी के रूप में हुई।
शव मिलने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। परिजनों का कहना है कि यह कोई सामान्य सड़क दुर्घटना नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या है। उनका आरोप है कि शव को सड़क किनारे फेंका गया और पूरी घटना को एक्सीडेंट का रूप देने की साजिश रची गई।
परिजनों के आरोप: हत्या में कौन-कौन शामिल?
मृतक के पिता वासुदेव तुरी ने पुलिस को दिए आवेदन में स्पष्ट लिखा है कि संदीप तुरी, सूरज गुप्ता, पीयूष कुमार और उनके अन्य साथियों पर हत्या का शक गहरा है। उनका कहना है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
पुलिस की कार्रवाई: जांच शुरू, कई बिंदुओं पर पड़ताल
देवीपुर थाना पुलिस ने आवेदन प्राप्त कर मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बताया कि फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और हत्या या दुर्घटना की पुष्टि रिपोर्ट आने के बाद होगी।
पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही है:
1. मृतक आखिरी बार किन लोगों के साथ देखा गया?
2. जिम से संबंधित विवाद की कोई पृष्ठभूमि?
3. मोबाइल फोन रिकॉर्ड और कॉल डिटेल्स।
4. घटनास्थल पर मिले साक्ष्यों की फॉरेंसिक जांच।
देवघर में अपराध पर सवाल: क्यों बढ़ रही वारदातें?
देवघर जिला, जो धार्मिक दृष्टि से पूरे देश में प्रसिद्ध है, हाल के दिनों में लगातार आपराधिक घटनाओं के कारण चर्चा में है। पिछले कुछ महीनों में देवीपुर थाना क्षेत्र में कई गंभीर आपराधिक मामले सामने आए हैं।
इस देवघर हत्या कांड ने न सिर्फ लोगों को हिला दिया है बल्कि कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस को सख्ती से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
परिजनों की मांग: दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी
दौलत कुमार तुरी के परिवार ने मांग की है कि:
सभी संदिग्धों को तुरंत हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए।
मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
हत्या को दुर्घटना दिखाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई हो।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं देवघर जैसे शांत शहर के माहौल को खराब कर रही हैं। कई लोगों ने कहा कि सड़क किनारे मिला शव यह दर्शाता है कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और उन्हें किसी का डर नहीं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ होगी सच्चाई
फिलहाल पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही साफ हो पाएगा कि मौत दुर्घटना से हुई या हत्या से। परिजनों और ग्रामीणों को उम्मीद है कि पुलिस निष्पक्ष जांच करेगी और दोषियों को कठोर सजा दिलाएगी।
देवघर हत्या कांड का संभावित कारण: साजिश या व्यक्तिगत रंजिश?
जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या यह मामला जिम से जुड़े किसी विवाद, व्यक्तिगत रंजिश, या आपसी मतभेद का परिणाम है। परिजनों के आरोप सीधे मृतक के दोस्तों पर हैं, जिससे शक की दिशा वहीं मुड़ रही है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि मामले को गंभीरता से लिया गया है और जल्द ही हकीकत सामने लाई जाएगी। पुलिस कप्तान ने कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा।
देवघर युवक की हत्या का यह मामला न केवल जिले के लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करता है—क्या धार्मिक नगरी देवघर में अपराधियों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि वे हत्या कर शव को सड़क किनारे फेंकने जैसी वारदात को अंजाम दे सकें?
इस घटना ने एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कानून-व्यवस्था की निगरानी और अपराध पर नियंत्रण के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।