देवघर: आस्था और सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा के दौरान रविवार की शाम देवघर में एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया। नगर थाना क्षेत्र के नंदन पहाड़ रोड स्थित प्रसिद्ध मंगल तालाब में अर्घ्य देने के दौरान एक युवक की डूबने से मौत हो गई। पूरी घटना उस समय हुई जब भक्तजन डूबते सूर्य को अर्घ्य दे रहे थे और तालाब के आसपास भारी भीड़ मौजूद थी। इस दुर्घटना के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया। छठ व्रतियों और वहां मौजूद श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। सभी ने युवक को बचाने की कोशिश की, लेकिन जब तक मदद पहुंचती, युवक पानी में गहराई तक जा चुका था।
छठ पूजा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के दावों पर सवाल
भले ही प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था की बात कही जाती रही हो, मगर इस घटना ने उन दावों की पोल खोल दी। छठ पूजा को लेकर पूरे शहर में तैयारी थी, जगह-जगह तालाबों और घाटों पर सुरक्षा बल तैनात थे, फिर भी ऐसी घटना होती है तो सवाल उठना लाजमी है। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि तालाब की गहराई काफी अधिक है और किनारों पर फिसलन भी रहती है। भीड़ का दबाव इतना था कि लोग आगे बढ़ते चले जा रहे थे। इसी बीच युवक का पैर फिसल गया और वह सीधे गहरे पानी में चला गया।
सूचना मिलते ही प्रशासन मौके पर पहुँचा, NDRF टीम द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन
घटना की सूचना मिलते ही छठ पूजा समिति के सदस्यों ने तुरंत पुलिस को खबर दी। थोड़ी ही देर में नगर थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। वहीं, गंभीर घटना को देखते हुए देवघर एसडीएम रवि कुमार भी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए NDRF की टीम को बुलाने के निर्देश दिए। एनडीआरएफ की टीम ने रोशनी की व्यवस्था और गोताखोरों की मदद से रेस्क्यू अभियान शुरू किया। काफी मशक्कत के बाद युवक को तालाब से बाहर निकाला गया। हालांकि, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल, श्रद्धालुओं में शोक का माहौल
मृतक की पहचान और उसके परिजनों को सूचित कर प्रशासन ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। युवक की मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। छठ के पावन पर्व में उनके घर मातम पसर गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह हादसा बहुत दुखद है और प्रशासन को पहले से बेहतर सुरक्षा इंतजाम करने चाहिए थे। हर साल यहां भारी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता नहीं दिखी।
छठ पूजा: आस्था का महापर्व और श्रद्धालुओं की भारी भीड़
देवघर न केवल शिव की नगरी के रूप में प्रसिद्ध है, बल्कि यहां छठ पूजा भी अत्यंत धूमधाम और श्रद्धाभाव के साथ मनाया जाता है। नंदन पहाड़ रोड स्थित मंगल तालाब शहर के प्रमुख छठ घाटों में से एक है, जहां हजारों व्रती और भक्त जल में खड़े होकर सूर्य उपासना करते हैं।छठ मैया की पूजा में व्रती डूबते और उदित होते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इस मौके पर महिलाएँ और पुरुष व्रत रखते हुए जल में खड़े होकर सूर्य भगवान से अपने परिवार की खुशहाली, संतान की रक्षा और स्वास्थ्य की कामना करते हैं। ऐसा उत्सव जहां पूरे शहर में खुशियों का माहौल रहता है, वहीं इस तरह के हादसे एक कड़वे अनुभव छोड़ जाते हैं।
प्रशासन की अपील – सावधानी है सुरक्षा
घटना के बाद प्रशासन की ओर से सभी घाटों और तालाबों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। एसडीएम रवि कुमार ने कहा कि –
“यह एक बहुत ही दुखद घटना है। श्रद्धालु कृपया अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें। बच्चे और तैराकी न जानने वाले गहरे पानी में न जाएं। सुरक्षा नियमों का पालन करें।”
पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवी टीमों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, लाउडस्पीकर के जरिए लगातार सावधानी बरतने की घोषणाएँ भी की जा रही हैं।
भीड़ प्रबंधन और बैरिकेडिंग की आवश्यकता – स्थानीय लोगों की राय
स्थानीय नागरिकों ने कहा कि तालाब के किनारों पर पर्याप्त बैरिकेडिंग नहीं थी। यदि बैरिकेडिंग होती तो यह हादसा रोका जा सकता था। साथ ही, गोताखोरों की तैनाती भी सीमित थी। लोग मांग कर रहे हैं कि आने वाले वर्षों में सुरक्षित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि किसी परिवार को ऐसी त्रासदी का शिकार न होना पड़े।
आस्था के बीच सुरक्षा को प्राथमिकता देना जरूरी
छठ पूजा जैसा पवित्र पर्व पूरे परिवार और समाज को एक सूत्र में बांधता है, लेकिन इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीरता से ध्यान देना जरूरी है। तालाबों और घाटों पर भीड़ जुटना स्वाभाविक है, ऐसे में पुलिस, एनडीआरएफ, स्वयंसेवकों और स्थानीय प्रशासन का पूर्व तैयार रहना अनिवार्य होता है।
इस हादसे ने फिर एक बार यह याद दिला दिया है कि पर्व-त्योहारों की खुशी के बीच सतर्कता और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
