
देवघर। समाज के लिए कुछ करने का जुनून ही असली शुकून है, और इसी सोच के साथ देवघर जिला ओलंपिक संघ के अध्यक्ष डॉ. सुनील खवाड़े ने एक अनोखी पहल की। आधुनिक दौर में जब बच्चे मोबाइल और इंटरनेट की आभासी दुनिया में खोते जा रहे हैं, ऐसे समय में उन्होंने भारत की पारंपरिक जादू कला को जीवंत बनाए रखने के लिए एक नई शुरुआत की।
डॉ. सुनील खवाड़े ने मशहूर जादूगर सिकंदर के चार शो बुक किए हैं, जिनमें देवघर के अलग-अलग स्कूलों के बच्चे, खेल संघ के सदस्य और सेवा संस्थानों से जुड़े लोग शामिल हो रहे हैं। इसी क्रम में मंगलवार को मल्हारा हाई स्कूल के करीब 350 बच्चों ने जादूगर सिकंदर का शानदार प्रदर्शन देखा।
बच्चों में दिखा जबरदस्त उत्साह
मल्हारा हाई स्कूल का पूरा मैदान बच्चों की तालियों और हंसी-खुशी से गूंज उठा। बच्चे पहली बार इतने करीब से जादू की अद्भुत कलाकारी देख रहे थे। जादूगर सिकंदर ने अपनी कलाओं से बच्चों को मंत्रमुग्ध कर दिया। टोपी से फूल निकालना, खाली हाथ से कबूतर उड़ाना, सिक्के को गायब करना, और ताश के पत्तों से अजीबोगरीब करिश्मा दिखाना—हर एक खेल पर बच्चों ने जोरदार तालियां बजाईं।
एक छात्रा ने कहा—“हमने टीवी पर जादू देखा था लेकिन असल में पहली बार देखने का मौका मिला। यह वाकई मजेदार और यादगार अनुभव है।” वहीं एक अन्य छात्र ने कहा—“ऐसे कार्यक्रम हमें मोबाइल गेम्स और सोशल मीडिया से दूर ले जाते हैं और हमारी संस्कृति को समझने का अवसर देते हैं।”
संस्कृति को बचाना हर भारतीय का फर्ज: डॉ. सुनील खवाड़े
इस अवसर पर डॉ. सुनील खवाड़े ने कहा कि भारत की संस्कृति और कला को बचाना हर भारतीय का कर्तव्य है। उन्होंने कहा—
“जादू सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि यह हमारी परंपरा और संस्कृति की धरोहर है। हमें चाहिए कि ऐसे कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करें और टिकट लेकर देखें, ताकि इस कला को जीवित रखा जा सके।”
डॉ. खवाड़े ने बच्चों के साथ पूरे कार्यक्रम का आनंद लिया और उनके लिए जलपान की विशेष व्यवस्था भी कराई। उन्होंने कहा कि बच्चों की मुस्कान ही समाज को आगे बढ़ाने की सबसे बड़ी ताकत है।
सेवा संस्थान और खेल संघ की अहम भूमिका
इस जादू शो में देवघर जिला खेल प्राधिकरण के सचिव आशीष झा, नवीन शर्मा, दीपक दुबे, टिंकू खवाड़े, रोहित, ब्रह्मदेव समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भी कार्यक्रम का लुत्फ उठाया और बच्चों को अनुशासन व सांस्कृतिक मूल्यों के महत्व को समझाया।
बच्चों की जिज्ञासा बढ़ाने वाला मंच
आज के डिजिटल युग में जब बच्चे इंटरनेट पर आधारित मनोरंजन में व्यस्त हो रहे हैं, ऐसे समय में इस तरह के लाइव शो उनके व्यक्तित्व और सोच को नया आयाम देते हैं। जादू कला न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि बच्चों की जिज्ञासा, कल्पनाशक्ति और समस्या समाधान क्षमता को भी बढ़ाती है।
शिक्षकों ने कहा कि जादूगर सिकंदर का कार्यक्रम बच्चों के लिए एक नया अनुभव लेकर आया। इससे बच्चों ने सीखा कि मेहनत और लगन से किसी भी कला को जीवंत रखा जा सकता है।
आगे भी होंगे ऐसे शो
मल्हारा हाई स्कूल के बाद सोमवार को माहेशमारा हाई स्कूल में बच्चों ने जादू शो का आनंद लिया। वहीं आने वाले मंगलवार को देवघर जिला खेल संघ के बच्चों और सदस्यों के लिए विशेष शो का आयोजन किया जाएगा।
डॉ. खवाड़े ने कहा कि भविष्य में और भी स्कूलों और संस्थानों में इस तरह के सांस्कृतिक व मनोरंजनात्मक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि बच्चे भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़े रह सकें।
बच्चों के चेहरों पर मुस्कान ही असली सफलता
कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब बच्चों के चेहरे पर मुस्कान और उत्साह दिखा, तो डॉ. सुनील खवाड़े ने कहा कि यही उनकी असली सफलता है। उन्होंने कहा—
“समाज को आगे बढ़ाने के लिए बच्चों को खुश रखना और उन्हें सकारात्मक दिशा देना सबसे जरूरी है। यही हमारा उद्देश्य है और इसी में मिलता है सच्चा शुकून।”